यमकेश्वर: विद्यासेतु कार्यशाला में यमकेश्वर मंडल के तीन संकुलो के शिक्षकों ने सीखे अधिगम क्षतिपूर्ति की बारीकियां
यमकेश्वर: कोरोना महामारी के कारण बच्चों में अधिगम संबंधी क्षतिपूर्ति करने हेतु राज्य स्तर पर विद्यासेतू कार्यक्रम का क्रियान्वयन प्रस्तावित है। राज्य स्तर पर इस कार्यक्रम का निर्माण राज्य शैक्षिक शोध एवं प्रशिक्षण परिषद उत्तराखंड द्वारा किया गया है। इस कार्यक्रम का उन्मुखीकरण पूरे प्रदेश में समस्त प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक शिक्षकों हेतु किया जाना है। इसी क्रम में यमकेश्वर विकासखंड के तीन संकुलो नीलकंठ, किमसार एवं दिउली का दो दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम संदर्भदाता डॉ अतुल बमराडा एवम संकुल प्रभारी मनोहर लाल जोशी के नेतृत्व में संकुल लक्ष्मण झूला में समाप्त हुआ। इस कार्यक्रम में 39 प्रधानाध्यापकों तथा 31 शिक्षकों द्वारा कार्यशाला में प्रतिभाग किया गया।
कार्यशाला के संदर्भ दाता डॉ अतुल बमराडा ने बताया कि इस कार्यक्रम की विशेषता यह है कि कि विगत डेढ़ वर्षों में हुए अधिगम क्षतिपूर्ति को पूरा करने के लिए यह एक स्पायरल अप्रोच प्रदान करता है। यदि इस अप्रोच के साथ शिक्षक बच्चों के साथ अध्यापन करेंगें तो प्रत्येक स्तर का विद्यार्थी मूलभूत साक्षरता, संख्यात्मकता, एवम ग्रेड लेवल लर्निंग आउटकमस को प्राप्त कर सकेगा। प्रधानाध्यापक जय प्रकाश शाह एवम शिक्षक प्रदीप सुंद्रियाल का कहना है कि इस कार्यशाला के माध्यम से विद्यासेतु कार्यक्रम की एक गहन समझ विकसित हुई है जिसके आधार पर बच्चों के साथ कक्षा शिक्षण करना अधिक आसान एवम गतिविधि आधारित होगा। इस अवसर पर लक्ष्मी पोखरियाल, रत्ना गौड़, जय प्रकाश शाह, ममता पयाल, कुमुद धश्माना, सुशीला शाह, आशा बिष्ट, अमरीश, धनेश्वरी रतूड़ी, प्रदीप सुंद्रियाल उपस्थित रहे।