दुनिया की विविधता के लिए उसकी सभी भाषाओं का संरक्षण जरूरी : लोकेश नवानि गढ़वाली नाटक , पहाड़ी भोज- लाल चावल, तोर की दाल और तैडू के साथ समाप्त हुआ धाद का मातृभाषा सप्ताह

दुनिया की विविधता के लिए उसकी सभी भाषाओं का संरक्षण जरूरी : लोकेश नवानि  गढ़वाली नाटक , पहाड़ी भोज- लाल चावल, तोर की दाल और तैडू के साथ समाप्त हुआ धाद का मातृभाषा सप्ताह
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अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर धाद मातृभाषा एकांश द्वारा आयोजित मातृभाषा सप्ताह का समापन देहरादून में गढ़वाली नाट्य प्रस्तुति और पहाड़ी भोज के साथ संपन्न हुआ। ढोल दमाऊ और मंडाण के साथ महिला पॉलिटेक्निक कौलागढ़ में आयोजित समारोह में स्कूलों में एक चिट्ठी लिखिए अभियान के पुरस्कार भी वितरित किये गए। आयोजन का स्वागत संबोधन करते हुए धाद के केंद्रीय अध्यक्ष लोकेश नवानी ने कहा कि दुनिया की भाषायी विविधता और उत्तराखण्ड की तमाम भाषाओं के पक्ष में धाद इस आयोजन को हर वर्ष आयोजित करती रही है।यूनेस्को द्वारा 1999 में 21 फरवरी को दुनिया की सभी भाषाओं के पक्ष में आयोजन करने के लिए प्रस्ताव पारित किया गया। धाद ने 2010 से इस दिशा में पहल की जो आज भी जारी है। इस वर्ष इसका प्रारंभ श्रीनगर गढ़वाल से हुआ जिसके साथ भाषा विमर्श, कविता पाठ और आज का आयोजन किया गया है। उन्हेंने इस दिशा में समाज और शासन दोनों से गंभीर पहल करने की अपील की।
नाट्य प्रस्तुति इंस्पेक्टर नेगी चले चांद पर
इस अवसर पर धाद नाट्य मंडल की तरफ से गढ़वाली और हिंदी में नाटक प्रस्तुत किया गया।नाटक ‘इनस्पेक्टर नेगी चाँद पर’ हरिशंकर परसाई के व्यंग इंस्पेक्टर मातादीन चाँद पर का गढ़वाली रूपांतरण है। जिसमे चाँद सरकार ने भारत सरकार को अनुरोध किया की उनके यहां किसी ऐसे अधिकारी भेजा जाए जो वहां कानून प्रशासन को सुधार सके और नए विचार दे सके। भारत सरकार ने अपने सुयोग्य अधिकारी इंस्पेक्टर नेगी को चाँद पर भेजा। बड़ा मोड़ तब आया जब नेगी ने इन्वेस्टीगेशन का फार्मूला बताया की किस तरह से एविडन्स को पहले ढूंढे और फिर गवाहों को पकड़े। कुछ दिन सब ठीक चला लेकिन धीरे धीरे सब बिगडने लगा। चाँद अधिकारियों ने भारत सरकार से अनुरोध कर उन्हें वापिस भिजवा दिया।
पूरी कहानी भारतीय पुलिस के भ्रष्ट आचरण पर करारा व्यंग है जो की दूसरे ग्रह को भी परेशान कर डालता है। नाटक में कैलाश कंडवाल , प्रताप सिंह, मिनाक्षी जुयाल , पवन डबराल ने हिस्सा लिया। नाटक का गढ़वाली रूपांतरण और निर्देशन कैलाश कंडवाल ने किया।
एक चिट्ठी लिखिए पुरुस्कार
आज मातृ भाषा सप्ताह के समापन समारोह में एक कोना कक्षा का के अंतर्गत बाल दिवस 2022 से प्रारंभ किये गए एक चिट्ठी लिखिये अभियान के पुरस्कार भी घोषित किए गए। धाद के उपाध्यक्ष गणेश उनियाल ने पुरस्कारों की घोषणा करते हुए बताया कि पुरस्कार तीन वर्गों प्राथमिक, जूनियर एवं माध्यमिक स्तर पर दिये गए हैं तथा प्रदेश के विभिन्न विद्यालयों के 36 छात्रों को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम में पुरस्कार प्राप्त करने वाले बच्चों में नव्य बेलवाल, साक्षी, महक, अनिरुद्ध, प्रियांशु, अंश एवं दिव्यांशी उपस्थित रहे।
कल्यो फ़ूड फेस्टिवल
आयोजन का मुख्य आकर्षण फंचि का कार्यक्रम कल्यो फ़ूड फेस्टिवल में बने पहाड़ी भोजन रहें। पहाड़ के कन्द तैडू, पीला रायता, झंगोरे की खीर, लाल चावल, तोर की दाल, हरी सब्जी के साथ बना भोजन खूब सराहा गया।
…………….
इस अवसर पर महिला पॉलीटेक्निक के अध्यक्ष हर्षमणी व्यास ने धाद की सराहना की। धन्यवाद ज्ञापन डी सी नौटियाल द्वारा दिया गया।
आयोजन का संचालन शांति बिंजोला ने किया।
इस अवसर पर हर्षमणी ब्यास, डी सी नौटियाल, विकास बहुगुणा, चन्द्रभागा शुक्ला, सिद्धि भण्डारी, विजय रावत, शिव प्रकाश जोशी, अनिल जखमोला,
सोनिया जखमोला, प्रभा नेगी, उर्मिला रावत, बीना नेगी, बसंती पटवाल, मधु पटवाल, सुधा पटवाल, लीला बहुगुणा, जी एस नेगी, सुधा नेगी, संजय कुकसाल, रजनी गोसाईं, हिमांशु आहुजा, बीरेंद्र खंडूरी, अनुराधा खंडूरी, सुनील भट्ट,
गीता शाह, शान्तनु ममगाईं, सुशील यादव, राजीव पान्थरी, ज्योति जोशी, मीना घिल्डियाल, अरविंद सोलंकी, डा. अतुल बमराडा, कृष्ण कुमार कोटनाला, रक्षा बौड़ाई, दिनेश ध्यानी, अनिता ध्यानी, शान्ति अमोली बिन्जोला, अर्चना ग्वाडी,
शशांक ग्वाड़ी, महावीर सिंह रावत, मंजू रावत, कीर्ति भण्डारी, गणेश उनियाल,
उत्तम सिंह रावत, विजय जुयाल, आशा डोभाल, तन्मय ममगाईं, विनोद,
योगेश मौजूद थे।

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