शारीरिक बीमारी का कारण मानसिक अस्वस्थता से जुड़ा हुआ है

शारीरिक बीमारी का कारण मानसिक अस्वस्थता से जुड़ा हुआ है
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देहरादून। विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्यरत सामाजिक संस्था फोरगिवनेस फाउंडेशन सोसाइटी ने एस जी आर आर विश्विद्यालय के स्कूल ऑफ एजुकेशन के छात्रों और शिक्षकों के लिए स्वास्थ्य की जागरूकता के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला में प्रख्यात मनोवैज्ञानिक डॉ. पवन शर्मा ने शारीरिक बीमारियों के साथ उनसे जुड़े मानसिक पहलुओं पर ध्यान दिया और बताया कि चिकित्सा विज्ञान के अनुसार हमारी लगभग सभी बीमारियाँ मनोदैहिक होती हैं, इसका मतलब शारीरिक बीमारियों का जन्म हमारे मस्तिष्क में बसे अनसुलझे विचारों और मुद्दों के समाधान ना मिलने पर उनका प्रदर्शन शरीर के विभिन्न अंगों के द्वारा होता है। उन्होंने वैज्ञानिक अनुसंधानों और मनोवैज्ञानिक तकनीकों द्वारा दिखाया कि किस तरह हमारी मानसिक दशाएं हमारी शारीरिक दशाओं को प्रभावित करती है और समय रहते समाधान ना करने पर ये हमारे शरीर में विभिन्न कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के रूप में पैदा हो जाती है। यदि मानसिक स्वास्थ्य को गंभीरता से लिया जाए और समय पर स्वयं या पेशेवरों की मदद से अपने मानसिक तनाव और दूसरी परेशानियों का निदान कर लिया जाये तो भविष्य में होने वाली कई गम्भीर शारीरिक बीमारियों से बचा जा सकता है। साल 2022 में दुनियाभर में कैंसर के दो करोड़ मामले आयें हैं जिनमें 14 लाख भारतीय हैं। महिलाओं में सर्वाधिक मामले स्तन कैंसर के हैं और सर्वाधिक मौतें फेफड़ों के कैंसर से हुई है जिनमें तंबाकू का सेवन मुख्य कारण है। डॉ. पवन शर्मा ने प्रतिभागियों को अपने मानसिक रूप से स्वस्थ और तनावमुक्त रखने के लिए कई गुर और तकनीक सिखाई। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति फोरगिवनेस फाउंडेशन सोसाइटी द्वारा आयोजित मानसिक स्वास्थ्य शिविरों में निशुल्क परामर्श और थेरेपी की सुविधा ले सकता है। इस मौके पर भूमिका भट्ट, प्रोफेसर मालविका कंडपाल, डॉ. आनंद कुमार, सुनिष्ठा सिंह ने भी अपने विचार साझा किये।

Mankhi Ki Kalam se

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