बहुप्रतीक्षित नौगांव बुकण्डी मोटर मार्ग बनकर तैयार, 14 साल का बनवास खत्म, लेकिन अभी राजतिलक का करना होगा इंतज़ार

बहुप्रतीक्षित नौगांव बुकण्डी मोटर मार्ग बनकर तैयार, 14 साल का बनवास खत्म, लेकिन अभी राजतिलक का करना होगा इंतज़ार
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यमकेश्वर: यमकेश्वर क्षेत्र के बहुप्रतीक्षित तूनखाल नौगाँव बुकण्डी मार्ग जो कि पीएमजीसवाई के द्वारा बनाया जा रहा है वह आज से 14 साल पहले जँहा पर अधूरा छोड़ दिया गया था वह लंबे संघर्ष के बाद पूर्णतः मिल गया है।

बता दे कि 1999 में तात्कालिक उत्तर प्रदेश की बसपा सरकार द्वारा अम्बेडकर गांवों को सड़क से जोड़ने की योजना के तहत तूनखाल नौगाँव बुकण्डी मोटर मार्ग की स्वीकृति दी गई थी लेकिन अनेको विवाद होने के कारण सड़क निर्माण में देरी हुई औऱ उसके बाद 2005 में उक्त सड़क का निर्माण शुरू हुआ। सड़क निर्माण का सर्वे तूनखाल से विंध्यवासनी तक किया गया था, लेकिन 2008 में सड़क बुकण्डी गाँव तक बनकर तैयार हो गई, औऱ कार्य बंद कर दिया गया। उसके बाद जब दोबारा सड़क को लक्ष्य तक पहुचाने की आवाज उठी तो उस दौरान उस क्षेत्र में वन विभाग द्वारा वनीकरण किया गया । जब स्थानीय निवासियों द्वारा उक्त सड़क के निर्माण के लिये पुनः प्रयास किया गया तो विभागों के बीच झूलती फाइलों ने कुछ और ही आईना दिखाना शुरु किया।

    पीएमजीसवाई  विभाग द्वारा दस्तावेजो में सड़क का निर्माण पूरा दिखाया गया, उनके अनुसार सड़क बुकण्डी की सीमा तक बनकर तैयार हो गई है, जबकि हकीकत में 6 किलोमीटर सड़क अभी औऱ बननी थी। इसी बीच जब फाइल आगे बढ़ी और वन विभाग द्वारा उक्त जमीन पर 107 पेड़ो की जगह 1007 सात पेड़ दर्शा दिये गए औऱ वन नियम के तहत अब सड़क निर्माण करना टेड़ी खीर साबित होने लगी।
स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता एस पी जोशी, महीपाल रावत, सत्यपाल रावत ने जब अधिकारी वर्ग से सम्पर्क साधा तो अनेको बाधाएं सामने आने लगी जिनका निराकारण उच्च स्तर से ही सम्भव था। उसके बाद 2017 में ऋतु खंडूरी तात्कालिन विधायक के।सामने उक्त सड़क के निर्माण के बारे में बताया गया। स्थानीय निवासियों ने उक्त सड़क के निर्माण के लिये नौगाँव बुकण्डी विंध्यवासनी सड़क संघर्ष जन शक्ति संगठन बनाया गया। 2020 में उक्त सड़क के लिये यमकेश्वर विधायक ऋतु खंडूरी एवं जिला पंचायत सदस्य उमरोली आरती गौड़ के द्वारा विभाग के साथ समन्वय बनाकर पुनः उक्त सड़क के लिये टेंडर जारी करवाने में सफल हुए। उसके बाद विंध्यवासनी से कार्य शुरू हुवा और लगभग एक साल में सड़क लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल रही।


अभी सड़क के 14 साल का वनवास तो समाप्त हो गया है, लेकिन अभी राजतिलक का लंबा इंतजार करना होगा, क्योकि अभी सड़क विंध्यवासनी तक ही स्थायी रूप से बनी है,जिसे ऋषिकेश तक आलवेदर सड़क के रूप में जोड़ा जाना होगा जिसके लिए आगे लम्बा संघर्ष करना बाकी है। उक्त सड़क के।निर्माण से तालघाटी ही नही बल्कि पूरे यमकेश्वर ब्लॉक के 50 से अधिक गाँव लाभान्वित होंगे जिनकी ऋषिकेश से जुड़ने की दूरी काफी कम हो जाएगी।
आज नवनिर्मित सड़क को पुरानी सड़क से जुड़ गई है, जिससे पूरे क्षेत्र में खुशी का माहौल है, औऱ क्षेत्र विकास के लिये महत्वपूर्ण उपलब्धि बतायी। खुशी को प्रकट करते हुए स्थानीय निवासियों द्वारा जेसीबी ऑपरेटरो का फूल मालाओं से समानित कर धन्यवाद ज्ञापित किया गया और इष्ट देवी माँ विंध्यवासनी का प्रसाद वितरित किया गया। इस मौके पर आज राजपाल राणा अध्यक्ष, दिनेश भट्ट जेष्ठ प्रमुख यमकेश्वर , मार्गदर्शक सत्यपाल रावत , ग्राम प्रधान बुकण्डी सुरेन्द्र सिंह, गवर सिंह असवाल, मुकेश जोशी, बलबीर असवाल, पूरण जोशी, दिनेश जोशी, बैशाखी देवी जोशी, आलम सिंह असवाल, मेठ, ऑपरेटर आदि उपस्थित रहे।

Mankhi Ki Kalam se

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