उत्तराखंडयमकेश्वर

यमकेश्वर के कुमार्था गॉव के ग्रामीणों ने सड़क स्वीकृति होने के बाद भी निर्माण नहीं होने पर लोक निर्माण विभाग पर लेट लतीफी का लगाया लगाया आरोप, धरने पर बैठे ग्रामीण

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यमकेश्वर:  जहां एक ओर देश आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर अमृत महोत्सव मना रहा है वहीं उत्तराखंड राज्य के अंतर्गत स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. चंदन सिंह बिष्ट के गांव कुमार्था के ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं को लेकर सडक पर संघर्ष करने को मजबूर हैं। जहां एक ओर सरकारें दावा करती आयी है कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के गांवों को सडक से जोडा जायेगा वहीं कई आश्वासनों के बाद भी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी चंदन सिंह बिष्ट के ग्रामीण सडक जैसी मूलभूत सुविधा के अभाव मे संघर्ष को मजबूर है व गांव इस विकट समस्या से जुझते हुये पलायन को मजबूर हो रहा है।

        विदित हो कि फाईलों मे सडक निर्माण की पुरी प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद भी लोक निर्माण विभाग की लेटलतीफी के चलते ये सडक अधर मे लटका दी गयी है जिससे विकास की राह देख रहे ग्रामीणों मे काफी रोष व्याप्त है व क्षेत्र विकास सडक संघर्ष समिति के बैनर तले ग्रामीणों द्वारा 15 अगस्त 2022 को सडक की मांग को लेकर शासन प्रशासन को सत्याग्रह आंदोलन की पूर्व सूचना दी गयी थी लेकिन शासन प्रशासन द्वारा पूर्व मे जारी सूचना पर सत्याग्रह स्थल पर जब कोई प्रतिनिधि और अधिकारी नही भेजा गया तो ग्रामीणों ने आक्रोशित होकर लक्ष्मणझूला, घट्टुटुगाड मोहनचट्टी गैंडखाल सिलोगी रोड पर दोनो तरफ सडक जाम करने का फैसला लिया जिससे दोनो ओर लगभग तीन किमी तक लम्बी गाडियों की लाईन लग गयी जिस कारण स्थानीय ग्रामीण एवं सफर कर रहे राहगीरों को काफी मुश्किल हालातों का सामना करना पडा व लंम्बे जाम की स्थिति से पुलिस प्रशासन व जिला प्रशासन मे हडकंप मच गया।

            लक्ष्मणझूला पुलिस व जिला प्रशासन की ओर से तहसील दार मनप्रीत सिंह अपनी पूरी टीम के साथ धरना स्थल पर पहुंचे व ग्रामीणों की पीडा को गंभीरता से सुनी जिसे उन्होने जायज मांग ठहराते हुये शुक्रवार को सडक संघर्ष समिति के पदाधिकारी एवं स्थानीय ग्रामीणों के साथ मामले के निपटारे हेतु बैठक का आश्वासन देते हुये सड़क से जाम खुलवाने का आह्नवान किया व धरने पर बैठे ग्रामीणों ने प्रशासन के आश्वासन का सम्मान करते हुये जाम खोलने का निर्णय लिया। साथ ही ये निर्णय भी लिया कि यदि प्रशासन अपनी बैठक मे इस समस्या का समाधान नही निकालता है तो ग्रामीण 4 सितंम्बर मे देहरादून गांधी पार्क मे धरना देने को मजबूर होंगे व साथ ही बैठक मे निर्णय लिया गया कि यदि ग्रामीणों की पीडा को हल्के मे लिया गया तो 2 अक्टुबर गांधी जयंती के अवसर पर समस्त क्षेत्रवासी नीलकंठ कांडी मोटर मार्ग को राजधानी देहरादून से जोडने वाली यमकेश्वर की मुख्य सडक गरुड चट्टी मे मजबूर होकर सडक पर जाम लगाने को बाध्य होंगे जिसकी पूर्ण जिम्मदारी शासन प्रशासन की होगी।

                धरने व अनशन पर बैठे क्षेत्र विकास संघर्ष समिती के अध्यक्ष व क्षेत्र पंचायत बूंगा सुदेश भट्ट, संघर्ष समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष दिनेश भंडारी, महा सचिव कमल रावत, कोषाध्यक्ष एवं पूर्व प्रधान कुमार्था ललित मोहन बडोला, समेत नरदेव पयाल, रवि दत्त भट्ट, दयाल सिंह पयाल, देव दत्त भट्ट, रतन सिंह भंडारी, ग्राम प्रधान सुलोचना पयाल, प्रवीण सिंह भंडारी, विजय बिष्ट धरने पर बैठे धरना स्थल पर सहयोग मे सुरमान सिंह, सुनील भंडारी, चरण सिंह भंडारी, नैन सिंह उप प्रधान कुमार्था, धीरेंद्र विष्ट, माधवी देवी, सरिता देवी , शालनी देवी, गंगोत्री देवी नेहा भंडारी, गुड्डी, कमल भंडारी, ईंद्र सिंह, विनोद भंडारी, चंद्र मोहन पयाल, स्वयंम्बर भंडारी, सत्ंद्र, मनोज, विकाश, एवं राधा भंडारी समेत सैकडों लोग उपस्थित रहे।

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