यमकेश्वरः कण्डरह गॉव के ग्रामीण आपदा के बाद जागकर डर के साये में काटते हैं, बरसात की सारी रात,

यमकेश्वरः कण्डरह गॉव के ग्रामीण आपदा के बाद जागकर डर के साये में काटते हैं, बरसात की सारी रात,
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यमकेश्वरः यमकेश्वर में तालघाटी में आपदा के बाद दिवोगी ग्राम सभा के कण्डरह गॉव के लोग जिस दिन आसमान में काले बदरा छा जाते हैं, और बारिश शुरू हो जाती है तो उनकी चिंता बढने लगती है, और डर का साया पूरे गॉव लोगांं में बस जाता है, और आपदा के भय से लोग पूरी रात जागकर डर के साये में काटते हैं। कण्डरह गॉव आपदा के बाद तीनों तरफ से खतरे की जद में है। अभी पिछले 20 अगस्त को आयी आपदा ने कण्डरह की प्राचीन मण्डी जिस स्थान पर थी उसको अपने आगोश में लेकर वहॉ के नामों निशान मिटा दिये थे और अवशेष दुकान को भी बहाकर ले गयी थी।

कण्डरह गॉव के धनवीर सिंह रावत की ऐतिहासिक कण्डरह मण्डी की आखिरी दुकान भी आपदा के भेंंट चढ गयी। दुकान के जाने के बाद धनवीर सिहं रावत, सुखपाल सिंह रावत, कमल रावत आदि का मकान अब खतरे की जद में है। कमल रावत ने बताया कि नदी का मुहाना और पानी का बहाव पूरी तरह से उनके घर की तरफ है, नदी हर रोज कटान कर रही है, जिस कारण उनके मकान को खतरा बना हुआ है। उनके दो कमरे और  गौशाला  भी नदी में बह गई  हैं।

आपदा के बाद यमकेश्वर प्रशासन के द्वारा राजस्व कार्मिक ने तालघाटी के दिवोगी ग्राम सभा का भौतिक निरीक्षण कर आपदा से हुए नुकसान की रिपोर्ट प्रशासन को भेजी थी, उसके बाद ज्येष्ट प्रमुख दिनेश भट्ट ने भी कण्डरह में आपदा प्रभावित क्षेत्र का जायजा लिया। आपदा से प्रभावित होने वाले परिवार के सदस्य कमल रावत ने कहा कि प्रशासन एवं जन प्रतिनिधियों को नदी के बहाव को दूसरी ओर मोड़ने के लिए दूरभाष पर भी सूचना दी गयी किंतु आपदा के 12 दिन बाद भी अभी तक कोई कार्य धरातल पर नहीं हुआ है।

वहीं स्थानीय निवासी धर्म सिंह रावत का कहना है कि जैसे ही रात को घने बादल आसमान में दिखाई देते हैं, और बारिश होने लगती है हम लोग सहम जाते हैं, क्योंकि 20 अगस्त का वह सामरिक दृश्य अभी भी ऑखों के सामने भयावह तौर से सामने आता है तो हम उसकी पुनः कल्पना करते ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि कण्डरह गॉव आपदा की जद में आया है, प्रशासन ने एक दिवसीय भ्रमण तो कर लिया लेकिन अभी तक नदी के बहाव को दूसरी ओर मोड़ने के लिए धरातल पर कुछ नहीं किया है। नदी अभी भी कटान कर रही है, उनके धान के खेतों को खतरा के साथ ही धनवीर सिंह रावत और उनकी गौशाला खतरे की जद में है।


वहीं ग्राम प्रधान सत्यपाल रावत ने कहा कि कण्डरह गॉव पूरी तरह से तीनो ओर खतरे की जद में है, यदि गॉव को बाढ से सुरक्षा नहीं की जाती है तो पूरा गॉव खतरे की जद में आ सकता है, इसकी सूचना प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को दे दी गयी है।

Mankhi Ki Kalam se

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