शिवपाल के भाजपा में जाने का एक और संकेत, जाने क्यों गर्म है सियासी पारा
यूपी। पिछले कई दिनों से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने चल रही अटकलों के बीच प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल यादव ने एक ट्वीट किया। सोमवार सुबह किए गए इस ट्वीट में शिवपाल यादव ने रामायण की चौपाई के साथ भगवान राम को परिवार, संस्कार और राष्ट्र निर्माण की सर्वोत्तम पाठशाला बताया है। इस ट्वीट के बाद एक बार फिर से यह संकेत मिल रहे हैं कि शिवपाल यादव पर भगवा रंग चढ़ने लगा है।
इससे दो दिन पहले ही शिवपाल सिंह यादव ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ट्विटर पर फॉलो कर लिया था। इसके अलावा उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा को भी फॉलो किया था। इससे पहले शिवपाल सिंह यादव पीएम और सीएमओ को ही फॉलो करते थे। शिवपाल कुल 12 लोगों को फालो करते हैं। इनमें राष्ट्रपति के अलावा सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, पीसीएफ चेयरमैन और प्रसपा के महासचिव आदित्य यादव, कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी हैं।
इससे पहले, चर्चा थी कि शिवपाल यादव ने दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से मुकाकात की थी, उसके बाद शिवपाल यादव बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिले थे। सूत्र बताते हैं कि इटावा से दिल्ली जाने के दौरान शिवपाल ने पूर्व विधायक हरिओम यादव से भी मुलाकात की थी।
पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात को शिष्टाचार भेंट बताया था। यह भी कहा कि वक्त आने पर बोलेंगे। चर्चा है कि जुलाई में राज्यसभा और विधानसभा परिषद की कई सीटें खाली हो रही हैं, ऐसे में शिवपाल यदि भाजपा में जाते हैं, तो उन्हें राज्यसभा में या विधानसभा परिषद में भेजा जा सकता है। यह भी पता चला है कि लखनऊ में पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक में सभी से अगले कुछ दिनों तक इंतजार करने और संगठित रहने को कहा गया है।
शिवपाल का साथ मिला तो यादव वोटबैंक में सेंध लगा सकेगी भाजपा
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के रवैये से आहत विधायक शिवपाल सिंह यादव अपने समर्थकों के साथ लगातार बैठक कर रहे हैं। उन्होंने शनिवार को भी पार्टी कार्यालय में प्रसपा से जुड़े वरिष्ठ नेताओं के साथ मंत्रणा की थी। हालांकि भाजपा में जाने के सवाल पर चुप रहे। उन्होंने कहा कि अगले कदम के बारे में जल्द ही घोषणा करेंगे। अगर शिवपाल भाजपा में शामिल होते हैं तो यह अखिलेश व सपा के लिए बड़ा झटका होगा। साथ ही मिशन 2024 के तहत यादव वोट बैंक में सेंध लगाने में जुटी भाजपा का यह बड़ा कदम होगा।