चार धाम यात्रा मार्गों पर होने वाली स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानियों के निदान हेतु एम्स ऋषिकेश द्वारा चिकित्सकों के प्रशिक्षण के लिए कार्यशाला का आयोजन

चार धाम यात्रा मार्गों पर होने वाली स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानियों के निदान हेतु एम्स ऋषिकेश द्वारा चिकित्सकों के प्रशिक्षण के लिए कार्यशाला का आयोजन
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चार धाम यात्रा मार्गों पर होने वाली स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानियों के निदान हेतु एम्स ऋषिकेश द्वारा चिकित्सकों के प्रशिक्षण के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। फिजियोलाॅजी विभाग के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यशाला में राज्य सरकार द्वारा यात्रा मार्गों पर तैनात किए जाने वाले विभिन्न चिकित्सकों ने प्रतिभाग किया।

 

चारधाम यात्रा मार्गों के विभिन्न स्थानों पर राज्य सरकार द्वारा प्रतिवर्ष मेडिकल ऑफिसरों, चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती की जाती है। उच्च हिमालयी क्षेत्रों से होकर गुजरने वाली इस यात्रा के विभिन्न पड़ावों में कई बार यात्रियों को स्वास्थ्य सम्बन्धी विभिन्न दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में यात्रा मार्गों पर तैनात किए जाने वाले राज्य सरकार के चिकित्सकों को उक्त विषय में प्रशिक्षण दिए जाने हेतु एम्स ऋषिकेश के फिजियोलाॅजी विभाग द्वारा प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। ’चारधाम हेल्थ सिस्टम स्ट्रेन्थनिंग ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स हाई आल्टिट्यूड मेडिसिन वर्कशॉप’ का उद्घाटन करते हुए संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर( डॉ.) मीनू सिंह ने कहा कि हाई आल्टिट्यूड में तीर्थ यात्रियों को अक्सर शारीरिक परेशानियां ज्यादा होती हैं। उच्च हिमालयी क्षेत्रों के यात्रा मार्गों पर इन आकस्मिक परेशानियों का चिकित्सीय स्तर से किस प्रकार तात्कालिक निदान किया जा सकता है, यह अनुभव सभी चिकित्सकों को होना चाहिए।

 

डीन एकेडेमिक प्रो.जया चतुर्वेदी ने कार्यशाला को चारधाम यात्रा में ड्यूटी देने वाले चिकित्सकों के लिए बहुलाभकारी बताया। उन्होंने कहा कि कार्यशाला से प्राप्त अनुभव चारधाम यात्रा काल के अलावा अन्य अवसरों के लिए भी लाभदायक सिद्ध होगा। कार्यशाला को चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजीव कुमार मित्तल, फिजियोलाॅजी विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो.लतिका मोहन आदि ने भी संबोधित किया। इस दौरान अधिक ऊंचाई पर होने वाली स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों, अन्य विभिन्न दिक्कतों, हृदय और श्वास संबंधी परेशानियों और उनके निदान सहित हेलीकाॅप्टर द्वारा मरीजों की निकासी और उन्हें स्वास्थ्य परेशानी होने पर आक्सीजन देने के सही तरीकों के बारे में विभिन्न माध्यमों से ट्रेनिंग दी गई।

 

इस दौरान एअर वाईस मार्शल (रिटायर्ड) दीपक गौड ( ए.वी.एस.एम. ) इंदिरा गांधी राजकीय मेडिकल काॅलेज नागपुर के प्रो. सतीश देवपुजारी, एम्स ऋषिकेश के फिजियोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. लतिका मोहन, अमृता मेडिकल काॅलेज फरीदाबाद के कर्नल एस. पी. सिंह, वृघंम यंग यूनिवर्सिटी (यूएसए ) के क्रेग नट्टल, चिकित्सा स्वास्थय एवं परिवार कल्याण विभाग उत्तराखंड के सहायक निदेशक डाॅ. मयंक बडोला, तथा नेत्र विभाग एम्स ऋषिकेश की डा. नीती गुप्ता सहित आदि ने कार्यशाला को संबोधित कर चिकित्सकों को प्रशिक्षित किया।

 

कार्यशाला में आयोजन सचिव और फिजियोलॉजी विभाग की डॉक्टर जयंती पन्त सहित विभिन्न विभागों के फेकल्टी सदस्य मौजूद थे।

Mankhi Ki Kalam se

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