रेखा आर्या ने राज्य स्त्री शक्ति तीलू रौतेली एवं आंगनबाड़ी कार्यकत्री पुरूस्कार कार्यक्रम में आंगनबाड़ी कार्यकत्री की पोशाक पहनकर की शिरकत, आंगनबाड़ी बहनों के साथ ली सेल्फी

रेखा आर्या ने राज्य स्त्री शक्ति तीलू रौतेली एवं आंगनबाड़ी कार्यकत्री पुरूस्कार कार्यक्रम में आंगनबाड़ी कार्यकत्री की पोशाक पहनकर की शिरकत, आंगनबाड़ी बहनों के साथ ली सेल्फी
Spread the love

मेरी बहनों मैं आप में और आप मुझ में, मैं भी आपकी आंगनबाड़ी बहन-रेखा आर्या

 

आंगनबाडी की पोशाक पहनकर कर रही हूं खुद को गौरवान्वित महसूस-रेखा आर्या

 

रंग, जाति व लिंग तीन तरह के भेदभाव समाप्त कर ही समाज में महिलाओं की तरक्की हो सकती है सुनिश्चित-रेखा आर्या

 

सरकार चला रही महिलाओं और उनके उत्थान के लिए कई सारी योजनायें-रेखा आर्या

 

देहरादून: आज महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने सर्वे चोक स्थित आईआरडीटी सभागार में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी के साथ महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के अन्तर्गत “राज्य स्त्री शक्ति तीलू रौतेली” एवं “आंगनबाड़ी कार्यकत्री पुरूस्कार”( 2022-23) समारोह में सम्मलित हुई,कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन कर किया गया।वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता राजपुर विधायक खजानदास ने की। जहां कार्यक्रम में आज प्रदेश की 14 महिलाओं को “राज्य स्त्री शक्ति तीलू रौतेली” पुरुस्कार तथा 35 महिलाओं को “राज्य स्तरीय आंगनबाड़ी कार्यकत्री” पुरूस्कार से सम्मानित किया गया।साथ ही विजेताओं के बैंक खातों में पुरुस्कार की धनराशि आनलाइन जारी की गई।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पुरूस्कार विजेताओं को शुभकामनाएं ज्ञापित करते हुए कहा कि पुरूस्कार प्राप्त करने वाली महिलाओं के साथ खडे होकर वह स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। उत्तराखण्ड सरकार महिला शक्ति को प्रोत्साहित करने के लिए सभी आवश्यक प्रयास कर रही है। उन्होने बताया कि तीलू रौतेली व आंगनवाडी कार्यकत्री दोनो पुरस्कारों की धनराशि रु0 51 हजार करते हुए मुख्यमंत्री घोषणा पूर्ण कर ली गई है। व्यक्गित अनुभव साझा करते हुए उन्होंने कहा कि उनके दोनो बच्चों की स्कूली शिक्षा की नीव आंगनबाडी केन्द्र पर ही पड़ी है,ऐसे में वह आंगनबाडी कर्मियों के साथ परिवार जैसा महसूस करते हैं।कहा कि तीलू रौतेली के साहस का प्रतीक हमारी सभी बहने है। महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण देने में किये गये प्रयासों में सरकार की प्राथमिकता झलकती है। विभिन्न विभागों की महिला परक योजनाओं की प्रगति बताते हुए मुख्यमंत्री ने प्रतिभागियों से आहवाहन किया कि सरकारी योजनाओं की सही जानकारी प्राप्त कर अन्य महिलाओं तक पहुचाई जाये। महिलाओं की प्रगति का संकल्प “विकल्प रहित” है जिसे पूर्ण करने में राज्य वासियों को अपनी पूरी क्षमता से योगदान देना है।

वहीं विभागीय मंत्री रेखा आर्या ने समारोह में आंगनबाडी कार्यकत्री की पोशाक पहनकर प्रतिभाग किया। उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि आंगनबाडी की पोशाक पहनकर वह स्वयं को उनके समान मेहनती, अनुशासित और गौरवान्वित महसूस कर रही हैं। कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड की परिकल्पना में तीलू व आंगनबाडी कार्यकत्री जैसा जीवट सीखने की इच्छा व साहस के गुण समाहित है।उन्होंने कहा कि महिलायें अपने अन्दर की क्षमता को पहचानें और समाज को आगे बढायें।साथ ही कहा कि तीलू रौतेली के जन्मदिवस के अवसर पर आधुनिक तीलू रौतेली व आंगनबाडी कार्यकत्रियों का सम्मान किया जा रहा है। सरकार महिलाओं और उनके उत्थान के लिए कई सारी योजनायें चला रही है। उन्होंने कहा कि रंग, जाति व लिंग तीन तरह के भेदभाव समाप्त कर ही समाज में महिलाओं की तरक्की सुनिश्चित हो सकती है। तीलू रौतेली एवं ऑगनबाडी पुरूस्कार प्राप्त करने वाली महिलाओं को बधाई देते हुए कहा कि आने वाले समय में खेल जगत में उत्तराखण्ड की महिला खिलाड़ी राष्ट्रीय व अर्न्तराष्ट्रीय स्तर पर नये कीर्तिमान स्थापित करेंगी।

बताते चले कि राज्य की विषम परिस्थितियों में शिक्षा, समाज सेवा, साहसिक कार्य, खेल, कला, क्राफ्ट, संस्कृति, पर्यावरण एवं कृषि आदि क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिला एवं किशोरियों को राज्य स्त्री शक्ति “तीलू रौतेली” पुरूस्कार प्रतिवर्ष वीरांगना तीलू रौतेली के जन्म दिवस 8 अगस्त को महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्रदान किया जाता हैं। इस योजना के अन्तर्गत चयनित महिलाओं को प्रशस्ति पत्र, रू0 51 हजार की धनराशि ऑनलाईन जारी करते हुए प्रमाण पत्र तथा स्मृति चिन्ह प्रदान किया जाता है।

राज्य स्तरीय आगनबाडी कार्यकत्री पुरूस्कार हेतु राज्य में न्यूनतम 05 वर्ष से निरन्तर कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकत्री / मिनी आंगनवाड़ी कार्यकत्री जिनके केन्द्र पर ग्रामीण क्षेत्रों में 3 से 6 वर्ष के न्यूनतम 08 एवं शहरी क्षेत्रों में न्यूनतम 18 बच्चे पंजीकृत हो एवं समस्त लाभार्थी पोषण ट्रेकर एप में पंजीकृत हो,आंगनवाड़ी केन्द्रों का संचालन केन्द्रों में अभिलेखों का उचित रख-रखाव,अनुपूरक पोषाहार का नियमित वितरण एवं जनसमुदाय को योजनाओं के प्रति जागरुक किया हो, कुपोषण उन्मूलन हेतु विशेष प्रयास किया हो एवं वर्ष में ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस का नियमित आयोजन किया हो, आगनवाड़ी केन्द्र व केन्द्र के आस-पास की साफ सफाई पर विशेष ध्यान दिया हो, उनकी कार्यप्रणाली में बेहतर परिणाम एवं प्रतिस्पर्धा की भावना को बढ़ाने के उद्देश्य से इस पुरुस्कार में कार्यकत्री को रू० 51 हजार की धनराशि ऑनलाईन, प्रमाण पत्र तथा स्मृति चिन्ह प्रदान किया जाता है।

Mankhi Ki Kalam se

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *