उत्तराखंड

अंकिता हत्याकांड के आरोपियों की न्यायिक हिरासत बढ़ी 14 दिन

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ऋषिकेश। बहुचर्चित अंकिता हत्याकांड के आरोपितों की न्यायिक हिरासत चौदह दिन के लिए बढ़ा दी गई है। बतादें  कि लक्ष्मणझूला थाना क्षेत्र के अंतर्गत गंगा भोगपुर स्थित वनन्तरा रिसोर्ट में कार्यरत 19-वर्षीय अंकिता भंडारी की 18 सितंबर को हत्या कर दी गई थी।

मामले में पुलिस ने रिसोर्ट मालिक पुलकित आर्य, प्रबंधक सौरभ भाष्कर व सहायक प्रबंधक अंकित गुप्ता को गिरफ्तार किया था। तीनों वर्तमान में पौड़ी जेल में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में हैं।

सोमवार को उनकी चौदह दिन की न्यायिक हिरासत की अवधि पूर्ण हो रही थी, जिस पर पुलिस ने न्यायिक हिरासत बढ़ाने का प्रार्थना प्रत्र न्यायिक मजिस्ट्रेट-प्रथम श्रेणी की अदालत में दिया। सोमवार को वीडियो कांफ्रेंस के जरिये इस प्रार्थना पत्र पर सुनवाई हुई व न्यायालय ने आरोपितों की न्यायिक हिरासत 14 दिन के लिए बढ़ा दी।

इलेक्ट्रानिक साक्ष्यों को जांच के लिए भेजा चंडीगढ़

वैसे तो देहरादून में विधि विज्ञान की स्थानीय प्रयोगशाला में आडियो, वीडियो आदि की जांच की व्यवस्था है, लेकिन अंकिता हत्याकांड में एसआइटी के जुटाए इलेक्ट्रानिक साक्ष्यों को पुख्ता जांच के लिए चंडीगढ़ स्थित केंद्रीय विधि विज्ञान की प्रयोगशाला में भेजा गया है। वहीं, फोरेंसिक लैब में डीएनए और विसरा की जांच गतिमान है। एसआइटी से जुड़े सूत्रों की मानें तो इस मामले से संबंधित आडियो, वीडियो, सीसीटीवी फुटेज, वाट्सएप चैट जैसे इलेक्ट्रानिक साक्ष्यों की रिपोर्ट आरोपितों को कड़ी सजा दिलाने में मददगार साबित होगी।

पौड़ी जिले के गंगा भोगपुर (यमकेश्वर) स्थित वनन्तरा रिसार्ट में रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी की हत्या से पर्दा उठने के बाद इस मामले में कई आडियो व वीडियो रिकार्डिंग और मोबाइल पर बातचीत के स्क्रीन शाट इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हुए थे।

इन सभी को मामले की जांच कर रही एसआइटी ने साक्ष्य के तौर पर एकत्र किया है। अब इन साक्ष्यों की विधि विज्ञान प्रयोगशाला की मदद से जांच कराई जा रही है। जिससे न्यायालय में प्रस्तुत करने से पहले इन साक्ष्यों की सत्यता को लेकर निश्चिंत हुआ जा सके।

लगातार दर्ज किए जा रहे हैं गवाहों के बयान

अपर पुलिस महानिदेशक डॉ. वी. मुरुगेशन ने बताया कि हत्याकांड में लगातार गवाहों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। अब तक पांच गवाहों के बयान कोर्ट में दर्ज करवाए जा चुके हैं।दो सप्ताह के भीतर जांच पूरी कर ली जाएगी। इस प्रकरण में कई आडियो, वीडियो और मोबाइल पर बातचीत के स्क्रीन शाट वायरल हुए। इन सभी को इलेक्ट्रानिक साक्ष्यों के रूप में एकत्र किया है, जिन्हें न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा।

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