पीएम मोदी की ‘मन की बात’ का 100 वां एपिसोड 30 अप्रैल को होगा प्रसारित

पीएम मोदी की ‘मन की बात’ का 100 वां एपिसोड 30 अप्रैल को होगा प्रसारित
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘मन की बात’ न सिर्फ लोकप्रियता का रिकार्ड बना रही है, बल्कि यह लोगों में सकारात्मक सोच विकसित करने और उन्हें राष्ट्र निर्माण की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित भी कर रही है। आइआइएम, रोहतक के अध्ययन में यह बात सामने आई है।अध्ययन के मुताबिक, देश के 100 करोड़ लोग इस रेडियो कार्यक्रम (मन की बात) को सुन चुके हैं और 96 प्रतिशत लोग इससे वाकिफ हैं। इस कार्यक्रम के 99 एपिसोड पूरे हो चुके हैं और 30 अप्रैल को 100वां एपिसोड प्रसारित होगा।

23 करोड़ लोग नियमित सुनते हैं ‘मन की बात’ प्रसार भारती के सीईओ गौरव द्विवेदी और आइआइएम, रोहतक के निदेशक धीरज शर्मा ने अध्ययन के निष्कर्षों की जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री के ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 23 करोड़ नियमित श्रोता हैं, जबकि 41 करोड़ लोग कभी-कभी इसे सुनते हैं। अध्ययन के मुताबिक, कार्यक्रम की लोकप्रियता की वजह एक निर्णायक और सशक्त नेतृत्व का श्रोताओं के साथ भावनात्मक लगाव स्थापित करना है। इसके साथ ही श्रोता प्रधानमंत्री द्वारा दी गई जानकारियों और उनके सहानुभूतिपूर्ण व हमदर्दी के दृष्टिकोण को भी पसंद करते हैं।

गौरव द्विवेदी के अनुसार, प्रधानमंत्री की ‘मन की बात’ न सिर्फ लोकप्रिय है, बल्कि काफी प्रभावशाली भी पाया गया है। इसे सुनने वाले अधिकांश लोगों का कहना है कि इससे सरकारी योजनाओं के बारे में उनकी जागरूकता बढ़ी है। वहीं, 73 प्रतिशत ने बताया कि इससे उनकी सकारात्मक सोच बनी है और वे अनुभव करते हैं कि देश के विकास की सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। 58 प्रतिशत श्रोताओं ने इसे सुनने से अपने जीवन स्तर में सुधार और 59 प्रतिशत ने सरकार पर भरोसा बढऩे का दावा किया है, जबकि 63 प्रतिशत श्रोताओं ने सरकार के प्रति सोच के सकारात्मक होने और 60 प्रतिशत ने राष्ट्र निर्माण के लिए काम करने की प्रेरणा मिलने का दावा किया।

गौरव द्विवेदी के मुताबिक, ‘मन की बात’ कार्यक्रम टीवी, मोबाइल और रेडियो तीनों ही प्लेटफार्म पर खासा लोकप्रिय है। 44.7 प्रतिशत लोग इसे टीवी पर और 37.6 मोबाइल पर और शेष रेडियो पर सुनते हैं। टीवी पर कार्यक्रम को सुनने वाले लोगों में 62 प्रतिशत 19 से 34 साल की उम्र के हैं, जो इस कार्यक्रम के युवाओं में लोकप्रियता को दिखाता है। श्रोताओं में 65 फीसद हिंदी और 18 फीसद अंग्रेजी में इस कार्यक्रम को सुनते हैं। तीन अक्टूबर 2014 को शुरू हुआ ‘मन की बात’ कार्यक्रम 22 भाषाओं और 29 बोलियों में प्रसारित किया जाता है। यही नहीं, अंग्रेजी के अलावा फ्रेंच, चीनी और इंडोनेशियाई समेत 11 विदेशी भाषाओं में यह कार्यक्रम प्रसारित होता है।

Mankhi Ki Kalam se

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