राहुल गांधी ने आज हरियाणा के नूंह से की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की शुरुआत
हरियाणा। राहुल गांधी ने बुधवार को पार्टी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की शुरुआत हरियाणा के नूंह से की। जैसे ही कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ ने हरियाणा में प्रवेश किया तो नेता राहुल गांधी ने भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने नूंह में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज लड़ाई दो विचारधाराओं के बीच है। एक जो कुछ चुनिंदा लोगों को लाभ पहुंचाती है, जबकि दूसरी लोगों की आवाज है, किसान और मजदूर की आवाज। भारत जोड़ो यात्रा के चलते हरियाणा-राजस्थान बॉर्डर से लेकर फिरोजपुर-झिरका तक जाम देखने को मिला। जगह-जगह पार्टी के वॉलिंटियर राहगीरों की मदद कर रहे थे। इस दौरान लोगों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। कई किलोमीटर लंबा काफिला चला। भूपेंद्र हुड्डा, चौधरी उदयभान, रणदीप सुरजेवाला, जयराम रमेश, सचिन पायलट सहित कई स्थानीय नेता यात्रा में शामिल हुए।सुबह चार बजे से ही हरियाणा के प्रवेश स्थल पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ जमा थी। घने कोहरे के बीच कांग्रेस कार्यकर्ताओं की गाड़ियाँ राजस्थान हरियाणा की सीमा पर पहुंची थी। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को एंट्री स्थल तक छोड़ने के लिए राजस्थान के सीएम अशोक गहलौत, सचिन पायलट, हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेन्द्र सिंह हुड्डा, रणदीप सुरजेवाला, कुमारी शैलजा, दीपेन्द्र हुड्डा और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष उदयभान सहित सभी वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।यात्रा की शुरुआत करने से पहले नूंह में जनसभा को संबोधित करते हुए गांधी ने कहा कि देश में दो विचारधाराओं के बीच लड़ाई कोई नई नहीं है और यह हजारों साल से चली आ रही है। यह कोई नई लड़ाई नहीं है, यह मत सोचो कि यह लड़ाई आज की है या 21वीं सदी की है, यह लड़ाई हजारों साल पुरानी है… एक विचारधारा जो कुछ चुनिंदा लोगों को लाभ देती है और दूसरी लोगों, किसानों, गरीब और मजदूरों की आवाज है।
उन्होंने कहा, “यह लड़ाई चलती रहेगी, लेकिन इस लड़ाई में कांग्रेस पार्टी की भूमिका है और हम सभी की भूमिका है। इसलिए हमने यह यात्रा शुरू की है। उन्होंने कहा, ‘मैं भारत जोड़ो यात्रा के जरिए नफरत के बाजार में प्यार की दुकान खोल रहा हूं। जब ये लोग इस देश में नफरत फैलाने जाते हैं, तो हमारी विचारधारा के लोग प्यार और स्नेह फैलाने निकलते हैं।’ कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि आजकल कांग्रेस, बीजेपी, सपा इत्यादि के नेताओं और जनता के बीच में खाई बन गई है, नेता सोचते हैं कि जनता की बात सुनने की जरूरत नहीं है और घंटों भाषण देते हैं। हमने इस यात्रा में इसे बदलने की कोशिश की है।