’स्पेशल 26’ की तरह उत्तराखंड में सरकारी नौकरी के नाम पर बेरोजगारों युवाओं के साथ बड़ा खेल
हरिद्वार। ’स्पेशल 26’ की तरह उत्तराखंड में सरकारी नौकरी के नाम पर बेरोजगारों युवाओं के साथ बड़ा खेल हो गया। पांच से दस लाख रुपये लेकर सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर एक गिरोह ने लंबे समय से इस फर्जीवाड़ा को अजांम दे रहा था। हरिद्वार के लक्सर कोतवाली क्षेत्र के जैतपुर गांव में सक्रिय गैंग द्वारा बेरोजगारों को विभिन्न सरकारी विभागों में सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपये की रकम ऐंठकर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के नामी होटलों में फर्जी तरीके से इंटरव्यू लेकर फर्जी नियुक्ति पत्र दिए जा रहे थे। गिरोह के लोग बेरोजगारों को नौकरी का झूठा लालच देते थे और फिर उनसे पांच से दस लाख रुपये लेकर नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़ा करते थे। किसी को कोई शक न हो। इसलिए देश की राजधानी दिल्ली व उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बनाए गए आफिस व नामी होटलों में बेरोजगारों को इंटरव्यू के नाम पर बुलाकर लाखों रुपयों की डिमांड की जाती थी। रकम मिलने पर उपभोक्ता न्यायालय, जिला न्यायालय एवं आयकर विभाग समेत अन्य विभागों से संबंधित नौकरियों के फर्जी नियुक्ति पत्र जारी किए जाते थे। इनके ठाठ बाट देख बेरोजगारों में भ्रम की स्थिति बनी रहती थी और लोग आसानी से इनकी धोखाधड़ी का शिकार हो जाते थे। उक्त गिरोह के विरुद्ध जनपद के लक्सर, रुड़की, ज्वालापुर, भगवानपुर आदि कई थानों में धोखाधड़ी की गंभीर धाराओं में आठ मुकदमे दर्ज हैं।
एसएसपी अजय सिंह की अचूक रणनीति से पकड़े गये ठग
जनपद में बेरोजगारों की भावनाओं से खेलकर जनपद में चल रहे इस बड़े खेल पर फोकस करते हुए एसएसपी अजय सिंह द्वारा एक ठोस रणनीति बनाकर संयुक्त पुलिस टीम का गठन किया गया। जिस पर टीम द्वारा कार्रवाई करते हुए मामले में शामिल चार लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में कादिर पुत्र शहीद हसन निवासी जैतपुर, दिनेश डोगरा निवासी सुल्तानपुर कोतवाली लक्सर, खुर्शीद आलम चिश्ती पुत्र मकसूद निवासी रुड़की, सौरभ पुत्र रेशम सिंह निवासी लोधी वाला थाना झबरेड़ा शामिल हैं। जबकि धोखाधड़ी के इस खेल में शामिल विजय श्रीवास्तव व हर्ष श्रीवास्तव निवासी लखनऊ उत्तर प्रदेश तथा रिजवान व सारिका बानो निवासी जैतपुर थाना कोतवाली लक्सर फरार हैं। पुलिस की टीमें इनकी गिरफ्तारी को जुटी हैं। पुलिस टीम ने मौके से कंप्यूटर, प्रिंटर, फर्जी नियुक्ति प्रमाण पत्र, विभिन्न विभागों की मोहरें, भारी मात्रा में अभ्यर्थियों की शैक्षिक प्रमाण पत्र, एक दर्जन से अधिक चेक बुक व पासबुक, 60 हजार की नकदी, आधा दर्जन मोबाईल फोन बरामद किए हैं।
समाचार पत्रों में निकालता था विज्ञप्ति
बेरोजगार युवाओं को फंसाने के लिए गिरोह समाचार पत्रों में विज्ञप्ति निकलता था। गिरोह का बकायदा एक चैनल कम्युनिटी हेल्थ वर्कर एवं महिला कल्याण ट्रस्ट नई दिल्ली बनाया गया था। जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में तथा शाखा लखनऊ से संचालित होती थी। तथाकथित ट्रस्ट की एक शाखा कनखल जगदीशपुर में बनाई गई थी। जहां अभ्यर्थियों को विभिन्न पदों पर तैनात किया जाता था।
लखनऊ स्थित नामी होटल में होता था इंटरव्यू
बेरोजगार युवाओं के आवेदन मिलने पर उन्हें लखनऊ स्थित नामी होटल में इंटरव्यू एवं पेपर के लिए बुलाया जाता था। इसके बाद जिला न्यायालय, उपभोक्ता न्यायालय व आयकर विभाग समेत अन्य सरकारी विभागों के नाम से फर्जी नियुक्ति पत्र देकर लाखों रुपये हड़प लिए जाते थे। फर्जी नियुक्ति पत्र लेकर बेरोजगार युवकों को दर-दर भटकने के बाद ठगी का अहसास होता था। गिरोह के लोग अभी तक बेरोजगारों से सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी कर चुके हैं। पुलिस टीम में एसपी देहात स्वप्न किशोर सिंह, कोतवाल अमरजीत सिंह, एसएसआइ अंकुर शर्मा, सुल्तानपुर चौकी प्रभारी मनोज नौटियाल, दरोगा बबलू चौहान व कांस्टेबल अजीत तोमर, हमीद खान, गंगा सिंह प्रभाकर पंचम प्रकाश शामिल रहे।