यमकेश्वर क्षेत्र के इन गॉवों की बढी मुसीबतें, अतिवृष्टि और भूस्खलन होने से पूरा क्षेत्र आपदा ग्रस्त,

यमकेश्वरः विगत एक हप्ते से हो रही बारिश ने पूरे उत्तराखण्ड और हिमांचल प्रदेश में कहर ढा दिया है, हर जगह तबाही का मंजर है। जगह जगह भूस्खलन और मलवा आने से जान माल की हानि होने की खबरें आ रही हैं। वहीं उत्तराखण्ड में कल जगह जगह बादल फटने से बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है। उत्तराखण्ड के पहाड़ी जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। पौडी जिले के कोटद्वार और यमकेश्वर क्षेत्र में सर्वाधिक नुकसान हुआ है।
यमकेश्वर के डांडामण्डल क्षेत्र में कल जगह जगह बादल फटने से बहुत अधिक नुकसान हुआ है। तल्ला गंगाभोगपुर में बाढ की स्थिति बनी हुई है, पूरे गॉव में पानी घुस गया है, गॉव वाले कई सालों से तटबंध की मॉग करते आये हैं, किंतु तटबंध नहीं बनने से वर्तमान हालात बहुत खराब हो गये हैं। वहीं कसान- भूमियाकिसार में भी दो परिवारों के मकान टूट चुके हैं,और कुछ की गौशाला टूट गयी हैं, मकानों में और दीवारों में दरारें आ गयी हैं, भूमियाकिसार में गॉव के ऊपर भूस्खलन होने से गॉव खतरे की जद में हैं। काण्डाखाल में खिलपत सिह रावत और बचन सिंह रावत के घर की दीवारों में भी अत्यधिक दरारें आने के कारण मकान खतरे की जद में हैं। घर का ऑगन भी पूरी तरह से घंस गया हैं।
वहीं धारकोट गॉव के उप प्रधान दिनेश शर्मा ने बताया कि अत्यधिक बारिश होने के कारण गॉव के निवासीं राजेन्द्र सिंह पुत्र कृपाल सिंह का मकान गिर गया है, गॉव में वह शरण लेकर अपने परिवार के साथ रह रहा है। वहीं गजेन्द्र पुत्र बीरेन्द्र सिंह का मकान भी क्षतिग्रस्त हालात में है, वह भी गॉव में शरण लेकर अपने परिवार के साथ रहने को विवश है। गजेन्द्र सिंह का बगीचा और खेत दोनों मलवे में दब गये हैं। धारकोट में भी पहाड़ों में दरारें दिखाई दे रही हैं। वहीं बैडखाल में धीरज सिंह रावत और प्रेम सिंह रावत के मकान में दरारें पड़ गयी हैं।
वहीं देवराना गॉव जो सबसे ज्यादा प्रभावित है कल की बारिश से जगह जगह भूस्खलन होने से आने जाने के सभी पैदल मार्ग भी टूट गये हैं जिससे ग्रामीणों को एक दूसरे की मदद करने जाने में भी समस्या हो रही है, बताया जा रहा है कि पहाड़ धंसने लगा है। अत्यधिक बारिश के चलते अभी तक ग्रामीणों को राहत सामग्री नहीं मिल पायी है। डॉखाल से लेकर प्यारे लाल कण्डवाल के मकान तक और टप्पा से लेकर जगदीश कण्डवाल के मकान तक जाने का रास्ता टूट गया है, वहीं डॉखाल से लेकर मन्नाण तक का रास्ता भी पूरी तरह क्षति ग्रस्त हो गया है, जगदीश प्रसाद, कृष्णकुमार और राजकुमार का मकान का नीचे का हिस्सा दब गया है, और टॉयलेट टूट गया है, और ऊपर के हिस्से में दीवारों पर चौड़ी दरारें आ गयी हैं। पूर्व प्रधान अमित देवरानी ने बताया कि सड़कों पर पड़ी दरारें और अधिक चौड़ी हो गयी हैं, पूरा गॉव इसकी चपेट मे है, जिस तरह के हालात दिखाई दे रहे हैं, उससे ग्रामीणों में कोई बड़ी अनहोनी ना हो इसकी चिंता साफ झलक रही है।
वहीं ताछला अमोला निवासी सोहनलाल अमोली, ने बताया कि पिछले तीन दिन से हो रही लगातार बारिश के कारण ताछला पैरी पानी से लेकर भटोरीधार, खालातन कुशमीतण आदि स्थानों में कृषि भूमि और घरों के अगल बगल ऊपर नीचे भारी मात्रा में जगह जगह खण्डित व भूस्खलन जारी है, जिससे काफी नुकसान हुआ है।
वहीं बुकण्डी में भी बताया जा रहा है कि सड़क के नीचे भूधसांव होने से सतरग तोक के खलगी में भी मकानों में दरारें आनी की खबरे हैं। वहीं दिवोगी ग्राम सभा के राजस्व ग्राम मरोड़ा में एक र्गौशाला क्षतिग्रस्त होने की सूचना है।
वहीं बिथ्याणी के पास संत निरंकारी भवन में रवासण नदी का जलभराव होने से भवन झुक गया है। नदी का जलस्तर बढा हुआ है। प्रसि़द्ध गेंद मेला थल नदी के मैदान में पानी आने से पूरे मैदान मे पानी भर गया है जिससे काफी भू कटाव हो गया है। वहीं दुगड्डा के पौखाल बाजार में भी काफी भूस्खलन होने की सूचना हैं।