उत्तराखंड के बेरोजगार युवाओं के लिए बड़ी खुशखबरी, धामी सरकार जल्द खोलने जा रही है नौकरियों का पिटारा, अगली कैबिनेट में आ सकता है प्रस्ताव
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने चुनावी वायदों को एक-एक कर पूरा करने में जुटे हुए हैं। इसी कड़ी में अब धामी सरकार जल्द ही सरकारी महकमों, निगमों व सहायतित संस्थाओं में खाली पड़े पदों पर भर्ती अभियान चलाने जा रही है। इसके लिए जल्द ही कैबिनेट में प्रस्ताव जल्द लाया जा सकता है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक हर विभाग से खाली पड़े पदों के बारे में विस्तार से जानकारी जुटाकर डाटा तैयार किया जा रहा है। सरकार भर्ती प्रक्रिया को पूरी तरह से पारर्दशी और मानकों के तहत पूरा करवाने के लिए रोडमैप तैयार करने में जुटी हुई है।
उत्तराखंड में बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है। राज्य के युवाओं की सरकारी नौकरियों पर लगातार नजर बनी हुई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का फोकस भी सरकारी महकमों में उन पदों पर भर्ती करने पर है, जिन्हें भरना आवश्यक है। बाकी युवाओं को सरकार स्वरोजगार और आजीविका आधारित योजनाओं से जोड़ने के लिए प्रेरित कर रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक राज्य के सरकारी महकमों, निगमों व सहायतित संस्थाओं में विभिन्न श्रेणियों के 1 लाख के लगभग पद खाली हैं। आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रही प्रदेश सरकार के लिए इन सभी खाली पदों को भरना संभव नजर नहीं आ रहा है। यही वजह है कि सरकार अपने आर्थिक सामर्थ्य के आधार पर खाली पदों पर भर्ती के लिए आयोगों को प्रस्ताव भेज रही है।
वित्त विभाग की रिपोर्ट में सरकारी विभागों, निगमों और सहायतित संस्थाओं में 31 मार्च 2021 तक खाली समूह क, ख, ग और घ श्रेणी के खाली पदों का ब्योरा दिया गया है। इस विवरण के अनुसार, सरकारी विभागों में 59699 राजपत्रित व अराजपत्रित खाली हैं। कुल 254920 स्थायी व अस्थायी पदों में से 195221 पदों पर कर्मचारी काम कर रहे हैं। इनमें सबसे अधिक समूह ग के 41,842 पद खाली हैं, जबकि समूह घ के 9,591 पद भी रिक्त चल रहे हैं। समूह क और ख श्रेणी के 8266 पद भी खाली हैं। इसी तरह सार्वजनिक संस्थाओं में भी विभिन्न श्रेणियों के कुल 14019 पद खाली चल रहे हैं। कुल 29794 स्थायी व अस्थायी पदों में से 15775 पदों पर ही कर्मचारी तैनात हैं। इनमें सबसे अधिक 9173 पद समूह ग खाली हैं। सहायतित संस्थाओं में भी स्थायी व अस्थायी वर्ग में समूह क, ख, ग व घ श्रेणी के 8798 पद खाली चल रहे हैं।
सरकारी नौकरियों के खुलने की राह देख रहे राज्य के करीब 9 लाख पंजीकृत बेरोजगारों के लिए विभागों, निगमों व सहायतित संस्थाओं में हजारों खाली पदों की खबर खुशी देने वाली हो सकती है, लेकिन प्रदेश सरकार के लिए हजारों सरकारी नौकरियां खोलना आसान नहीं है। सरकार को अंदाजा है कि वित्तीय चुनौतियों के बीच हजारों सरकारी नौकरियां देने से सरकार का खर्च बढ़ जाएगा। हाल ही में जारी बजट में सरकार ने राज्य के स्वयं के राजकोषीय सुधार को लेकर जो संकेतक बनाए हैं, उसके अनुसार, सरकार का वेतन का खर्च लगातार बढ़ता जा रहा है। 2019-20 में सरकार ने कर्मचारियों के वेतन पर 13054.48 करोड़ रुपये खर्च किए। 2020-21 में उसने 14951 करोड़ का संशोधित खर्च का अनुमान लगाया। 202-23 में अकेले वेतन पर ही 16572 करोड़ रुपये के खर्च आने की संभावना है। यह खर्च 2023-24 में 18 हजार और 204-25 में 20 हजार करोड़ से अधिक तक पहुंचने के आसार हैं।