उत्तराखंड में इन दो नदियों के मिलन से दूर होगी पेयजल किल्लत, जानिए इस मेगा प्रोजेक्ट से जुड़ी पूरी अपडेट

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देहरादून। उत्तराखंड में पहली बार पेयजल की किल्लत को दूर करने के लिए पिंडर नदी का पानी कोसी नदी में डाला जाएगा। इसका प्रोजेक्ट तैयार हो चुका है। ग्लेशियर वाली पिंडर नदी के पानी को कोसी में लाने की यह अपने आप में पहली योजना है। दरअसल, कोसी नदी बरसात के पानी से प्रभावित रहती है। इसका जल स्तर लगातार गिरने की वजह से अल्मोड़ा और बागेश्वर में पानी की किल्लत होने लगी है। इसके स्थायी समाधान के लिए ही पेयजल विभाग ने पिंडर नदी के पानी को कोसी में लाने की योजना बनाई है। पिंडर नदी हिमालयी नदी है जो कि 12,530 फीट की ऊंचाई पर स्थित पिंडारी हिमानी ग्लेशियर से शुरू होती है। इसमें 12 महीने पानी रहता है। इस नदी का मुख कर्णप्रयाग में है, जहां इसका संगम अलकनंदा नदी से होता है। कोसी नदी नेपाल से आती है और इसके मुकाबले काफी कम ऊंचाई पर बहती है। इस नदी तक पिंडर नदी का पानी लाना आसान होगा।

सचिव पेयजल नितेश झा ने बताया कि यह अपने आप में पहला ऐसा प्रोजेक्ट है जो कि भविष्य की जल जरूरतों को देखकर तैयार किया गया है। पिंडर नदी से रोजाना तीन से चार एमएलडी पानी लिया जाएगा, जो कि कोसी नदी की पानी की जरूरतों को पूरा करेगा। यमुना से पंपिंग स्टेशन से पानी मसूरी लाने की योजना भी एक बड़ा बदलाव लेकर आने वाली है। सचिव पेयजल नितेश झा ने बताया कि यह योजना अगस्त तक पूरी होने जा रही है। इसके बाद मसूरी में पेयजल की किल्लत और आसपास के क्षेत्रों में सिंचाई की परेशानी भी दूर हो जाएगी।

Mankhi Ki Kalam se

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