यमकेश्वर क्षेत्र में लंपी वायरस से गौ वंश संक्रमित, काश्तकारों की बढी चिंता

यमकेश्वर क्षेत्र में लंपी वायरस से गौ वंश संक्रमित, काश्तकारों  की बढी चिंता
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यमकेश्वरः यमकेश्वर क्षेत्र में लंपी वायरस का प्रकोप बढ गया है। गौं वंश में इस बीमारी के संक्रमण से गौं पालक चिंतित है। बताया जा रहा है कि यमकेश्वर के डांडामण्डल एवं तालघाटी में यह संक्रमण तेजी से फैल रहा है। गौ वंश में फैलने वाली इस लंपी वायरस से तालघाटी एवं डांडामण्डल क्षेत्र से सभी चिंतित है। मिली जानकारी के अनुसार, ताल घाटी में एवं डांडामण्डल में दो मवेशियों की मौत हो गयी है।
क्षेत्र में पशुपालन विभाग की ओर से कोई सर्तकता नहीं बरती गयी है, जिन ग्रामीणों का एक मात्र व्यवसाय का जरिया पशुधन ही है, उनके लिए सबसे ज्यादा चिंता का विषय बना हुआ है। इस लंपी नामक वायरस फैलने से गौं वंश को बुखार आ रहा है, उनके पूरे शरीर पर दाने हो रहे हैं, और वह खाना पीना छोड़ रहे हैं। यह रोग अब मवेशियों में तेजी से फैलता जा रहा है। बरसात के मौसम के चलते मच्छरो, मक्खियों जू एवं ततैया के कारण फैलता है।

लंपी स्किन वायरस क्या है – Lumpy Skin Disease in Cattle

’लंपी स्किन डिजीज’(Lumpy Skin Disease) रोग ‘मंकी पोक्स’ की तरह है। यह रोग मवेशियों में फैलता है। यह बहुत ही संक्रमित रोग है जो एक संक्रमित पशु से दूसरे स्वस्थ पशु तक फैलता है। यह ‘पोक्सविरिडे परिवार’((Poxviridae)) के एक वायरस के कारण होता है, जिसे ’नीथलिंग वायरस’ भी कहा जाता है। यह वायरस मच्छरों, मक्खियों, जूं एवं ततैयों के कारण फैलता है। इसको ’’गांठदार त्वचा रोग वायरस’(LSDV) के नाम से भी जाना जाता है।

यह बीमारी दूषित भोजन एवं अशुद्ध पानी के कारण मवेशियों में फैलता है। इस रोग के कारण पशुओं की त्वचा पर गांठे पङ जाती है और उनको तेज बुखार हो जाता है। पशु दूध कम देने लगता है तथा उनको चारा खाने में भी दिक्कत होती है। इस रोग के संक्रमण से पशुओं की मौत भी हो जाती है।

Mankhi Ki Kalam se

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