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यमकेश्वरः योगा क्षेत्र में उभरता सितारा दुर्गेश अमोली, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर बना चुके हैं कीर्तिमान

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यमकेश्वरः योगा से ही होगा निरोगी काया, के थीम को लेकर आज पूरे विश्व में योगा दिवस मनाया जा रहा है। योगा में अपना कैरियर देख रहे युवाओं के लिए योगा ना सिर्फ उनके शरीर को सौष्ठव और स्वस्थ ही नहीं रख रहा है, बल्कि वह इसमें अपना कैरियर भी बना रहे हैं, आज जिस उम्र में युवा नशे और गलत संगति में अपनी जवानी को बरबाद कर रहे हैं, वहीं कुछ युवा इससे हटकर कुछ नया कर अपना नाम कीर्तिमान कर रहे हैं।


ऐसे ही एक युवा जो गॉव से निकला और योगा में अपना कौशल दिखाकर नया कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। यमकेश्वर क्षेत्र के डांडामण्डल अमोला गॉव निवासी हृदयराम अमोली और संगीता अमोली के पुत्र दुर्गेश अमोली ने राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में प्रथम स्थान लेकर योगा में गोल्ड मेडल हासिल किया वहीं राष्ट्रीय स्तर पर गुजरात के अहमदाबाद में चतुर्थ स्थान प्राप्त किया।

  
ऋषिकुमार दुर्गेश अमोली ने बताया कि रिकॉग्नाइज्ड बाय द मिनिस्ट्री ऑफ यूथ अफेयर्स एंड गर्वनमेंट ऑफइण्डिया के नेशनल योगासन स्पोटर्स फेडरेशन द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में परमार्थ निकेतन में आर्टिस्ट योगासन पेयर में गोल्ड मेडल और आर्टिस्ट योगासन के रूप में गोल्ड मेडल हासिल किया। दुर्गेश अमोली परमार्थ निकेतन में संस्कृत की शिक्षा ग्रहण करने आया था। यहॉ आकर स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज और साध्वी भगवती के पावन सानिध्य और दिशा निर्देशन में योग को आत्मसात करने का अवसर मिला। दुर्गेश अमोली ने अपनी प्राईमरी शिक्षा यमकेश्वर के आवई माला में तथा 06 एवं सातवी की शिक्षां अपने ही गॉव के हाईस्कूल अमोला से किया। आठवीं कक्षा में परमार्थ निकेतन ऋषिकेश में दाखिला लिया और वहॉ से 12 परीक्षा उर्त्तीण की ।

          दुर्गेश अमोली वर्तमान में पतंजलि विश्वविद्यालय में योगा सांईस में ग्रेजुएशन करते हुए योग के नये अभ्यास सीख रहे हैं और अन्य को प्रशिक्षित कर रहे हैं। दुर्गेश अमोली का कहना है कि योग ने आज पूरे भारत का नाम विश्व में रोशन किया है। उनका कहना है कि युवाओं को अपने शरीर के सौष्ठव को यदि बनाकर रखना है और व्यक्ति को निरोग रहना है तो योग से अच्छा साधन और साधक दूसरा नहीं है।

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