उत्तराखंड

संगीतकार गुंजन डंगवाल की मौत से घनसाली क्षेत्र में शोक

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नई टिहरी। उत्तराखंड के युवा संगीतकार गुंजन डंगवाल की हरियाणा के पंचकूला में एक सड़क हादसे में मौत होने से घनसाली में मातम पसर गया। लोगों ने उनकी मौत पर गहरा शोक प्रकट करते हुए दिवंगत आत्मा को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि दी।

भिलंगना ब्लॉक के ग्यारह गांव पट्टी के अखोडी गांव निवासी गुंजन डंगवाल की बीती रात्रि को चंडीगढ़ जाते समय पंचकूला के पास सड़क हादसे में मौत हो गई। घटना से घनसाली सहित उत्तराखंड के हर संगीत प्रेमी सन्न रह गया। लोगों ने उनकी मौत पर गहरा शोक प्रकट करते हुए संगीत की दुनिया के इस चमकते सितारे के यूं बीच मे दुनिया से अलविदा कर चले जाने से दुखी हैं। वर्ष 1996 में अखोडी गांव में जन्मे गुंजन के पिता कैलाश डंगवाल शिक्षक के साथ ही संस्कृति कर्मी है।

गुंजन ने इंजीनियरिंग की पढाई की थी, लेकिन बचपन से उनकी संगीत में गहरी रुचि के चलते उन्होंने संगीत की शिक्षा ली। कम उम्र में ही अच्छा मुकाम हासिल कर लिया। उन्होंने चैता की चैतवाल्या, नंदू मामा की स्याली, उड़ा दु भौंरा सहित दर्जनों गढ़वाली गीतों में अपने संगीत का जादू बिखेरकर लोगों मे काफी लोकप्रिय हो गए। जिसके चलते उन्होंने कई पुरस्कार भी हासिल किए। उनकी असमय मौत पर घनसाली के विधायक शक्तिलाल शाह, ब्लॉक प्रमुख बसुमती घनाता, पूर्व प्रमुख विजय गुनसोला, धनी लाल शाह, व्यापार मंडल अध्यक्ष डॉ. नरेंद्र डंगवाल, नगर पंचायत अध्यक्ष शंकरपाल सजवाण सहित संगीत प्रेमियों व राजनेताओं ने गहरा दुख जताते हुए परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है।

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