उत्तराखंड

केंद्रीय गृहमंत्रालय में अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति लेने के बदले नियम, जानिए अब किस तरह मिलेगी अनुकंपा के आधार पर नौकरी

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नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्रालय में अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति लेने के नियम बदल गए हैं। इसके लिए एक पारदर्शी एवं निष्पक्ष प्रक्रिया अपनाई गई है। कोई भी आवेदक इसे ट्रैक कर सकता है। आवेदक के परिवार की आर्थिक स्थिति, सदस्यों की संख्या एवं आय का कोई अन्य स्रोत आदि देखा जाएगा। अगर कई आवेदक, योग्यता का मापदंड पूरा कर लेते हैं तो उनके बीच अन्य तरीके से और जरूरत के हिसाब से नौकरी देने की प्रक्रिया पूरी होगी।

सेवाकाल में मृत या मेडिकल रिपोर्ट में सरकारी कर्मचारी, जिससे उसका परिवार गरीबी में और आजीविका के साधन के बिना रह जाता है, के आश्रित परिवार के किसी सदस्य को अनुकंपा के अनुसार, नियुक्ति प्रदान करना तथा संबंधित सरकारी कर्मचारी के परिवार को आर्थिक तंगी से उबारने और उसे आपात स्थिति से निकालने में मदद करना है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने भी अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति की प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता और निष्पक्षता लाने के लिए अतिरिक्त दिशा निर्देश निर्धारित जारी किए हैं।

इस तरह मिल सकती है अनुकंपा के आधार पर नौकरी
कल्याण अधिकारी, मृत सरकारी कर्मचारी के आश्रित परिवार को अनुकंपा आधार पर नियुक्ति दिलाने में सहायता करेगा। आवेदक को व्यक्तिगत तौर पर बुलाकर उसे तमाम औपचारिकताओं व जरूरतों के बारे में बताया जाएगा। अनुकंपा आधारित नौकरी के आवेदन पर मंत्रालय में उप सचिव/निदेशक स्तर के तीन अधिकारियों की एक समिति द्वारा विचार होगा। कल्याण अधिकारी को उसके रैंक के मुताबिक, समिति का एक सदस्य या अध्यक्ष बनाया जा सकता है। मंत्रालय द्वारा कहा गया है कि अनुकंपा आधारित नौकरी के लिए परिवार के सदस्यों का आकार, बच्चों की उम्र व परिवार की वित्तीय स्थिति जैसे कारकों को ध्यान में रखा जाता है। इस प्रक्रिया को 100 अंकों में विभाजित किया गया है। अगर कई आवेदन एक जैसा स्कोर हासिल करते हैं तो उस स्थिति में प्रति आश्रित उपलब्ध आय को निर्णायक कारक बनाया जा सकता है। प्रथम तीन वित्तीय मापदंडों (वार्षिक पेंशन, कुल सेवांत लाभ और कमाने वाले सदस्यों की वार्षिक आय तथा संपत्ति से होने वाली आय) को कुल आश्रितों की संख्या से विभाजित कर दिया जाता है। प्रति आश्रित उपलब्ध आय जितनी कम होगी, आवेदकों जिनके अंक समान हैं, के बीच रैंक में उतना ही ज्यादा अंतर होगा।

टाई की स्थिति में नौकरी के लिए रहेगा ये फार्मूला…
प्रति आश्रित उपलब्ध आय का कारक लागू करने के बाद भी श्टाईश् की स्थिति में, सरकारी सेवक की बची हुई सेवा पर विचार किया जा सकता है। इस प्रक्रिया में मृतक की बकाया सेवा जितनी लंबी होगी, परिवार पर उतना ही अधिक प्रभाव पड़ेगा। अधिक बकाया सेवा वाले सरकारी सेवक से संबंधित आवेदकों को कम बकाया सेवा वाले सरकारी सेवकों की तुलना में अधिक महत्व दिया जाएगा। निष्पक्षता आधारित योग्यता योजना, अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति की योजना को आवश्यक निष्पक्षता, एकरूपता और पारदर्शिता प्रदान करती है। अब से, अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के लिए आवेदकों की तुलनात्मक योग्यता का आकलन करने के लिए, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा समय समय पर जारी निर्देशों के साथ इसका कड़ाई से पालन किया जाएगा।

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