उत्तराखंड शिक्षा विभाग से बड़ी खबर, शिक्षामंत्री धन सिंह रावत बोले पारदर्शी तबादलों के लिए बनाई जा रही है नियमावली

उत्तराखंड शिक्षा विभाग से बड़ी खबर, शिक्षामंत्री धन सिंह रावत बोले पारदर्शी तबादलों के लिए बनाई जा रही है नियमावली
Spread the love

देहरादून। उत्तराखंड का शिक्षा मंत्री बनने के बाद से डॉ धन सिंह रावत न विभाग में बड़ा सुधार किया है। अब शिक्ष मंत्री तबादलों को लेकर होने वाली सेटिंग गेटिंग को खत्म करने की तैयारी में है। शिक्षा मंत्री की ये पहल अगर कारगर हो जाती है तो यह विभाग के लिए बहुत बड़ी सफलता होगी।  शिक्षकों के तबादलों के लिए एक्ट की जगह नियमावली बनाकर शिक्षकों के तबादले के अधिकार को खत्म करने की तैयारी है। शासन की ओर से सचिव समिति के पास हरियाणा की तर्ज पर बन रही नियमावली का जो ड्राफ्ट रखा जाना है, उसमें स्पष्ट लिखा है तबादला शिक्षक का अधिकार नहीं माना जाएगा। शिक्षक संगठनों के मुताबिक सरकार नियमावली बनाने के बजाए तबादला एक्ट में ही जरूरी संशोधन करे।

उत्तराखंड सरकार में शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत का कहना है कि विभाग में पारदर्शी तबादलों के लिए विभाग में नियमावली बनाई जा रही है। इसके प्रस्ताव को कैबिनेट में लाया जाएगा। इसके बनने से शिक्षक खुश हैं। इससे उनके ऑनलाइन तबादले होंगे।

आपको बता दें कि शिक्षा विभाग में पारदर्शी तबादले राज्य गठन के बाद से सरकानों के लिए चुनौती बने रहे हैं। मनमाने तबादलों को लेकर सरकार पर कई तरह के सवाल खड़े होते रहे हैं। यही वजह रही कि सरकार ने शिक्षकों के तबादलों के लिए वर्ष 2012 में बनी तबादला नीति को खत्म कर वर्ष 2017 में तबादला एक्ट बनाया। जिसे शिक्षा विभाग के साथ ही सभी विभागों के लिए वर्ष 2018 से लागू किया गया, लेकिन सरकार फिर नियमावली बनाने जा रही है। विभाग की ओर से इसका जो ड्राफ्ट तैयार किया गया है, उसमें शिक्षकों के तबादलों के लिए स्कूलों को दो क्षेत्रों (पर्वतीय और मैदानी) में बांटा गया है। ड्राफ्ट में स्पष्ट किया गया है कि तबादलों के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया अपनाई जाएगी। जिसमें अनिवार्य तबादले शिक्षकों के गुणांकों के आधार पर वरीयता क्रम में उपलब्ध खाली पदों पर किए जाएंगे। जबकि अनुरोध के आधार पर विशेष श्रेणी के शिक्षकों के तबादले होंगे।

जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष रघुवीर पुंडीर के मुताबिक एक्ट से दुर्गम से सुगम क्षेत्र के स्कूल में तबादले की उम्मीद रहती है। यदि एक्ट की जगह नियमावली बना दी गई तो अधिकारियों और मंत्रियों की परिक्रमा करने वाले चहेते शिक्षक ही सुविधाजनक स्कूलों में तबादला पाएंगे। राजकीय शिक्षक संघ के निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष केके डिमरी के मुताबिक नियमावली तबादला एक्ट से बढ़कर नहीं है। सरकार जिस एक्ट को अब तक अपनी उपलब्धि बता रही थी, उसे आज खत्म करने जा रही है।

Mankhi Ki Kalam se

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *