उत्तराखंड

रूको अभियान के व्यापक प्रचार – प्रसार के खाद्य सुरक्षा आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन, उत्तराखण्ड द्वारा दिये गये निर्देश

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देहरादून। आज सचिवालय में आयोजित समीक्षा बैठक में राधिका झा , खाद्य सुरक्षा आयुक्त , खाद्य संरक्षा एवं औषधि उत्तराखण्ड द्वारा नोडल अधिकारी / प्रभारी उपायुक्त , रूको से अपेक्षा की गयी है कि प्रदेश में रूको अभियान को ज्यादा से ज्यादा प्रचारित किया जाये । इसके दुष्प्रभाव के प्रति आमजन को अधिक से अधिक जागरूक किये जाने हेतु समय – समय पर कार्यशाला आयोजित किये जाने के साथ ही प्रवर्तन कार्यो को गति प्रदान किये जाने के निर्देश दिये गये । आयुक्त महोदय द्वारा बार – बार तेल को उपयोग में लाने से खाद्य जनित रोग एवं अन्य बिमारियों जैसे लिवर , हृदय रोग आदि का भी खतरा बना हुया है । साथ ही आयुक्त महोदया के द्वारा निर्देश दिये गये है खाद्य करोबार से जुड़े रेस्टोरेन्ट , होटल संचालको , कैटरर्स , स्ट्रीट फूड विक्रेताओं को भी इसके नुकशान से अवगत कराये एवं जिला में खाद्य सुरक्षा अधिकारी समय – समय पर टी ० पी ० सी ० मीटर द्वारा जॉच करते हुये दूषित तेल का नमूना संग्रहण कर जॉच हेतु भेजें । नोडल अधिकारी / प्रभारी उपायुक्त गणेश कंडवाल के द्वारा अवगत कराया गया कि वर्ष 2021 में 3046 लीटर , वर्ष 2020 में 3840 लीटर , वर्ष 2019 में 2213 लीटर तथा वर्ष 2022 के माह जूलाई तक विभिन्न श्रेणी के खाद्य करोबारकर्ताओं से इस्तेमाल किये गये 3541 लीटर खाद्य तेल एग्रीगेटर के माध्यम से एकत्र कर भारतीय पट्रोलियम संस्थान को रिसाईकल कर बायो डीजल तैयार किये जाने हेतु उपलब्ध कराया गया । वर्तमान में देहरादून स्थित खाद्य तेल एग्रीगेटर एस ० डी ० सी ० फाउन्डेशन द्वारा खाद्य करोबारकर्ताओं को धनराशि रू 25 प्रति लीटर की दर से आनलाईन भुगतान किया जा रहा है । साथ ही विभाग द्वारा पूर्व में ही चार धाम यात्रा मार्ग पर स्थित जनपदों के खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को दूषित खाद्य तेल को चिन्हित किये जाने हेतु टी ० पी ० सी ० मीटर उपलब्ध कराते हुये खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम के अन्तर्गत आवश्यक कार्यवाही किये जान के भी निर्देश दिये गये है ।
राधिका झा , खाद्य सुरक्षा आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन , उत्तराखण्ड द्वारा इस सम्बन्ध में पर्यटन स्थलों एवं चार धाम यात्रा मार्गों पर विद्यमान खाद्य करोबारकर्ताओं एवं आम जनमानस को प्रमुख बार – बार प्रयोग किये गये खाद्य तेल को फूड चैन से बाहर करने एवं इसके दुष्प्रभाव के बारे में जागरूग किये जाने पर बल दिये जाने हेतु वृहद आई ० ई ० सी ० कैम्पन चलाये जाने के भी निर्देश दिये गये ।

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