स्त्री विमर्श और बालमन के अंतर्मन को छूती कहानी संग्रह सद्य “और गुड्डो जीत गई” पुस्तक का लोकार्पण
देहरादून: शांति प्रकाश जिज्ञाशु की आठवीं पुस्तक कहानी संग्रह सद्य “और गुड्डो जीत गई” का लोकार्पण ऑफिसर्स ट्रांजिस्ट हॉस्टल में किया गया। स्त्री विमर्श और बालमनोविज्ञान पर आधारित इस पुस्तक में महिलाओं के जीवन पर आधारित कहानियों का संकलन किया गया है। साथ ही बालमनोविज्ञान को दर्शाती यह कहानी बालिकाओं और बालको पर केंद्रित है। लेखक एवं कवि शांति प्रकाश जिज्ञाशु ने बताया कि उन्होंने अपनी इस पुस्तक में अधिकतर कहानी महिलाओं और बालमनोविज्ञान पर केंद्रित है, क्योकि महिलाएं समाज की आधी आबादी है, और उनके बिना परिवार से लेकर समाज और देश नहीं बन सकता है, लेकिन समाज में अक्सर वह ज्यादा संघर्ष करती नजर आती है। उन्होंने बताया कि इस पुस्तक में हर वर्ग के मन को छूने वाली कहानियों को लिखने का प्रयास किया है। कहानी सँग्रह का शीर्षक “और गुड्डो जीत गई” एक ऐसी बालिका की कहानी है जो बचपन मे अभाव में जीती है, और अपने पिता से स्कूल जाने के लिये जिद करती है, अपने जीवन काल मे संघर्ष करती बालिका एक दिन मेहनत से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना नाम रोशन करती है, वह बालिका गुड्डो ही थी। ऐसी कई कहानियो का संकलन किया है।
पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित करने के बाद शांति अमोली बिंजोला द्वारा सरस्वती वंदना कर शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जितेन ठाकुर वरिष्ठ साहित्यकार द्वारा की गई, मुख्य अतिथि नरेंद्र सांगवान, निदेशक, हॉफ सिक्योरिटी सर्विस, देहरादून विशिष्ट अतिथि अरुण कुमार असफल” व लोकेश नवानी, अध्यक्ष धाद द्वारा की गई। पुस्तक की समीक्षा बसंती मठपाल द्वारा की गई। सम्मानित व्यक्तित्व डॉ राजेश कपूर और सूरेश उनियाल भी मंच पर मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन ओज कवि श्री कांत श्री वरिष्ठ कवि द्वारा किया गया।
इस मौके पर देहरादून के सभी वरिष्ठ साहित्यकार, लेखक, कवि उपस्थित रहे। अमर खरबंदा, राकेश जैन, अनिल राठी कमला पंत, बीना बेंजवाल, राजीव पांथरी, शांति अमोली बिंजोला, सुमित्रा जुगलान रमाकांत बेंजवाल, राकेश मोहन भदुला, सुरेश स्नेही, लक्ष्मण रावत, बीना कंडारी, किशन सिंह, कल्पना बहुगुणा, आदि उपस्थित थे।