मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने इन गुरूजनों को किया सम्मानित, आखिर क्या कहा उनके गुरूजनों ने सम्मानित होने के बाद

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने अपने इन गुरूजनों को किया सम्मानित, आखिर क्या कहा उनके गुरूजनों ने सम्मानित होने के बाद
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“गुरू गोविन्द दोउ खड़े, काके लागों पाय
बलिहारी गुरू आपने, गोविंद दियो बताय’’।

यमकेश्वरः कबिरादास जी का यह दोहा उन शिष्यों के लिए हमेशा प्ररेणा का काम करता है, जो शिष्य अपने उच्च स्थान करने के बाद भी अपने गुरूजनों के दिये हुए आदर्श को नहीं भूलता है, और उन्हें सदैव स्मरण करता रहता है। ऐसे ही योग्य शिष्य योगी आदित्यनाथ भी हैं, जो अपने गुरूजनों का मुख्यमंत्री और भारत के उभरते नायक हैं, उन्होंने अपने गॉव में आकर अपने सन्यायी गुरू ब्रहमालीन योगी अवैद्यनाथ की मूर्ति का अनावरण करने के अवसर पर उन्होंने अपने गुरूजी को स्मरण करते हुए वह भावुक हो गये। उसके बाद उन्होनें अपने बेसिक से लेकर हाई स्कूल में पढाने वाले अपने गुरूजनों को सम्मानित किया।

योगी आदित्यनाथ को पढाने वाले गुरूजनो ने बताया कि उनके लिए विशेष निमन्त्रण भिजवाया गया था। उन्होनें यह कभी भी कल्पना नहीं कि थी कि मुख्यमंत्री उन्हें इस तरह सम्मानित करेंगे। योगी आदित्यनाथ की प्राईमरी शिक्षा अपने गॉव के समीप ठांगर प्राथमिक विद्यालय में हुई, उन्हें पढाने वाले शिक्षक राजेन्द्र सिंह रावत जोकि मूल निवासी लखवाड़ गॉव के हैं के द्वारा शिक्षा दीक्षा दी गयी। आम बालक की तरह उन्हें शिक्षा दी गयी, आज जब उनके शिष्य देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के मुख्यामंत्री और उभरते हिदुंत्व के नायक योगी आदित्यनाथ ने जब सम्मानित किया तो वह भावुक हो गये, और खुद को गर्वानित महसूस किया।

जूनियर हाईस्कूल ठांगर में कक्षा 06 से 08 तक उनको जिन अध्यापकों ने पढाया उनमें से सम्मानित होने वाले शिक्षक श्री रघुवीर सिंह नेगी जो कि मूल निवासी तिमली पिलगड़ी के रहने वाले हैं उनके द्वारा उन्हें 1983- 1984 में पढाया गया। रघुवीर सिंह नेगी ने कहा कि योगी जी के द्वारा हमें सम्मानित करते हुए कुशल क्षेम पूछा और हाल चाल पूछा। उन्होंने कहा कि उस दौर में जब योगी यानी अजय बिष्ट पढता था तो मैं उन्हें संस्कृत और सामाजिक विषय पढाता था। उनके द्वारा सम्मानित होने पर और उनके दोबारा मुख्यमंत्री बनने पर यमकेश्वर क्षेत्र का नाम पूरे देश में रोशन हुआ है।

वहीं कक्षा 09 में चमकोटखाल में प्रवेश लेने के बाद उन्हें पढाने वाले अध्यापको मे महिमानंद बमराड़ा, ग्राम जियाकाटल, प्रवक्ता अर्थशास्त्र, हरिप्रसाद उनियाल प्रवक्ता हिंदी, निवासी बडोली यमकेश्वर, राजेन्द्र सिंह भण्डारी निवासी श्रीनगर,सत्य प्रसाद बड़थ्वाल, सहायक अध्यापक गणित, ग्राम खण्ड द्वारीखाल को सम्मानित किया गया। इन सभी अध्यापकों ने कहा कि वर्तमान में भारत में मोदी जी के बाद सबसे बड़े आदर्श नेता के रूप में नेतृत्व कर रहे हैं, यह यमकेश्वर क्षेत्र का सौभाग्य है कि यहॉ से ऐसे सपूत ने जन्म लिया। उन्होनें कहा कि एक अध्यापक की यही ख्वाईश होती है कि उनके शिष्य हमेशा प्रगति करे और माता-पिता के बाद शिक्षक ही विद्यार्थीर् के प्रगति पर सबसे ज्यादा खुश होता है, और खुद से भी बड़ा बनाना चाहता है, आज वही पल हमें देखने का सुअवसर प्राप्त हुआ।

      सूत्रों के अनुसार सभी शिक्षकों को बुलाया गया था लेकिन अधिकांश शिक्षक बुजुर्ग होने या अस्वस्थ होने के चलते कार्यक्रम में नहीं आ पाये, इनमें से श्री उम्मेद सिंह चौहान, रमेश चन्द्र शुक्ला आदि शिक्षक स्वास्थ्य कारणों के चलते उक्त कार्यक्रम में प्रतिभाग नहीं कर पाये।

     

       वहीं कार्यक्रम की समाप्ति के बाद वह अपनी माताजी से मिलने गये, और अपने रिश्तेदारों से मिले, अपने स्वजनों के साथ समय व्यतीत किया। बताया जा रहा है कि आज वह अपने भतीजे के मुंडन संस्कार में शिरकत करेगे। सूत्रों के हवाले खबर के अनुसार सुबह उठकर वह अपने आस पड़ौस एवं खेतों में इधर उधर घूमकर सुबह का समय व्यतीत किया।

Mankhi Ki Kalam se

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