उत्तराखंड की धीरे-धीरे बदल रही तस्वीर, कई क्षेत्रों में हिमालच से आगे

उत्तराखंड की धीरे-धीरे बदल रही तस्वीर, कई क्षेत्रों में हिमालच से आगे
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उत्तराखंड की धीरे-धीरे बदल रही तस्वीर, कई क्षेत्रों में हिमालच से आगे

देहरादून। राज्य गठन के 21 साल बाद उत्तराखंड की तस्वीर धीरे-धीरे बदल रही है। जिस विकास की सोच व सपनों को लेकर अलग उत्तराखंड की मांग की गई थी अब वह पटरी पर आते हुए दिखाई दे रही है। कई क्षेत्रों में अब उत्तराखंड पड़ोसी राज्य से बेहतर है तो कई मामले में हिमाचल अब भी उत्तराखंड के लिए नजीर है। यह खुलासा नियोजन विभाग के अर्थ एवं संख्या निदेशालय की हाल ही में जारी उत्तराखंड और हिमाचल की तुलनात्मक रिपोर्ट से हुआ है। 2017-18 के आंकड़ों के हिसाब से तैयार की गई यह रिपोर्ट बता रही है कि उत्तराखंड राज्य मोटर मार्गों के निर्माण, बिजली के उत्पादन, फलों की पैदावार और सैलानियों को लुभाने के मामले में हिमाचल से आगे निकल गया है।

प्रशासनिक इकाइयां ज्यादा
उत्तराखंड राज्य में 13 जिले, 110 तहसीलें और 95 ब्लाक की तुलना में हिमाचल में 12 जिले, 106 तहसील और 80 ब्लाक हैं।

भौगोलिक और वन क्षेत्रफल अधिक
हिमाचल की तुलना में उत्तराखंड का भौगोलिक क्षेत्र अधिक है। राज्य के 3811662 हेक्टेयर क्षेत्रफल की तुलना में हिमाचल 3794776 हेक्टेयर में फैला है। उत्तराखंड में 71.27 प्रतिशत वन क्षेत्र है, जबकि हिमाचल में 68.16 प्रतिशत वन क्षेत्र है।

मोटर मार्ग ज्यादा, सैलानी भी अधिक
अवस्थापना विकास के मामले में भी उत्तराखंड ने तरक्की की है। राज्य में हिमाचल से अधिक 47292 किमी मोटर मार्ग हैं, जबकि हिमाचल में 38454 किमी मोटर मार्ग हैं। 2018 में उत्तराखंड में 3.68 करोड़ से अधिक पर्यटक आए, जबकि हिमाचल में 1.64 लाख सैलानियों की आमद हुई। विदेशी सैलानियों को आकर्षित करने के मामले में हिमाचल उत्तराखंड से जरूर आगे है।

बिजली उत्पादन भी अधिक, खपत भी
उत्तराखंड पड़ोसी राज्य से बिजली भी अधिक पैदा कर रहा है और खपत भी यहां ज्यादा है। रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तराखंड में 4665.08 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन हो रहा है, जबकि हिमाचल में 2063.48 मिलियन यूनिट बिजली पैदा हो रही है। उत्तराखंड में बिजली की खपत 11618 मिलियन यूनिट की तुलना में हिमाचल में 9014 मिलियन यूनिट की ही खपत है। हालांकि गौर करने वाली बात यह भी है कि उत्तराखंड में उत्पादित होने वाली बिजली का बड़ा हिस्सा केंद्र सरकार के पास चला जाता है।

ज्यादा नहरें और ट्यूबवेल
हिमाचल की तुलना में उत्तराखंड में सिंचाई के साधन भी अधिक हैं। रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड में 2016-17 तक 70134 नहरें थीं और इस अवधि में हिमाचल में नहरों की संख्या 3344 ही थी। प्रदेश में कुएं और ट्यूबवेल के मामले में भी उत्तराखंड हिमाचल से काफी आगे है। राज्य के 2.31 लाख कुएं और ट्यूबवेल की तुलना में पड़ोसी राज्य में इनकी संख्या सिर्फ 26751 है।

शिक्षा के क्षेत्र में भी सुधार
राज्य गठन से पहले उत्तराखंड में शिक्षा के क्षेत्र की हालत बहुत अच्छी नहीं थी, लेकिन पिछले पिछले वर्षों में इसमें कुछ सुधार दिखा है। छात्र-शिक्षक उपलब्धता के मामले में सीनियर बेसिक की तस्वीर हिमाचल से उम्दा है। अलबत्ता प्राइमरी में 13 छात्रों पर हिमाचल में एक शिक्षक है, जबकि उत्तराखंड में 17 छात्रों पर एक शिक्षक है।

खाद्यान्न और फलों की पैदावर में आगे
रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तराखंड में 664655 मीट्रिक टन फल उत्पादन की तुलना में हिमाचल का फल उत्पादन 495362 मीट्रिक टन आंका गया। खाद्यान्न उत्पादन भी उत्तराखंड में अधिक है। राज्य में प्रति हेक्टेयर खाद्यान्न 23.8 कुंतल रहा तो हिमाचल में यह 20.61 प्रतिशत आंका गया।

यहां है हिमाचल आगे
रिपोर्ट के मुताबिक, स्वास्थ्य के क्षेत्र में हिमाचल अभी उत्तराखंड से आगे हैं। वहां 586 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की तुलना में उत्तराखंड में 259 पीएचसी हैं, जबकि 94 की तुलना में 85 सीएचसी हैं। राज्य में 318 एलोपैथिक डिसपेंसरी की तुलना में हिमाचल में सिर्फ 110 डिसपेंसरी ही हैं। हिमाचल में प्रति हजार शिशुओं में सिर्फ 22 बच्चों की मृत्यु होती है, जबकि उत्तराखंड में यह संख्या 32 है। पड़ोसी राज्य में 15.8 प्रतिशत जन्मदर है, जबकि उत्ताखंड में 17.3 प्रतिशत है। राजस्व प्राप्ति के मामले में भी हिमाचल अभी बेहतर स्थिति में हैं। वहां की सरकार ने उक्त अवधि में उत्तराखंड (26229 रुपये) प्रतिव्यक्ति खर्च की तुलना में 36134 रुपये अधिक राजस्व खर्च किया।

अर्थव्यवस्था भी सुधार की ओर
स्थायी मूल्य पर 2018-19 में राज्य का सकल घरेलू उत्पाद 193273 करोड़ रुपये था, जबकि उस कालखंड में हिमाचल का 117750 करोड़ रुपये आंका गया। रिपोर्ट में प्रति व्यक्ति आय के मामले में भी उत्तराखंड पड़ोसी राज्य से आगे है। राज्य की 198738 प्रतिव्यक्ति की तुलना में हिमाचल की 176968 आंकी गई है।

दोनों राज्यों की तुलनात्मक रिपोर्ट बता रही है कि उत्तराखंड कई क्षेत्रों में तरक्की की ओर है। यह रिपोर्ट नीति नियोजन के लक्ष्य तय करने में मार्गदर्शन का काम करेगी।
-सुशील कुमार, निदेशक, अर्थ एवं संख्या निदेशालय

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