उत्तराखंड

5 करोड़ दो या पोता दो, मां-बाप ने बेटे-बहू पर ठोका था केस, 30 मई को होगी सुनवाई जानिए क्या है पूरा मामला

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हरिद्वार। पौत्र-पौत्री के सुख से वंचित रखने के मामले में महिला की ओर से पुत्र-पुत्रवधू के खिलाफ दायर वाद में मंगलवार को स्थानीय अधिकारी से रिपोर्ट नहीं आने पर कोर्ट ने सुनवाई के लिए 30 मई 2022 तिथि तय की है। तृतीय एसीजे एसडी कोर्ट ने दायर वाद में मंगलवार को स्थानीय संरक्षण अधिकारी से रिपोर्ट तलब की थी।

अधिवक्ता अरविंद कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि सिडकुल स्थित हरिद्वार ग्रीन निवासी महिला साधना प्रसाद पत्नी संजीव रंजन प्रसाद ने अपने पुत्र श्रेय सागर, पुत्रवधू शुभांगी के खिलाफ वाद दायर किया था। दायर वाद में महिला ने बताया था कि पुत्र श्रेय सागर उसकी एक मात्र संतान हैं। उन्होंने अपने पुत्र की परवरिश में कोई कमी नहीं की। वर्तमान में श्रेय सागर एक प्रतिष्ठित एयर लाइन कम्पनी में बतौर पायलट कैप्टन है। महिला ने बताया कि पुत्र श्रेय सागर को पायलट बनाने के लिए यूएसए से प्रशिक्षण में पैंतीस लाख रुपये की फीस, रहन-सहन का खर्च बीस लाख और पुत्र व पुत्रवधू की खुशी के लिए 65 लाख की कार लोन पर खरीद कर दी हुई है।

  यही नहीं, महिला ने नवविवाहित दंपति को हनीमून मनाने के लिए थाईलैंड भेजा था। आरोप है कि वहां से लौटने के बाद पुत्रवधू रोजाना अपने पति से झगड़ा करने लगी और महिला और उसके पति को झूठे केस में फंसाने की धमकी देने का आरोप लगाया है। जिसपर तंग आकर महिला ने दोनों पुत्र-पुत्रवधू को संपत्ति से बेदखल कर दिया था। आरोप लगाया कि जब उसने अपने पुत्र और पुत्रवधू से एक पौत्र व पौत्री के जन्म के लिए कहा,तो दोनों ने अलग-अलग रहना शुरू कर दिया है। महिला ने दोनों पर शादी के छह वर्ष होने के बाद भी पौत्र और पौत्री के सुख से वंचित कर मानसिक उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है।

यही नहीं, दोनों पर संतान उत्पन्न न करने के लिए परिवार न्यायालय में विवाह विच्छेद का केस दायर करने का आरोप लगाया है। दोनों से हर्जाना स्वरूप पांच करोड़ रुपये की मांग भी की गई है। महिला ने पुत्रवधू पर अपने पिता, माता व दोनों भाइयों के कहने पर उसे वंश सुख से वंचित करने का आरोप लगाया हुआ है।

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