उत्तराखंड

सुप्रीम कोर्ट ने पुरोला शहर में प्रस्तावित महापंचायत को रोकने के लिए याचिका पर विचार करने से किया इनकार, अब हाईकोर्ट में होगी सुनवाई

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देहरादून। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड में बढ़ते सांप्रदायिक तनाव के बीच उत्तरकाशी जिले के पुरोला शहर में प्रस्तावित महापंचायत को रोकने के लिए याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। जिसके बाद अब याचिकाकर्ता ने उत्तराखंड हाईकोर्ट का रुख किया है। मामले में हाईकोर्ट कल गुरुवार को सुनवाई करेगा। सर्वोच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता को राहत के लिए उच्च न्यायालय या संबंधित अधिकारियों से संपर्क करने की अनुमति दी थी। सुप्रीम कोर्ट के इनकार के बाद अब याचिकाकर्ता ने उत्तराखंड हाईकोर्ट का रुख किया है। उत्तरकाशी जिले के पुरोला में 15 जून को प्रस्तावित महापंचायत पर पुलिस के सख्त रुख के बाद ग्राम प्रधानों का संगठन बैकफुट पर आ गया, लेकिन अब विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल जैसे हिंदुवादी संगठन खुलकर सामने आ गए हैं।

उन्होंने कहा कि हम लव जिहाद के खिलाफ पुरोला में महापंचायत करेंगे। इसे देखते हुए पुरोला नगर क्षेत्र में जिला प्रशासन ने आज 14 जून से लेकर 19 जून तक लागू की धारा 144 लागू कर दी है। एसडीएम पुरोला देवानंद शर्मा ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि धारा 144 का सख्ती से होगा पालन। स्थानीय प्रशासन ने मंगलवार को साफ कह दिया था कि ऐसी किसी गतिविधि की इजाजत कतई नहीं दी जाएगी। आवश्यकता पड़ी तो धारा 144 भी लगाई जा सकती है।

दूसरी तरफ, उत्तरकाशी के बॉर्डर को पुलिस ने सील कर दिया। एडीजी कानून व्यवस्था वी मुरुगैसन ने बताया कि उत्तरकाशी के बॉर्डर को पुलिस ने सील कर दिया है और बाहरी जिलों से महापंचायत के लिए जाने वाले लोगों को पुलिस अब बॉर्डर पर ही रोकने लगी ही। पुरोला किसी भी प्रकार से 144 का उलंघन न हो, इसके लिए एक्स्ट्रा फोर्स के साथ पीएसी भी भेजी गई है। वहीं मामले में एडीजी लॉ एंड ऑर्डर का कहाना है की बॉर्डर सील किया गया है। कोई भी व्यक्ति अगर धारा 144 का उलंघन करता है तो सख्ती बरती जाएगी।

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