उत्तरकाशी के द्रोपदी डांडा मिशन पर हिम्सखलन की चपेट में आने से जौरासी निवासी पर्वतारोही संतोष कुकरेती अपने 28 अन्य दोस्तों के साथ हुआ धराशयी, पूरे क्षेत्र में गमगीन माहौल
यमकेश्वर /दुगड्डा : उत्तरकाशी के द्रोपदी डांडा में हिमस्खलन की चपेट में आने से कई पर्वतारोही लापता हो गये थे एनडीआरीफ और एसटीआरफ ने पिछले 4 अक्टूबर से लापता पर्वतरोही को खोजने में लगे हुए थे, मौसम के खराब होने के कारण सर्च अभियान चलाने में समस्या आ रही थी। उक्त दुर्घटना में कई पर्वतरोही वहीं धराशयी हो गये और कुछ लापता थे।
बताया जा रहा है की अभी तक 29 लोगो की इस दुर्घटना में मौत हो गई है, जिसमे से जिला पौड़ी गढ़वाल के दुगड्डा क्षेत्र के जौरासी गाँव का युवा पर्वतरोही संतोष कुकरेती भी लापता था का आज शव मिल गया है।
संतोष कुकरेती के चाचा गणेश कुकरेती बताया की जिस दिन से यह दुःखद खबर मिली घर में उस दिन से चिंता का माहौल था, आशा की किरण लेकर हम यह उम्मीद लगाए थे की भतीजा संतोष कुकरेती सकुशल आएगा लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर थी, लेकिन अब संतोष हम सबका साथ छोड़कर चला गया है।
उन्होने कहा की आज मन बहुत बहुत दुखी है, कारण बताने की मुझमें शक्ति नहीं, आज मेरा भतीजा संतोष कुकरेती, मेरा दोस्त, मेरा भाई, जो कि मेरी लाइफलाइन था, अपने जीवन लीला को समाप्त कर इस संसार को छोड़कर बैकुंठ के लिए प्रस्थान कर गया, हे भगवान तेरी कैसी लीला है, अभी मेरे इस जिगर ने दुनियां में देखा ही क्या था, काश मेरी उम्र इसे और इसे जो मृत्यु मिली वो मुझे मिल जाती ? मेरी यह लाइफलाइन, उत्तरकाशी में एक मिशन पर काम करने के दौरान समाप्त हो गई, यह बच्चा पर्वतारोही अपने 28 अन्य दोस्तों के साथ ड्रोपती डंडा पर्वत शिखर 17 हजार फिट की दूरी पर से हिमस्खलन की चपेट में आकर 4 Oct से लापता था और अभी अभी इसकी मृत्यु का समाचार सुनकर मैं व्यथित हूं।
संतोष कुकरेती की इस अनहोनी की खबर मिलते ही पूरे गाँव और क्षेत्र में गमगीन माहौल है। बताया जा रहा है की पार्थिव शरीर को लेने परिजन उत्तरकाशी के लिए निकल गये है, कुछ परिजन दुर्घटना से अगले दिन से वहीं मौजूद थे।