अमेरिकी सेना ने अपने सारे चिनूक हेलिकॉप्टरों की उड़ानों पर लगाई पाबंदी, इंजन में आग लगने के अंदेशे को देखते हुए लिया फैसला, भारत ने मांगी रिपोर्ट

अमेरिकी सेना ने अपने सारे चिनूक हेलिकॉप्टरों की उड़ानों पर लगाई पाबंदी, इंजन में आग लगने के अंदेशे को देखते हुए लिया फैसला, भारत ने मांगी रिपोर्ट
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नई दिल्ली । अमेरिकी सेना ने अपने सारे चिनूक हेलिकॉप्टरों की उड़ानों पर पाबंदी लगा दी है। इनके इंजन में आग लगने के अंदेशे को देखते हुए यह फैसला किया गया है। इधर, भारत में इन CH-47 हेलिकॉप्टरों का वायुसेना अब भी इस्तेमाल कर रही है। अमेरिका में पाबंदी को लेकर वायुसेना ने विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। अमेरिकी वायुसेना के फैसले के बाद भारतीय अधिकारियों ने कहा कि मामले की पड़ताल की जा रही है। अमेरिकी सेना के आदेश की जानकारी वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अधिकारियों के हवाले से दी है।रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी सेना की मटेरियल कमांड ने 70 से अधिक हेलीकॉप्टरों का निरीक्षण करते हुए इसके बेड़े की उड़ानें रोकने का फैसला किया।

सेना के अधिकारियों ने कहा कि इन हेलिकॉप्टरों के इंजन में आग लगने के बारे में पता चला है। हालांकि इन घटनाओं में कोई घायल नहीं हुआ और न ही किसी की मौत हुई। ये हेलिकॉप्टर आमतौर पर सैन्य साजो सामान की ढुलाई व राहत व बचाव कार्यों में इस्तेमाल किए जाते हैं। चिनूक हेलीकॉप्टरों की ग्राउंडिंग अमेरिकी सैनिकों के लिए परिवहन संबंधी चुनौतियां पैदा कर सकती है। हालांकि, यह इस बात पर निर्भर करता है कि उड़ानें रोकने का आदेश कितने समय तक लागू रहता है।
वॉल स्ट्रीट जर्नल ने सूत्रों का हवाला देते हुए कहा कि ग्राउंडिंग का आदेश लागू हो गया है। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि अमेरिकी सेना के बेड़े में लगभग 400 हेलीकॉप्टर हैं। अमेरिकी सेना के एक प्रवक्ता ने कहा कि सैनिकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हमारे विमान या हेलिकॉप्टर सुरक्षित और उड़ने लायक बने रहें।

छह दशकों से है सेना का मददगार
चिनूक सेना के लिए जबर्दस्त उपयोगी हेलिकॉप्टर है। इसका उपयोग नियमित और विशेष मौकों पर सेना द्वारा किया जाता है। यह चार दर्जन से ज्यादा सैनिकों या कार्गां ले जा सकता है। बीते छह दशकों से यह सेना का बड़ा मददगार बना हुआ है। इसका निर्माण एयरोस्पेस कंपनी बोइंग ने किया है।

Mankhi Ki Kalam se

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