इनलैंड जलमार्ग भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास को बल प्रदान कर रहे हैं; 2014 से सरकार ने इनलैंड जलमार्गों के विकास में  रू 5,200 करोड़ से ज़्यादा निवेश किया है: सर्बानंद सोणोवाल

इनलैंड जलमार्ग भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास को बल प्रदान कर रहे हैं; 2014 से सरकार ने इनलैंड जलमार्गों के विकास में  रू 5,200 करोड़ से ज़्यादा निवेश किया है: सर्बानंद सोणोवाल
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इनलैंड जलमार्ग भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास को बल प्रदान कर रहे हैं; 2014 से सरकार ने इनलैंड जलमार्गों के विकास में  रू 5,200 करोड़ से ज़्यादा निवेश किया है: सर्बानंद सोणोवाल

देहरादून, 1 सितम्बर, 2023: केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग एवं आयुष मंत्री, सर्बानंद सोणोवाल ने ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया समिट, 2023 (जीएमआईएस) पर एक रोड शो का गुवाहाटी में कल औपचारिक उद्घाटन किया। जीएमआईएस, 2023 की भूमिका के बारे में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री, सर्बानंद सोणोवाल ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किस प्रकार इनलैंड जलमार्ग परिवहन के वैकल्पिक साधन के रूप में विकसित हुए हैं।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोणोवाल ने कहा, “इनलैंड जलमार्ग भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास को बल दे रहे हैं। केंद्र सरकार ने इनलैंड जलमार्ग में साल 2014 से प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में ₹5200 करोड़ का निवेश किया है, जिससे इस क्षेत्र को ज़बरदस्त बढ़ावा मिला है। यह सरकार द्वारा इनलैंड जलमार्ग में पिछले 28 वर्षों में किए गए निवेश की तुलना में पिछले 9 वर्षों की अवधि में 200% से ज़्यादा का बड़ा उछाल है। इससे प्रदर्शित होता है कि मोदी सरकार इनलैंड जलमार्गों के विकास को लेकर कितनी ज़्यादा गंभीर है। परिवहन का यह स्वच्छ, प्रभावशाली और किफायती माध्यम भारत के अंदरूनी हिस्सों की आर्थिक क्षमता के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इनलैंड जलमार्गों में निवेश करके और अपनी समृद्ध एवं जटिल जलमार्ग प्रणाली को मजबूत बनाकर हम इस उद्योग के लिए एक सहयोगपूर्ण परिवेश बनाने की प्रक्रिया में हैं, जिससे हमारे पड़ोसी देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा मिलेगा। इससे दक्षिण एशिया क्षेत्र में भारत के राज्यों एवं अन्य देशों की व्यापार और वाणिज्य की क्षमताओं का विकास होगा।”

बंदरगाह पर आधारित विकास के महत्व के बारे में बताते हुए सर्बानंद सोणोवाल ने कहा, “प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार का उद्देश्य भारतीय बंदरगाहों को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाना है, ताकि इसके द्वारा ज़्यादा औद्योगीकरण, मैनुफ़ैक्चरिंग, और ईज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नेस में मदद मिले। भारत सबसे तेजी से विकसित हो रहे समुद्री देशों में से एक है, और हम भारतीयों को विकास एवं परिवर्तन के इस युग का हिस्सा होने पर बहुत गर्व है। प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमने न केवल आवश्यक कौशल बल्कि वैश्विक मंच पर उत्कृष्टता हासिल करने की शक्ति भी पायी है। भारतीय बंदरगाहों के आधुनिकीकरण से भारत के तटीय समुदायों, तटीय जिलों और पूरे देश की उन्नति संभव होगी। भारतीय बंदरगाहों को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाकर और बंदरगाह पर आधारित अर्थव्यवस्था का विकास करके औद्योगीकरण, मैनुफ़ैक्चरिंग, एवं ईज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नेस को बढ़ावा दिया जा सकता है।”
ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया समिट, 2023 पर इस रोड शो में श्री परिमल सुकलाबैद्य, परिवहन, मत्स्य पालन और उत्पाद शुल्क विभाग मंत्री, असम सरकार; श्री बिमल बोरा, उद्योग एवं वाणिज्य और सार्वजनिक उद्यम, सांस्कृतिक मामलों के मंत्री, असम सरकार; श्री मामा नातुंग जल संसाधन मंत्री, अरुणाचल प्रदेश सरकार; श्री टेम्जेनमेंबा, विधायक एवं सलाहकार (परिवहन एवं तकनीकी शिक्षा), नागालैंड सरकार; श्री टी. के. रामचन्द्रन, सचिव, एमओपीएसडब्ल्यू; श्री संजीव रंजन, आईएएस, चेयरमैन, नेशनल शिपिंग बोर्ड; श्री संजय बंदोपाध्याय, ; चेयरमैन, आईडब्ल्यूएआई ने भी व्यापार और वाणिज्य क्षेत्र एवं समुद्री क्षेत्र के अन्य गणमान्य लोगों और अधिकारियों के बीच अपना संबोधन दिया।

इस रोड शो में पड़ोसी देशों, भूटान और बांग्लादेश से भी प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था। इन देशों का प्रतिनिधित्व गुवाहाटी में बांग्लादेश के सहायक उच्चायुक्त, रुहुल अमीन; संयुक्त सचिव, सदस्य (योजना एवं संचालन), बांग्लादेश इनलैंड जलमार्ग परिवहन प्राधिकरण (बीआईडब्ल्यूटीए), मोहम्मद मोनोवर उज़ ज़मान और वाईस कॉन्सुल, रॉयल भूटानी कॉन्सुलेट जनरल, गुवाहाटी, फुरपा शेरिंग ने किया था।
अपने सत्र में बोलते हुए एमओपीएसडब्ल्यू के सचिव, टी. के. रामचंद्र ने कहा, “उत्तर-पूर्व हमारे देश अनछुआ स्वर्ग कहलाता है। इस क्षेत्र में हरे-भरे दृश्य, जीवंत संस्कृतियां, समृद्ध जैव विविधता और प्रचुर नदियाँ हैं, जो इसे एक भौगोलिक लाभ की स्थिति में लेकर आते हैं, ताकि परिवर्तनकारी समाधानों का लाभ उठाकर एशिया प्रशांत के देशों के साथ सहयोग को बढ़ावा दिया जा सके।”

Mankhi Ki Kalam se

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