मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कामकाज पर जनता की मुहर, हरिद्वार पंचायत चुनाव में शानदार प्रदर्शन से विपक्ष के साथ ही भीतरघातियों के मुँह बंद
देहरादून। हरिद्वार जिला पंचायत के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने इस बार अभूतपूर्व जीत दर्ज की है। जितनी सीटें भाजपा इस बार हरिद्वार में जीती है उतनी राज्य गठन से लेकर अब तक कभी नहीं जीत पाई थी। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यह जीत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कामकाज पर जनता की मुहर है। राज्य में लगातार दोबारा सत्ता संभालने के बाद पहली चुनावी परीक्षा में धामी सरकार बेहतरीन अंकों के साथ पास होने में कामयाब रही। यह बड़ी जीत युवा नेतृत्व का ही करिश्मा है।
पिछले एक-डेढ़ माह में राज्य में तीन ऐसे बड़े प्रकरण हो चुके हैं जिनका सीधे तौर पर धामी सरकार को सामना करना पड़ा है। खासतौर से सत्ता के गलियारों से ही धामी को तमाम अप्रत्यक्ष चुनौतियों से दो चार होना पड़ा। नोेेब भर्ती घोटाले में जिस तरह से मुख्यमंत्री धामी ने बगैर दबाव के दोषियों को जेल की सलाखों के पीछे धकेला उससे उन्होंने एक नई लकीर खींच डाली तो विधानसभा भर्ती प्रकरण में भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बगैर देर किए विधानसभा अध्यक्ष से जांच का अनुरोध कर डाला जिसका नतीजा यह हुआ कि बैकडोर से नौकरी पाने वाले आज बाहर हैं और विरोधी चित। वहीं, अंकिता हत्याकांड के बाद राज्य में जिस तरह का माहौल बना तो उसमें भी जनभावनाओं के अनूरूप मुख्यमंत्री ने त्वरित एक्शन लेने में कोई देर नहीं लगाई। इस बीच हरिद्वार में हुआ शराब कांड भी चुनौती के रूप में उभरा लेकिन युवा मुख्यमंत्री ने इन तमाम चुनौतियों के बावजूद हरिद्वार के नतीजों के जरिये दर्शा दिया कि राज्य की राजनीति में अभी दूर-दूर तक उनका कोई सानी नहीं है। धामी और भाजपा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट की विधानसभा चुनाव के बाद यह पहली परीक्षा थी लेकिन इस जोड़ी ने परीक्षा में शानदार प्रदर्शन कर सबके मुँह बंद कर दिए।
आपको बता दें कि हरिद्वार जिला पंचायत चुनाव में भाजपा ने कभी भी 4 से ज्यादा जिला पंचायत की सीट नहीं जीती थी लेकिन अब तक आये हरिद्वार पंचायत चुनाव के नतीजों में भाजपा 13 सीटों पर जीत हासिल की चुकी है। पूर्व मंत्री यतीश्वरानंद की विधानसभा में भाजपा ने सबसे ज्यादा 7 सीटें जीती। अब माना जा रहा है कि हरिद्वार में भाजपा का जिला पंचायत बोर्ड बनना लगभग तय है, जो अपने आप में एक इतिहास है। पार्टी के इस प्रदर्शन से मुख्यमंत्री धामी सियासी तौर पर पहले से ज्यादा मजबूत होकर उभरे हैं। निश्चित रूप से जनता ने उनके सेवा, समर्पण और सुशासन पर अपनी मुहर लगाई है।