दो साल बाद यमकेश्वर के प्राचीन सिद्धपीठ माँ विंध्यवासनी मंदिर के प्रांगण में लगा रामनवमी का मेला, मेले में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
यमकेश्वर: रामनवमी के अवसर पर यमकेश्वर के प्राचीन सिद्धपीठ माँ विंध्यवासनी के मंदिर में दो साल बाद रामनवमी का मेला लगा। बता दे कि भारत वर्ष मे एक मध्यप्रदेश के विंध्याचल पर्वत पर विराजमान प्रसिद्ध माँ विंध्यवासनी का मंदिर है वहीं दूसरा मंदिर उत्तराखंड के पौड़ी जिले के यमकेश्वर क्षेत्र के तालघाटी मे स्थित मणिकूट पर्वत के सामने स्थित पहाड़ी पर माँ विंध्यवासनी का प्राचीन सिद्धपीठ मंदिर है, जँहा हर वर्ष रामनवमी के अवसर मेला लगता है। पिछले दो साल कोविड़ के चलते मेला नही हो पाया था,लेकिन इस साल पूर्व की भांति मेला का सफल आयोजन हुआ। इस साल मेले में दूर दराज क्षेत्र के लोग मेले में आये हुए थे।
स्थानीय निवासी शिक्षक सत्यपाल रावत सतेश्वर प्रसाद जोशी का कहना है कि इस जगह पर हर वर्ष रामनवमी का मेला आयोजन होता है, यदि शाशन प्रशासन से सहयोग मिले तो यहाँ पर मेला विस्तृत रुप मे योजनाबद्ध तरीके से हो सकता है, साथ ही पार्क होने के कारण यँहा पर पर्यटकों के लिये उचित व्यवस्था नही बन पा रही है जिस तरह से ऋषिकेश हरिद्वार के समीप होंने के बावजूद भी यह क्षेत्र पर्यटन उद्योग से अभी कोषों दूर है। जिस तरह से यह क्षेत्र अब सड़क से जुड़ने जा रहा है, उससे लग रहा है कि आने वाला दशक तालघाटी का होगा, बस बरसात के लिये एक स्थायी सड़क मार्ग का विकल्प खुल जाए तो यह क्षेत्र पर्यटन हब के रूप में विकसित हो सकता है।
रामनवमी के अवसर पर इस क्षेत्र में ही मेल का आयोजन होता है,सुबह लोग नवमी के अवसर पर माता रानी के दर्शन करने के उपरांत मेले का लुफ्त उठाते है।विंध्यवासनी मंदिर से आगे 300 मीटर दूरी पर माँ शारदा का मंदिर भी है। श्रद्गालू माँ विंध्यवासनी के दर्शन करने के बाद माता शारदा के मन्दिर में भी दर्शन करने जाते है।
मंदिर में नौगाँव बुकण्डी विंध्यवासनी सड़क मार्ग के लिंक होने के उपलक्ष में संघर्ष समिति के द्वारा श्रद्धालुओ के लिये भंडारे का आयोजन किया गया जिसमें सभी क्षेत्रवासियों के द्वारा बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया गया। इस दौरान यमकेश्वर विधायक रेनू बिष्ट, जिला पंचायत सदस्य उमरोली आरती गौड़ जेष्ठ प्रमुख दिनेश भट्ट, संघर्ष शक्ति के अध्यक्ष राजपाल राणा, महासचिव महेश्वर प्रसाद कुकरेती, समिति के सदस्य सतेश्वर प्रसाद जोशी, सत्यपाल रावत, नीरज कुकरेती, धुर्व असवाल, बृजेश कुकरेती, दिवोगी ग्राम प्रधान सत्यपाल रावत, पूर्व प्रधान तल्ला बनास विनोद नेगी, महिपाल रावत, आनंद सिंह रावत, आशीष कंडवाल आदि उपस्थित रहे।