श्रीनगर गढ़वाल उपजिला चिकित्सालय के रेडियोलॉजिस्ट डॉ रचित गर्ग और सर्जन डॉ लोकेश सलूजा ने रचा इतिहास
देहरादून। श्रीनगर गढ़वाल उपजिला चिकित्सालय के दो डॉक्टरों रेडियोलॉजिस्ट डॉ रचित गर्ग और सर्जन डॉ लोकेश सलूजा द्वारा बिना चीरा लगाये किया गया एक ऑपरेशन आजकल चर्चाओं में है। सीमित संसाधनों में डॉ रचित गर्ग और सर्जन डॉ लोकेश सलूजा ने लंबे समय से पेट दर्द से परेशान मरीज के चेहरे पर मुस्कान लाने का काम किया है। उनके इस ऑपरेशन की पूरे स्वास्थ्य महकमें में चर्चायें हैं। उनके काम की तारीफ स्वास्थ्य विभाग के मुखिया धन सिंह रावत के साथ अधिकारी व साथी डॉक्टर कर रहे हैं। पहाड़ों के सरकारी अस्पतालों में अगर इस तरह के जटिल ऑपरेशन होने लगे तो यह स्वास्थ्य सेवाओं के भविष्य के लिए शुभ संकेत है।
आपको बता दें कि दलवीर नाम का व्यक्ति लंबे समय से पेट दर्द की समस्या से परेशान था। पेट दर्द की दवाईयों ने भी जब अपना असर करना बंद कर दिया तो वह दर्द के इलाज के लिए उपजिला चिकित्सालय श्रीनगर पहुंचा। यहां उसने डॉ लोकेश सलूजा को अपने पेट दर्द से जुड़ी पूरी जानकारी दी। मरीज की जांच करने के बाद डॉक्टर सलूजा ने दलवीर को अल्ट्रासाउंड करने की सलाह दी। रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर रचित गर्ग ने जब मरीज का अल्ट्रासाउंड किया तो उन्होंने मरीज की किडनी में पांच सेंटीमीटर से अधिक की सिस्ट (पानी की गांठ) पाई। मरीज दलवीर के पेट दर्द की वजह यह गांठ ही थी। जिसके बाद दोनों डॉक्टरों ने आपस में डिसकस कर बिना ऑपरेशन इस गांठ से पानी निकालने का निर्णय लिया।
रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर रचित गर्ग व सर्जन डॉक्टर लोकेश सलूजा की टीम ने मरीज दलबीर का अल्ट्रासाउंड मशीन के माध्यम से बिना चीरा/ऑपरेशन के किडनी में मौजूद पानी की गांठ से पानी निकाला । इस ऑपरेशन की जानकारी देते हुए सर्जन डॉ लोकेश सलूजा ने बताया कि अल्ट्रासाउंड गाइडेड एस्पिरेशन आफ रिनल सिस्ट का यह पहला केस श्रीनगर उप जिला चिकित्सालय के इतिहास का पहला केस होगा। उन्होंने बताया कि इस प्रोसीजर के बाद मरीज़ पूरी तरह स्वस्थ्य है। उसका पेट दर्द भी अब ठीक है। डॉ रचित गर्ग ने कहा पहाड़ों पर कम संसाधन होने के चलते इस तरह के प्रोसीजर करना थोड़ा मुश्किल होता है। हमारा यहां पर पहला प्रयास था जो पूरी तरह से सफल रहा है। मरीज़ पूर्ण रूप से स्वस्थ है।
रेडियोलॉजिस्ट डॉ रचित गर्ग ने कहा स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत पर्वतीय जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं को लगातार मजबूत करने में लगे हुए हैं। पहाड़ी जिलों में डॉक्टरों व मेडिकल स्टॉफ की तैनाती की गई है। सरकारी अस्पतालों में जरूरी उपकरण व मशीनें भी भेजी जा रही हैं। डॉ रचित गर्ग ने कहा आने वाले समय में सरकारी अस्पतालों में काफी बदलाव देखने को मिलेगा। आम जनमासन का विश्वसास सरकारी अस्पतालों की तरफ लगातार बढ़ रहा है।