यमकेश्वरः शासनादेश जारी होने के एक साल बाद भी नहीं बना सिंगठाली पुल

यमकेश्वरः शासनादेश जारी होने के एक साल बाद भी नहीं बना सिंगठाली पुल
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यमकेश्वरः यमकेश्वर क्षेत्र के ढांगू क्षेत्र को जोड़ने के लिए सिंगठाली पुल के निर्माण के लिए उत्तराखण्ड शासन से शासनादेश माह अप्रैल 2021 में जारी हो गया था, लेकिन लोक निर्माण विभाग की हीलाहवली के कारण अभी तक शासनादेश परवान नहीं चढ पाया है। सिंगठाली पुल बद्रीनाथ हाईवे पर कौडियाला से पहले है, यह पुल बहुत पुराना है, जो जर्जर हो चुका है। स्थानीय निवासी मोटर पुल की मॉग विगत कई सालों से करते आ रहे हैं, इसके लिए ग्रामीणों के द्वारा आंदोलन भी किया गया था।

           सरकार ने वर्ष 2006-07 में राज्य योजना में पौड़ी जिले के अंतर्गत कौड़ियाला-व्यासघाट मार्ग को मंजूरी दी थी। ऋषिकेश-श्रीनगर मार्ग से जोड़ने के लिए इस पर कौड़ियाला से एक किमी आगे सिंगटाली में गंगा नदी पर पुल का निर्माण प्रस्तावित किया गया, लेकिन विभिन्न कारणों से यह लटका हुआ था। पिछली त्रिवेंद्र सरकार ने 15 जनवरी 2020 को इस पुल के निर्माण स्थल को बदलने के आदेश जारी कर दिए थे। तब से क्षेत्रवासियों के विरोध के चलते यह प्रस्तावित पुल सुर्खियों में था। अब तीरथ सरकार ने निर्णय लिया है कि यह पुल सिंगटाली में ही बनेगा। इस संबंध में पिछली सरकार के कार्यकाल में जारी शासनादेश को निरस्त कर नया शासनादेश जारी कर दिया गया ।

पुल का निर्माण टिहरी जिले के नरेंद्रनगर ब्लाक के सिंगटाली गांव और पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लाक के ढांगूगढ़ में गंगा नदी पर किया जाना है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि जहां जनता चाहती है, वहीं पर यह पुल बनने जा रहा है। क्षेत्रीय जनता लंबे अर्से से यह मांग उठा रही थी, जो पूरी हो गई है। इस पुल की डीपीआर व बजट तैयार है। अधिकारियों को सिंगटाली पुल का जल्द निर्माण कार्य प्रारंभ करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस पुल के बनने से न केवल पौड़ी, टिहरी के निवासियों को लाभ मिलेगा, बल्कि यह गढ़वाल व कुमाऊं दोनों मंडलों के बीच दूरी भी घटाएगा।

यह पुल सिंगटाली, व्यासी, सतपुली, रिखणीखाल, सिद्धखाल, नैनीडांडा, रामनगर होते हुए कुमाऊं मंडल को भी जोड़ने का काम करेगा। उधर, ढांगू विकास समिति के अध्यक्ष उदय सिंह नेगी ने सिंगटाली में ही इस पुल के निर्माण के लिए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और उत्तराखंड से राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी के प्रति आभार जताते हुए कहा कि अब क्षेत्रवासियों की बहुप्रतीक्षित मांग पूरी हो गई है। इस पुल के निर्माण से पौड़ी जिले की एक बड़ी आबादी के लिए ऋषिकेश व देहरादून की यात्रा आसान और निकट हो जाएगी। साथ ही यह मार्ग बदरीनाथ मार्ग से कोटद्वार के लिए सीधे जुड़ जाएगा।

          स्थानीय निवासी प्रदीप रावत का कहना है कि विभाग की सुस्त परस्ती का नतीजा है कि शासनादेश जारी होने के बावजूद भी अभी तक पुल निर्माण के लिए एक पत्थर तक नहीं रखा गया है। इसके लिए स्थानीय विधायक को प्रयास करना समीचीन प्रतीत हो रहा है, अन्यथा यह पुल कागजों तक ही सीमित रहने के आसार नजर आ रहे हैं। यदि उक्त पुल का निर्माण होगा तो ढांगू क्षेत्र से जुड़े निवासियों के लिए यह पुल वरदान साबित होगा। झैड़,कूला, आदि गॉव से पलायन का मुख्य कारण सड़क से जुडा हुआ नहीं होना है।

Mankhi Ki Kalam se

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