व्यासी परियोजना:आज से होगा ट्रायल के तौर पर विद्युत उत्पादन शुरू

व्यासी परियोजना:आज से होगा ट्रायल के तौर पर विद्युत उत्पादन शुरू
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देहरादून। प्रदेश में भीषण गर्मी के बीच भारी बिजली किल्लत के समय में व्यासी परियोजना बड़ी राहत लेकर आएगी। उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (यूजेवीएनएल) की ओर से बुधवार से यहां ट्रायल के तौर पर बिजली उत्पादन शुरू हो गया है। 20 अप्रैल से प्रदेश को बिजली मिलनी शुरू हो जाएगी।

व्यासी जल विद्युत परियोजना के तहत पानी को रोकने का काम लगभग पूरा हो चुका है। इस परियोजना की जद में लोहारी गांव आया है, जो अब जलमग्न हो चुका है। परियोजना के तहत बुधवार से जल विद्युत उत्पादन का ट्रायल शुरू हो गया है।इसके बाद कॉमर्शियल तौर पर विद्युत उत्पादन में थोड़ा समय लगेगा। यूजेवीएनएल के मुताबिक, 20 अप्रैल से उत्तराखंड को 353 मिलियन यूनिट बिजली मिलनी शुरू हो जाएगी। यमुना में जल स्तर बढ़ने के बाद यह परियोजना 120 मेगावाट तक बिजली उत्पादित करने लगेगी।

2014 में शुरू हुआ था निर्माण कार्य
व्यासी परियोजना जिले के हथियारी जुड्डो में यमुना नदी पर स्थित रन ऑफ रिवर जलविद्युत परियोजना है। आवश्यक समस्त स्वीकृतियों को प्राप्त करने के बाद वर्ष 2014 में परियोजना का निर्माण कार्य शुरू किया गया था। इस परियोजना की लागत 1777.30 करोड़ रुपये है। हम कल से ट्रायल शुरू कर रहे हैं। सिंक्रोनाइजेशन में थोड़ा समय लगता है। बिजली उत्पादन शुरू होगा। इसके बाद हम कॉमर्शियल उत्पादन शुरू कर देंगे। 20 अप्रैल से प्रदेश को 353 मिलियन यूनिट बिजली मिलनी शुरू हो जाएगी। – संदीप सिंघल, एमडी, यूजेवीएनएल

प्रदेश में गर्मी के साथ ही बढ़ा बिजली संकट:  प्रदेश में गर्मी बढ़ने के साथ ही बिजली का संकट बढ़ना शुरू हो गया है। रोजाना से 12 से 15 से करोड़ रुपये की बिजली खरीदने के बावजूद बिजली कटौती बढ़ती जा रही है। यूपीसीएल के लिए भी लगातार इतना खर्च करने से संकट बढ़ने लगा है। प्रदेश में बिजली किल्लत बढ़ने की वजह से अब कटौती उद्योग और गांवों के साथ ही छोटे कस्बों तक पहुंच गई है। मंगलवार को जहां दो घंटे फर्नेश उद्योगों में कटौती की गई तो ग्रामीण इलाकों में भी दो से ढाई घंटे की कटौती की गई। बिजली की कमी की वजह से मंगलवार को छोटे कस्बों में भी करीब एक से दो घंटे की कटौती की गई।

रोजाना 12 से 15 करोड़ का खर्च: यूपीसीएल के पास फिलहाल डिमांड 42.5 मिलियन यूनिट तक पहुंच गई है जबकि इसके सापेक्ष बिजली की उपलब्धता केवल 32 मिलियन यूनिट तक ही है। रोजाना 10 से 11 मिलियन यूनिट बिजली यूपीसीएल को 10 से 11 रुपये प्रति यूनिट के दाम पर खरीदनी पड़ रही है।

रियल टाइम मार्केट भी नहीं दे पा रहा सहारा: यूपीसीएल वैसे तो लगातार बिजली आपूर्ति पूर्ण करने की कोशिश कर रहा है लेकिन नेशनल एक्सचेंज के बाद रियल टाइम मार्केट से भी पर्याप्त बिजली नहीं मिल पा रही है। यूपीसीएल के एसई कॉमर्शियल गौरव शर्मा ने बताया कि इस वजह से रोजाना करीब तीन मिलियन यूनिट यानी 30 लाख यूनिट बिजली की कमी हो रही है, जिस वजह से कटौती करनी पड़ रही है।

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