रचनात्मक अभिव्यक्ति के साथ दस हजार बच्चों की फूलदेई कार्यक्रम का समापन

रचनात्मक अभिव्यक्ति के साथ दस हजार बच्चों की फूलदेई कार्यक्रम का समापन
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प्रदेश के दूरस्थ छेत्रों से आये बच्चों की चित्रकला प्रदर्शनी और संस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ समापन*

देहरादून : धाद संस्था द्वारा उत्तराखण्ड के विभिन्न स्कूलो मे एक महीने से चलाए जा रहे फूलदेई कार्यक्रम का समापन समारोह संस्कृति विभाग प्रेक्षागृह, हरिद्वार बाइपास रोड़ पर आयोजित किया गया I 14 मार्च से शुरू हुए फूलदेई आयोजन मे धाद के कार्यक्रम एक कोना कक्षा का से जुड़े प्रदेश भर के विभिन्न स्कूलों के दस हजार बच्चों ने चित्रकला, लेखन और भाषण प्रतियोगिता मे प्रतिभाग किया I आयोजन स्थल मे बच्चों द्वारा बनाई गई चित्रकला की प्रदर्शनी भी लगाई गई I

इस अवसर पर आर आई एम टी कॉलेज के संस्थापक और फूलदेई के सहयोगी मितेश सेमवाल ने कहा कि इस तरह के प्रकृति से बच्चों को जोड़ने वाले पर्व सिर्फ हिमालय मे ही देखने को मिलते है इन्हें सहेज कर रखना हम सभी की जिम्मेदारी है I

हिम फाउंडेशन के अजय बहुगुणा ने कहा कि फूलदेई प्रकृति के साथ साथ विज्ञान का भी पर्व है इसे रचनात्मकता से जोड़ना धाद की अनूठी पहल है जिसका स्वागत किया जाना चाहिए I शिवप्रसाद ग्वाड़ी ने इस अनूठी पहल का स्वागत किया और उन्होंने मवाधार अध्याय के प्रति पुनः प्रतिबद्धता दिखाई। इस अवसर पर मौजूद राजकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय लाल तपड की शिक्षक तपस्या सती ने कहा इस तरह की गतिविधियां बच्चों का मनोबल तो बढ़ाती ही है ब्लकि उन्हें अपनी संस्कृति से भी जोड़ती हैं I शिक्षक अरविंद सोलंकी ने कहा कोना कक्षा की किताबें आते ही बच्चों का उत्साह देखने लायक होता है, विशेषकर मासिक पत्रिका चंपक को लेकर बच्चे महीने भर इंतजार करते है I

एक कोना कक्षा के संयोजक गणेश उनियाल ने कहा हमारा प्रयास है कि हम हर बच्चे हर स्कूल तक पहुंचें। आज के इस विमर्श का उद्देश्य है कि आप सभी के सहयोग से हमें उच्च कोटि का साहित्य बच्चों तक पहुंचाने में मार्गदर्शन मिले क्योंकि हमारी साहित्यिक जानकारी बहुत कम है फिर भी हम सामूहिक प्रयासों से आगे बढ़ते रहे।

अपने विस्तार कार्यक्रम के अंतर्गत हमने 2019 में मेरे गांव का स्कूल अभियान शुरू किया था जिसका बहुत अच्छा परिणाम मिला और समाज अपने गांव के स्कूल से जुड़ने के लिए आगे आया। वर्तमान में शहरी और ग्रामीण शिक्षा में बहुत अंतर है। मेरे गांव का स्कूल मवाधार के नाम से एक नया अध्याय शुरु किया है जिसमें वहां के पूर्व छात्रों व समाज के सहयोग से विद्यालय में आवश्यक संशाधन जुटाने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। हम चाहते हैं कि सरकार के प्रयासों के साथ ही समाज भी स्कूलों की बेहतरी के लिए आगे आये।

इस अवसर पर राकेश अग्रवाल, मनोहर लाल, बबीता जोशी, अल्का कुकरेती, विजय लक्ष्मी, प्रदीप डोभाल, नूपुर डोभाल, सोम प्रकाश शर्मा, सोनाली कोइराला, अर्चिता मंडल, कपिला उनियाल, नीलिमा धूलिया, मुकेश धूलिया, नरेंद्र सिंह रावत, वीरेन्द्र गुसाईं, योगेश्वर पुरोहित आदि उपस्थितउत्तराखंड मेडिकल लैब टेक्नीशियन एसोसिएशन की प्रांतीय कार्यकारिणी बैठक में लिए गये कई अहम निर्णय

दिनांक 27 अप्रैल

देहरादून :उत्तराखंड मेडिकल लैब टेक्नीशियन एसोसिएशन की प्रांतीय कार्यकारिणी की प्रथम बैठक, ऑफिसर्स ट्रांजिट हॉस्टल रेस कोर्स देहरादून में संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता प्रांतीय अध्यक्ष श्री राकेश रावत जी की अध्यक्षता में हुई।

संघ के प्रदेश प्रवक्ता सुभाष भट्ट ने बताया कि बैठक में जिला कार्यकारिणी के पदाधिकारियों एवं सदस्यों की उपस्थिति में मिलकर कई अहम फैसले लिए गए, जिनमे प्रांतीय अध्यक्ष राकेश रावत एवम प्रांतीय महासचिव प्रशांत कनवासी के निर्देश पर कैडर पुनर्गठन हेतु एक कोर कमेटी का गठन किया गया जो कैडर पुनर्गठन की प्रक्रिया को गति देगा, साथ ही कैडर पुनर्गठन के साथ अन्य भत्ते जैसे वाहन भत्ता, वर्दी भत्ता, धुलाई भत्ता, आहार भत्ता नसबंदी शिविर मानदेय एवम स्थायीकरण आदि पर प्रशासन पर दबाव बनाने की रणनीति तय की गई ।

संघ के तीन महिला कर्मचारी जो स्टेट रेफरेंस लैब में लैब टेक्नीशियन के पद पर कार्यरत हैं, का 15 वर्ष के उपरांत भी MACP लागू नहीं हो पाया है। जबकि भारत सरकार की व्यवस्था के अनुसार यह लाभ 10, 20 एवम 30 साल में स्वत् ही लागू हो जाता है। इस कारण समस्त लैब टेक्नीशियन संघ में रोष व्याप्त है, जिससे छुब्ध होकर संघ ने महानिदेशक स्वास्थ्य उत्तराखंड को उचित कार्यवाही हेतु एक माह का समय दिया है। अन्यथा की दशा में संघ द्वारा महानिदेशक स्वास्थ्य का घेराव एवं धरना प्रदर्शन किया जाएगा।

बैठक में केंद्रीय कार्यकारिणी के पदाधिकारी, एवम समस्त जिलाकार्यकरिणी के पदाधिकारी एवम सदस्य मौ*रचनात्मक अभिव्यक्ति के साथ दस हजार बच्चों की फूलदेई कार्यक्रम का समापन*

 *प्रदेश के दूरस्थ छेत्रों से आये बच्चों की चित्रकला प्रदर्शनी और संस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ समापन*

धाद संस्था द्वारा उत्तराखण्ड के विभिन्न स्कूलो मे एक महीने से चलाए जा रहे फूलदेई कार्यक्रम का समापन समारोह संस्कृति विभाग प्रेक्षागृह, हरिद्वार बाइपास रोड़ पर आयोजित किया गया I 14 मार्च से शुरू हुए फूलदेई आयोजन मे धाद के कार्यक्रम एक कोना कक्षा का से जुड़े प्रदेश भर के विभिन्न स्कूलों के दस हजार बच्चों ने चित्रकला, लेखन और भाषण प्रतियोगिता मे प्रतिभाग किया I आयोजन स्थल मे बच्चों द्वारा बनाई गई चित्रकला की प्रदर्शनी भी लगाई गई I

इस अवसर पर आर आई एम टी कॉलेज के संस्थापक और फूलदेई के सहयोगी मितेश सेमवाल ने कहा कि इस तरह के प्रकृति से बच्चों को जोड़ने वाले पर्व सिर्फ हिमालय मे ही देखने को मिलते है इन्हें सहेज कर रखना हम सभी की जिम्मेदारी है I

हिम फाउंडेशन के अजय बहुगुणा ने कहा कि फूलदेई प्रकृति के साथ साथ विज्ञान का भी पर्व है इसे रचनात्मकता से जोड़ना धाद की अनूठी पहल है जिसका स्वागत किया जाना चाहिए I शिवप्रसाद ग्वाड़ी ने इस अनूठी पहल का स्वागत किया और उन्होंने मवाधार अध्याय के प्रति पुनः प्रतिबद्धता दिखाई। इस अवसर पर मौजूद राजकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय लाल तपड की शिक्षक तपस्या सती ने कहा इस तरह की गतिविधियां बच्चों का मनोबल तो बढ़ाती ही है ब्लकि उन्हें अपनी संस्कृति से भी जोड़ती हैं I शिक्षक अरविंद सोलंकी ने कहा कोना कक्षा की किताबें आते ही बच्चों का उत्साह देखने लायक होता है, विशेषकर मासिक पत्रिका चंपक को लेकर बच्चे महीने भर इंतजार करते है I

एक कोना कक्षा के संयोजक गणेश उनियाल ने कहा हमारा प्रयास है कि हम हर बच्चे हर स्कूल तक पहुंचें। आज के इस विमर्श का उद्देश्य है कि आप सभी के सहयोग से हमें उच्च कोटि का साहित्य बच्चों तक पहुंचाने में मार्गदर्शन मिले क्योंकि हमारी साहित्यिक जानकारी बहुत कम है फिर भी हम सामूहिक प्रयासों से आगे बढ़ते रहे।

अपने विस्तार कार्यक्रम के अंतर्गत हमने 2019 में मेरे गांव का स्कूल अभियान शुरू किया था जिसका बहुत अच्छा परिणाम मिला और समाज अपने गांव के स्कूल से जुड़ने के लिए आगे आया। वर्तमान में शहरी और ग्रामीण शिक्षा में बहुत अंतर है। मेरे गांव का स्कूल मवाधार के नाम से एक नया अध्याय शुरु किया है जिसमें वहां के पूर्व छात्रों व समाज के सहयोग से विद्यालय में आवश्यक संशाधन जुटाने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। हम चाहते हैं कि सरकार के प्रयासों के साथ ही समाज भी स्कूलों की बेहतरी के लिए आगे आये।

इस अवसर पर राकेश अग्रवाल, मनोहर लाल, बबीता जोशी, अल्का कुकरेती, विजय लक्ष्मी, प्रदीप डोभाल, नूपुर डोभाल, सोम प्रकाश शर्मा, सोनाली कोइराला, अर्चिता मंडल, कपिला उनियाल, नीलिमा धूलिया, मुकेश धूलिया, नरेंद्र सिंह रावत, वीरेन्द्र गुसाईं, योगेश्वर पुरोहित आदि उपस्थित थे।जूद रहे। थे।

Mankhi Ki Kalam se

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