यमकेश्वर आपदाः आपदा के एक हप्ते बाद भी नहीं खुले सड़क मार्ग, ग्रामीणों को आजीविका से जुड़े सामग्री जुटाने की चिंता
यमकेश्वरः यमकेश्वर में आपदा के एक हप्ते बाद भी स्थिति भयावह है, अभी तक आपदा के घाव जैसे के तैसे हैं। आपदा के बाद सड़क पानी आदि की समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। गॉव में पेयजल की भारी समस्या है, जगह जगह पेयजल लाईनें टूटी पड़ी हैं, ग्रामीण बरसाती छोया या अन्य दूर दराज प्राकृतिक स्त्रोतों से पानी लाने को मजबूर हैं।
यमकेश्वर की लाईफ लाईन समझी जाने वाली लक्ष्मणझूला, काण्डी मोटर मार्ग गणेशपुर के पास अभी तक अवरू़द्ध है, जिस पर पिछले दिनों से जेसीबी मशीन लगी हुई है, लेकिन चट्टान काटने मे समस्या आ रही है, जिस कारण अभी तक मार्ग खुल नहीं पाया है। वहीं ब्लॉक मुख्यालय से जोड़ने वाला सड़क मार्ग, नौंगॉव बुकण्डी मोटर मार्ग, ताल खैराणा, मोटर, मार्ग, धारकोट जुलेड़ी मोटर मार्ग तूंगखाल- बुकण्डी मोटर मार्ग,तिलधार-यमकेश्वर मोटर मार्ग, नैल- बिजनी, देवराणा, कचुण्डा, देवराणा, गुण्डी, काण्डाखाल, भुमियाकिसार, कसाण आदि सड़के अभी तक बंद पड़ी हुई हैं।
वहीं जनप्रतिनिधियों का दौरा केवल हेंवल नदी के आस पास के क्षेत्र में हुआ है, जबकि शतरूद्रा घाटी और तालघाटी भी बहुत प्रभावित हुआ है, लेकिन अभी तक प्रशासन की टीम और ज्येष्ठ प्रमुख के अलावा चुने गये जनप्रतिनिधियों ने इन क्षेत्रों की सुधी नहीं ली है, जिस कारण गा्रमीणों में आका्रेश पनप रहा है। वहीं लोगों का कहना है कि सड़केंं बंद होने के कारण रोज जरूरत मंद चीजों के लिए व्यवस्था कर पाना संभव नहीं हो पा रहा है, जिस कारण गा्रमीणों मे ंचिंता व्याप्त है। आपदा के बाद गंदगी से कई लोग बीमार हैं, उनको अस्पताल ले जाने के लिए कोई संसाधन उपलब्ध नहीं है।
वही हाल पेयजल लाईने भी पूरी तरह से घ्वस्त हो चुकी हैं, साथ ही आने जाने के रास्ते भी बंद होने के कारण काफी मुश्किलों का सामना ग्रामीणांं को करना पड़ रहा है, खेती का नुकसान होने से किसान बहुत हताश हैं। अधिकांश स्कूलों के रास्ते टूट गये हैं, साथ ही पेयजल लाईन टूटने से नौनीहाल दूर दराज क्षेत्र में जाकर पानी लेकर आ रहे हैं, विद्यार्थियों का पठन पाठन में व्यवधान हो रहा है।
वहीं इस संबंध में यमकेश्वर प्रशासन के महकमे का कहना है कि सभी विभागों को व्यवस्था को पटरी पर लाने के निर्देश दिये गये हैं, प्रयास किया जा रहा है कि जल्दी से जल्दी सड़के खुलवाने का कार्य में शीघ्रता लाकर अन्य कार्यो को भी प्राथमिकता से किया जा सके।