अच्छी ख़बर :- एक डाक्टर दंपत्ति ऐसा भी जो देगा मरीजों को आजादी के महापर्व पर जांच पर 70 प्रतिशत तक छूट

अच्छी ख़बर :- एक डाक्टर दंपत्ति ऐसा भी जो देगा मरीजों को आजादी के महापर्व पर जांच पर 70 प्रतिशत तक छूट
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सोच बदलेगी तो प्रदेश और देश भी बदलेगा

देहरादून। कल रविवार को दून में सुबह से ही बारिश हो रही थी। हरिद्वार रोड स्थित अमोलाज रेस्तरां में दोपहर को डाक्टरों की एक प्रेस कांफ्रेंस थी। प्रख्यात फिजिशियन डा. एस.डी. जोशी आजादी के महापर्व पर कुछ ऐलान करने वाले थे। बारिश में जाने का मन भी नहीं था। भला डाक्टरों की प्रेस कांफ्रेंस में होगा क्या? जो वो ब्रीफ करने वाले थे, वह मुझे पहले से ही पता चल गया था, लेकिन साथी पत्रकार अवधेश नौटियाल ने कहा, आना होगा। अनमने ढंग से वहां पहुंच गया।

प्रेस कांफ्रेंस शुरू हुई तो डा. जोशी की बगल में एक हीरो-हिरोइन टाइप डाक्टर दंपत्ति बैठ गये। डा. अंकित पराशर और डा. कनिका दत्ता पराशर। पति रेडियोलॉजिस्ट और पत्नी पैथालॉजिस्ट। डा. जोशी ने बताया कि 15 अगस्त से 22 अगस्त तक वह मरीजों से परामर्श के पैसे नहीं लेंगे। डा. जोशी ऐसे हेल्थ कैंप अक्सर पहाड़ों में लगाते रहते हैं। उनका समाज के प्रति जो योगदान है वह अविस्मरणीय है।

बारी आई, डाक्टर अंकित पराशर की। इस युवा डा. पराशर का ईसी रोड पर द्वारिका स्टोर के पास पराशर पैथोलॉजी एंड इमेजिंग सेंटर है। यहां सीटी स्कैन से लेकर एमआरआई की सुविधा उपलब्ध है। डा. अंकित ने कहा कि उन्होंने सोचा कि 15 अगस्त पर क्या करें? कुछ अलग। सोचा, कि पूर्व सैनिकों और सैनिकों के परिजनों को जांच में छूट दे दें। फिर पता किया कि उन्हें तो ईसीएच और अन्य माध्यमों से सभी सुविधाएं मिलती हैं। फिर क्या हो? विचार एक नई सोच सामाजिक संगठन मेडिकल और एजूकेशन के क्षेत्र में बहुत ही सराहनीय कार्य कर रहा है। संगठन के सचिव राकेश बिजिलवाण ने उन्हें सलाह दी कि एक सप्ताह का हेल्थ कैंप लगाएं। जांच में मरीजों को छूट दे दें। डाक्टर पराशर दंपत्ति को यह आइडिया भा गया।

अब इस दंपत्ति ने तय किया है कि एमआरआई और सीटी स्कैन पर 50 फीसदी और अन्य जांचों पर 70 फीसदी छूट देंगे। यह छूट पूर्व सैनिकों, शहीदों के परिजनों, स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों, पत्रकारों और उनके परिजनों, पदम पुरस्कारों से सम्मानित लोगों और उनके परिजनों, राज्य आंदोलनकारियों और उनके परिजनों के साथ गरीबों को भी यह छूट मिलेगी।

जो लोग मरीज या तीमारदार हैं। वह जानते हैं कि आज की डेट में एमआरआई और सीटी स्कैन समेत सभी जांच कितनी महंगी हैं। यदि एक सप्ताह के लिए ही सही, यह छूट मिल रही है तो बड़ी बात है। आज की डेट में डाक्टर मरीज को ग्राहक समझकर मैक्सिम लूट लेते हैं। यह दंपत्ति अभी युवा है। युवा भला किसकी परवाह करते हैं? सवाल जांच में छूट प्रतिशत का नहीं है। सवाल भावना का है। सामाजिक दायित्व के एहसास का है। सवाल देश प्रेम का है। यदि इस युवा दंपत्ति को यह एहसास हुआ है तो निश्चित ही इसकी सराहना होनी चाहिए। कद्र होनी चाहिए। हमें गर्व भी होना चाहिए कि आज प्रतिस्पर्धा के इस युग में भी कुछ ऐसे युवा डाक्टर हैं जो आम लोगों के हितों के लिए भी सोचते हैं। मानवता की भावना से ओत-प्रोत हैं। डाक्टर पराशर दंपत्ति की इस भावना को सैल्यूट।

Mankhi Ki Kalam se

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