बीन नदी पुल निर्माण को लेकर यमकेश्वर के जनता और प्रतिनिधियों द्वारा चीला बैराज मार्ग पर सांकेतिक धरना प्रदर्शन

यमकेश्वरः यमकेश्वर क्षेत्र के विकास गति अवरूद्ध होने एवं मुख्य मॉग बीन नदी पुल के निर्माण नहीं होने पर आज क्षेत्रीय जनता लामबंद होकर चीला-बैराज मोटर मार्ग पर धरना प्रदर्शन कर शासन प्रशासन के खिलाफ आक्रोश प्रकट किया। सांकेतिक धरना प्रदर्शन करने वाले आम जन मानस का कहना है कि उत्तराखण्ड राज्य बनने के बाद से ही बीन नदी पुल के लिए यहॉ का आम जनमानस लामबंद है, किन्तु कभी पार्क प्रशासन के नियमों ने फाईल आगे नहीं बढने दिया और उसके बाद 2020 में दो बार पुल बनने की घोषणा एवं टेण्डर पास होने की खबर प्रकाशित होने के बाद भी अभी तक पुल का निर्माण नहीं हो पाया है, जो कि बहुत ही निराशाजनक परिणाम है। इसके अलावा क्षेत्र की अन्य सड़कों का उच्च स्तरीय डामरीकरण, एवं निर्माण को लेकर भी जनता में आक्रोश है।
जिला पंचायत सदस्य उमरोली सुश्री आरती गौड़ ने कहा कि कई बार बीन नदी पुल के संबंध में प्रशासन के साथ वार्ता होने के बावजूद भी काम में हीला हवली की जा रही है, प्रशासन को जनता का दुख नहीं दिखाई दे रहा है, यह बहुत ही चिंताजनक स्थिति है। वहीं ग्राम प्रधान मल्ला बनास बचन सिंह बिष्ट ने कहा कि बीन नदी पुल के निर्माण नहीं होने से डांडामण्डल एवं ताल त्योडो घाटी का विकास पूरी तरह अवरूद्ध हो रखा है, उन्होनें कहा कि बीन नदी पुल नहीं बनता है तो हमें लबां आदोंलन करना पड़ेगा। वहीं क्षेत्र पंचायत सदस्य बूंगा एवं पूर्व सैनिक सुदेश भट्ट का कहना है कि यमकेश्वर क्षेत्र राजधानी से सटा हुआ है और दो तीर्थ नगरी की सीमा पर लगे होने एवं नीलकंठ जैसे पर्यटन स्थल होने के बावजूद भी यह क्षेत्र विकास से अछूता है, यह खेद जनक है, बीन नदी पुल की मॉग जनता पिछले 23 सालों से करती आ रही है, किंतु सरकार और प्रशासन इस पर ध्यान नहीं दे रही है।
सांकेतिक धरना प्रर्दशन करने वालों में श्री राजेन्द्र सिंह आशीष अमोली,, बचन बिष्ट , अंकित नेगी, , सत्यपाल रावत मधूसूदन बलूनी, विक्रम सिंह रावत, गंगा भोगपुर, विनोद जुगलाण, चन्द्र प्रकाश पेटवाल,आदि उपस्थित थे।