बांध प्रभावित परिवारों को दिये जाने मुआवजा में हो रहे विलम्ब पर महाराज ने टीएचडीसी अधिकारियों को लगाई फटकार

बांध प्रभावित परिवारों को दिये जाने मुआवजा में हो रहे विलम्ब पर महाराज ने टीएचडीसी अधिकारियों को लगाई फटकार
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देहरादून। प्रदेश के सिंचाई, पर्यटन, लोक निर्माण, पंचायती राज, ग्रामीण निर्माण, जलागम, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने टिहरी बांध प्रभावित परिवारों के पुनर्वास हेतु प्रति परिवार 74.40 लाख रुपये की मुआवजा राशि वितरित किये जाने में हो रहे विलम्ब को देखते हुए टीएचडीसी अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई।

प्रदेश के सिंचाई, पर्यटन, लोक निर्माण, पंचायती राज, ग्रामीण निर्माण, जलागम, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने मंगलवार को सुभाष रोड़ स्थित अपने कैंप कार्यालय पर टीएचडीसी और पुनर्वास निदेशालय के अधिकारियों के साथ बैठक कर टिहरी बांध प्रभावित परिवारों के पुनर्वास हेतु प्रति परिवार 74.40 लाख रुपये की मुआवजा राशि वितरित किये जाने में हो रहे विलम्ब को देखते हुए टीएचडीसी अधिकारियों को जमकर फटकार लगाते हुए नंदगांव के अलावा ग्राम खाण्ड धारमण्डल व गडोली आदि प्रभावित गांवों के परिवारों को तत्काल मुआवजा राशि दिए जाने के निर्देश दिए।

ज्ञात हो कि पूर्व में सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज के प्रयासों के परिणाम स्वरूप टिहरी बांध प्रभावित 415 विस्थापित परिवारों की बरसों से चली आ रही समस्याओं का समाधान करते हुए केंद्र से कई दौर की बैठकों के बाद तय किया गया था कि टीएचडीसी पूर्ण प्रभावित प्रत्येक परिवार को 74.40 लाख रुपये का मुआवजा देगी।

सम्पाश्विक क्षति नीति-2013 एवं संशोधित सम्पाश्विक क्षति नीति-2021 के तहत टीएचडीसी द्वारा टिहरी बांध प्रभावित नंदगांव, ग्राम खाण्ड धारमण्डल व गडोली आदि प्रभावित गांवों के परिवारों को मुआवजा राशि का भुगतान किया जाना था। लेकिन टीएचडीसी द्वारा अभी तक नंदगांव के 24 पूर्ण प्रभावित परिवारों को ही मात्र 50% धनराशि 9 करोड़ 35 लाख ही वितरित हो पाये हैं। टीएचडीसी की लेटलतीफी को देखते हुए सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए पूर्ण प्रभावित गांवों के सपरिवारों को मुआवजा राशि वितरित किये जाने के निर्देश दिए हैं।

बैठक में टीएचडीसी के अधिशासी निदेशक यू.के. सक्सेना, एजीएम विजय सहगल, सचिव सिंचाई हरीश चंद्र सेमवाल एवं अधीक्षण अभियंता आर.के. गुप्ता आदि उपस्थित थे।

Mankhi Ki Kalam se

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