उमरोली जिला पंचायत सदस्य आरती गौड़ गोहरी रेंज कार्यालय में करेगी सांकेतिक धरना प्रदर्शन, जानिए क्या है पूरा मामला
ऋषिकेश: गोहरी रेंज में दो कर्मचारियों के निलंबन का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। विगत कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश से आये पर्यटकों ने रात को राजा जी नेशनल पार्क में घूमने के लिये ड्यूटी पर तैनात वनकर्मियों को गेट खोलने और उन्हें घूमने के लिये कहा तो दोनों कर्मचारियों ने मना कर दिया। कर्मचारियों का कहना था कि पर्यटकों ने जिस जोन में जाने को कहा वँहा हाथी एवं अन्य जंगली जानवरों का खतरा रहता है, लेकिन पर्यटक जिद पर अड़े रहे। ईमानदारी से ड्यूटी कर रहे वन कार्मिक अनिल कुमार एवं हरीश कुमार के द्वारा पर्यटकों को रोकने पर उन्हें देख लेने की धमकी दी गई। बाहर से आये पर्यटकों ने जब उसकी शिकायत उच्च वनाधिकारी को कर दी गई तो कर्मचारियों के पक्ष जाने बगैर रसूखदार लोगो की मनमर्जी नही होने पर उल्टा कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया।
इस सम्बंध में जिला पंचायत सदस्य आरती गौड़ ने वन विभाग को पत्र लिखकर उनके निलंबन वापिस लेने एवं ड्यूटी ज्वाईन करने के लिये लिखा लेकिन अभी तक प्रकरण पर कोई कार्यवाही नही होने के कारण उन्होंने अपने सोशल मीडिया से जानकारी साझा करते हुए लिखा है कि कल 11 बजे गोहरी रेंज से निलंबित हुए वन कर्मियों का हौंसला बढ़ाने और उनके पक्ष में सांकेतिक धरने के लिए बैराज चौकी पहुंचूंगी । इच्छुक भाइयों से भी निवेदन है कि 11 बजे बैराज चौकी पर पहुंचकर उनका हौंसला बढ़ाने में अपना सहयोग जरूर प्रदान करें !
अन्यथा बाहर से आने वाले पर्यटक उत्तरा खंडियों को रोज पीटकर भी जाएंगे और उल्टा दबाव में उन्हीं के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करके उन्हें जेल भी भेजेंगे ! ये तनाशाही चलती रहेगी तो हम उत्तराखंडी एक दिन बर्बाद हो जाएंगे ।
सोचने वाली बात है कि एक बाहरी किसी vip के बेटे को रोक दिया तो वन दरोगा निलंबित हो गए और बीन नदी पर पुल नही बना, कौड़िया किमसार रोड़ नही बना,तल्ला गंगाभोगपुर बहने वाला है उस पर तट बन्ध नही बना तब तो कोई निलंबित नही हुए ।
हमें उत्तराखंडी होने की सजा मिल रही है क्या ? या उच्चाधिकारियों ने नियम सिर्फ मध्यम वर्गीय या छोटे तबके के लोगों और कर्मचारियों के लिए बनाए हैं ? साथ ही उन्होंने यह भी लिखा है कि अगर शाम तक कर्मचारी बहाल हो गए तो धरना स्थगित करेंगे और दोनों वन दरोगाओं को सम्मानित करेंगे।