पौड़ी की बेटी के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए उत्तराखंड के राज्य निर्माण आंदोलनकारी संगठनों ने निकाला कैंडल मार्च
देहरादून। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व में उत्तराखंड के प्रवासी व राज्य निर्माण आंदोलनकारी संगठनों ने दिल्ली में कैंडल मार्च निकालकर पौड़ी की बेटी के हत्यारों को सजा दिलाने की मांग की। मूल रूप से उत्तराखंड के पौड़ी जनपद निवासी बेटी की वर्ष 2012 में दिल्ली में तीन युवकों ने दुष्कर्म के बाद क्रूरता के साथ हत्या कर दी थी।शुक्रवार को गढ़वाल भवन से वीरचंद्र सिंह गढ़वाली चौक तक निकाले गए मार्च को संबोधित करते हुए हरीश रावत ने कहा कि वह सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन यह तो पता लगाना ही होगा कि आखिर बेटी की हत्या किसने और किस वजह से की। उन्होंने इस मामले में न्यायाधीशों से प्रार्थना करते हुए कहा कि वह जनता के दिल में बैठे दुख को देखें। जो अन्याय पूर्ण घटना हुई है उस कांड में लिप्त व्यक्तियों को सजा कैसे मिले इसको सुनिश्चित करें।
उत्तराखंड कांग्रेस के प्रवक्ता और उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने बताया कि इस मार्च में कांग्रेस के संयुक्त सचिव हरिपाल रावत, उत्तराखंड गंगोत्री संस्था के अध्यक्ष गंभीर सिंह नेगी, पर्वतीय सेल के अध्यक्ष गोपाल रावत, गढ़वाल हितैषी सभा के अध्यक्ष अजय बिष्ट राज्य आंदोलनकारी अनिल पंत, प्रेमा धोनी, लक्ष्मी ध्यानी, अनुषा देवरानी, शशि नेगी, किरण लखेड़ा, राधेश्याम ध्यानी, किशोर रावत, उत्तराखंड जर्नलिस्ट फोरम के अध्यक्ष सुनील नेगी समेत अनेक लोग शामिल हुए सभी लोगों ने इस घटना पर भारी आक्रोश व्यक्त किया और इस कारण में लिप्त तमाम अपराधियों को फांसी पर चढ़ाए जाने की मांग की।
राज्य सरकार का फूंका पुतला
उत्तराखंड क्रांति दल महिला मोर्चा ने महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार के खिलाफ द्रोण चौक पर राज्य सरकार का पुतला फूंका। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में आरोपितों के खिलाफ कमजोर पैरवी और जांच एजेंसियों व पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हमला बोला।युवा मोर्चा प्रभारी शिव प्रसाद सेमवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से छावला दुष्कर्म व हत्या के आरोपित बरी हो गए, जबकि उत्तराखंड में वनंतरा प्रकरण में एसआइटी से सभी राज्यवासियों और मृतका के स्वजन का भरोसा खत्म हो चुका है। साक्ष्यों को एक-एक कर नष्ट किया जा रहा है।