यमकेश्वर के बुकण्डी गॉव के चारों और से भूस्खल एवं भू कटाव, ग्रामीणों ने कहा विस्थापन ही समाधान

यमकेश्वर के बुकण्डी गॉव के चारों और से भूस्खल एवं भू कटाव, ग्रामीणों ने कहा विस्थापन ही समाधान
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यमकेश्वर के पूरे क्षेत्र में लगातार हो रही बारिशि के कारण चारों और भूस्खलन और भू धसावं एवं भूकटाव और नदी नालों के उफान पर होने, सड़क अवरूव्द्ध होने के कारण जीवन यापन हर रोज कठिन होता जा रहा है। कुछ गॉवों की तो मानो जिंदगी ही ठहर गयी है, यमकेश्वर के बुकण्डी गॉव के 17 तोकों में हर जगह भूस्खलन और भूकटाव होने के कारण स्थानीय ग्रामीणों के मकान और कृषि भूमि को क्षति हुई है। सामाजिक कार्यकर्ता एस पी जोशी, सत्यपाल रावत, टी0एस0बिष्ट ने कहा कि जिस तरह से बुकण्डी की वर्तमान हालात है उसे देखते हुए तो यहॉ विस्थापन ही समाधान है।
कोहरा और घास की फ़ोटो हो सकती है
समाजिक कार्यकर्ता एस0पी0 जोशी ने  विस्तार से बताया कि बुकण्डी: यमकेश्वर विकास खण्ड का एक ऐसा गाँव जो देश दुनिया से कट चुका है।यू तो हर वर्ष बुकण्डी गाँव के लिए बरसात विशेष होता है और लगभग हर वर्ष बरसात के कारण भारी तवाही होती है लेकिन इस वर्ष बरसात के कारण भारी नुकसान ग्रामीणों को झेलना पड रहा है, कयी मकान जमीदोज हो गये तो कयी मकान खतरे की जद में हैं, हजारों नाली जमीन या तो नदी के आगोस में समा गयी है या फिर भयंकर चट्टानों में समा गयी है, यदि यहाँ तोक की बात की जाए तो यहाँ लगभग 17 तोक हैं और कोई भी तोक सुरक्षित नही रहा , ग्राम सभा बुकण्डी के पूर्ण विस्थापन की आवश्यकता है।
फ़ोटो के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है.
बुकण्डी तोक: बुकण्डी तोक में लगभग सात परिवार निवास करते हैं जबकि 20-22 परिवारों का यहाँ मूल निवास हैं जो पूरी तरह से प्रभावित हैं, कृपाल सिंह चौधरी का परिवार सबसे ज्यादा खतरे में हैं जिनका मकान कभी भी चट्टान में समा जाएगा, वहीं इस तोक की सैकडों नाली कृषि भूमि आपदा की भेंट चढ चुकी है और सैकडों नाली में भू धंसाव हो रखा है।
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बछेलगाँव बगोना तोक: यहाँ पर भी स्थिति चिन्ताजनक है और यहाँ भी काफी भू धंसाव के कारण समस्या बनी हुयी है।
सिलखोली तोक: यहाँ पर खेडा-गुजराडी और त्योडों नदी के कारण बहुत सारा भू कटान हो चुका है यहाँ पर चूंकि बाहरी लोगों का ज्यादा खरीद है इसलिए उन्होंने स्वयं ही नुकसान के उपाय किए हुए हैं।
बेलवाला तोक: यहाँ स्थिति बेहद बिकट है, यहाँ पर 2014 की आपदा में एक भाई का घर बह गया था तो इस आपदा में दूसरे भाई बलदेव सिंह कोली का घर बरसात की भेंट चढ गया, गाँव वालों की मदद से बडी मुश्किल से उनका सामान बाहर किया गया।
बेलवाला तोक में ही कपरुवाण परिवार का भयंकर नुकसान हुआ है, वहाँ के युवा सतीश कपरुवाण ने बताया कि उनकी खेती की जमीन नदी में बह गयी है, घर के आंगन में भी मलवा भर गया है जिस कारण एकमात्र उपाय अब पलायन ही रह गया है, वहीं उनके ही तोक में बड का गदन त्योडों नदी से बहुत नुकसान हो चुका है।
स्यार तोक: बुकण्डी के स्यार तोक की स्थिति भी भयावह बनी हुयी है, वहाँ पर काफी कृषि भूमि‌ नदी में समा गयी है तो रात भर जागकर काटना पडता है।
नलाणी तोक: यह पूर्व प्रधान टी एस बिष्ट जी का तोक है, जबसे बिदासनी बुकण्डी मोटर मार्ग कटना शुरु हुआ यहाँ हर बरसात में उसका मलवा भयंकर रूप से खेतों और मकान के आंगन में आ जाता है, जबकि इस बरसात में वहाँ पूरी कृषि भूमि दब चुकी है।
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बिदासनी तोक: मां विन्ध्यवासिनी के नजदीक का तोक बहुत ज्यादा प्रभावित हुआ है, यहाँ पर सोहनलाल जुगलाण का मत्स्य तालाब, खेत, दुकान का आंगन सब कुछ नदी में समा चुका है यह ताल और त्योडों का संगम स्थल होने के कारण बहुत ज्यादा प्रभावित हुआ है, यहाँ एकमात्र बुकण्डी गाँव का पनचक्की (घराट) भी नुकसान झेल रहा है।
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उलंगी तोक: यहाँ पर ज्यादा नुकसान की खबर तो नही है किन्तु यह क्षेत्र बिदासनी के एकदम नजदीक होने के कारण खेत यहाँ पर भी बहने की सूचना है।
बडवाला तोक: यहाँ पर भयंकर नुकसान की सूचना है, विजय बडथ्वाल द्वारा एक स्वरोजगार के लिए बनाया गया सेड नदी की आगोस में समा गया है, सैकडों नाली जमीन, मत्स्य तालाब सब कुछ बह गया है, यहाँ ताल नदी के कारण बडे बडे चैकडाम नदी की धारा में समा गये हैं,यहाँ लगभग 15-20 परिवार एवम् एक प्राथमिक विद्यालय है जो लगातार खतरे की जद में बने हुए हैं।
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संसपुरी तोक: यहाँ पर ताल नदि के कटाव के कारण सैकड़ों नाली जमीन बह चुकी है और भू धंसाव के कारण भयंकर स्थिति बनी हुयी है।
जठुण्डा काटली तोक: यहाँ पर स्थिति यह है कि भारी भू धंसाव से कृषि भूमि‌ का नुकसान हुआ है ।
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खागली तोक: यहाँ पर घरों के नीचे भयंकर चट्टान बन चुकी है जबकि गैरोला‌ परिवार का मकान में धंसने के कारण दरार पड‌ गये हैं।
डाण्डखा तोक: यहाँ पर बुकण्डी बिदासनी रोड के कारण भारी नुकसान हुआ है यहाँ पर सडक का मलवा घरों के लिए समस्या बना हुआ है वहीं यहाँ पर एक चट्टान के कारण बहुत बडी समस्या बनी हुयी है इनके खेत लगातार चट्टान में समा रहे हैं।
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मडचुण्या तोक: यहाँ पर विजयपाल सिंह का मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका है और परिवार बेघर हो चुका है, इस परिवार का राशन पानी भी सब मलवे में दबने के कारण उनकी रोजमर्रा की आजीविका चलाने की समस्या खडी हो चुकी है।
डाली की सारी तोक: इस तोक में भू धंसाव की सूचना आ रही है और खेत टूट चुके हैं।
रुणिनाम तोक: यहाँ पर खेतों का चट्टान में बहने की खबरे आ रही हैं, अधिकांश खेतों में दरार पड चुके हैं और चट्टान टूटने का असर घरों में पडा है, यहाँ पर दीपक सिंह का मकान बरसात की भेंट चढ चुका है।
गुजरीछिपा तोक: यह तोक भी अन्य तोक की तरह प्रभावित है, यहाँ बहुत भू धंसाव की सूचना है।
दुब्लाणा तोक: यहाँ पर भू धंसाव की समस्या बनी हुयी है, साथ ही यहाँ पर जूनियर हाई स्कूल है विद्यार्थियों और अध्यापकों के लिए समस्या बनी हुयी है।
कोहरा और पर्वत की फ़ोटो हो सकती है
ह्यूँदा तोक: यहाँ भी बहुत सेंसटिव क्षेत्र है, बड का गदन यही से शुरु होता है, जमीन धंसाव यहाँ हमेशा से होता आया है।
बुकण्डी गाँव का समस्त दुनिया से इस समय सडक सम्पर्क समाप्त हो रखा है, यहाँ पर तीन तरफ से नदी का रौद्ररूप है तो एक तरफ तूंगखाल बुकण्डी मोटर मार्ग लगभग तीन सप्ताह से बन्द पडा है, जिसके कारण कोई भी परिस्थितियों में गाँव से बाहर नही जा पा रहे हैं।और ना ही कोई अधिकारीगण वहाँ सुद लेने पहुंच पा रहे हैं। लोगों के पास राशन भी सीमित रह गया है।

Mankhi Ki Kalam se

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