बदरी केदार विकास समिति के वार्षिकोत्सव में दिखी रुद्रप्रयाग की संस्कृति की छटा ” बन्याथ” के साथ ही गढ़ नंदिनी स्मारिका का किया विमोचन

बदरी केदार विकास समिति के वार्षिकोत्सव में दिखी रुद्रप्रयाग की संस्कृति की छटा ” बन्याथ” के साथ ही गढ़ नंदिनी स्मारिका का किया विमोचन
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देहरादून, 25 दिसंबर।
बदरी केदार क्षेत्र के देहरादून में निवास कर रहे लोगों को अपनी बोली, भाषा, संस्कृति से रूबरू कराने के उद्देश्य से सीमांत चमोली व रुद्रप्रयाग जिलों के लोगों की प्रतिनिधि संस्था बदरी केदार समिति का ‘ बन्याथ’ नाम से वार्षिकोत्सव डिफेंस कॉलोनी के कम्युनिटी सेंटर में किया गया। इस अवसर पर संस्था की सारगर्भित स्मारिका ” गढ़ नंदिनी” का विमोचन भी किया गया।
बदरी केदार विकास समिति में मुख्य अतिथि विधायक रुद्रप्रयाग भरत चौधरी, विशिष्ठ अतिथि ओम प्रकाश भट्ट, भाजपा के प्रदेश संयोजक, उत्तराखंड प्रकोष्ठ, हरियाणा, उदय सिंह रावत, वीसी गुरु राम राय यूनिवर्सिटी, रियर एडमिरियल ओम प्रकाश सिंह राणा, भूतपूर्व महानिदेशक नौसेना, नीरज पंत, प्रदेश सह प्रभारी, भाजपा युवा मोर्चा के साथ ही पृथ्वि राज चौहान, पूर्व अध्यक्ष बार काउंसिल ऑफ उत्तराखंड, राजवीर सिंह बिष्ट, सदस्य एवम् पूर्व उपाध्यक्ष बार काउंसिल ऑफ उत्तराखंड ने दीप प्रज्वलित कर किया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने कहा कि बद्री केदार विकास समिति रुद्रप्रयाग और चमोली के प्रबुद्ध लोगों की संस्था हैं। समिति अपने लोगों को जोड़ने का निरंतर प्रयास करती रहती हैं काफी सराहनीय हैं।

 

बद्री केदार विकास समिति के अध्यक्ष विजय प्रसाद खाली और महासचिव एडवोकेट मुकेश सिंह राणा ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि दुर्भाग्य से पहाड़ों से मैदान की और लगातार पलायन बढता जा रहा है, ऐसे में हम लोग अपनी संस्कृति और जड़ों से दूर होते जा रहे हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए हर साल बन्याथ कार्यक्रम का भव्य आयोजन होता आ रहा है लेकिन दो साल कोरोना के वजह से कार्यक्रम आयोजित नहीं हो पाया, लेकिन इस वर्ष इस कार्यक्रम का भव्य आयोजन विगत वर्षो की भांति हुआ।
इस कार्यक्रम में रुद्रप्रयाग और चमोली जिले के देहरादून में रह रहे लोगों को संस्कृति से जोड़ने का के उद्देश्य से अभिनव प्रयास किया जा रहा है। समिति के महासचिव मुकेश सिंह राणा ने कहा कि कार्यक्रम में लोक संस्कृति के क्षेत्र के उभरते कलाकारों को मंच प्रदान किया गया। जिससे युवा अपनी पारंपरिक संस्कृति और बोली भाषा को बेहतर तरीके से जान सकेंगे।
उन्होंने बताया कि उत्तराखंडी साहित्य और संस्कृति से जुड़ी पुस्तकों तथा पर्वतीय क्षेत्रों के पारंपरिक उत्पाद यथा दाल, मोटे अनाज एवं शरबत, जूस, अचार आदि के स्टाल भी लोगों के आकर्षण का केंद्र रहे। हर बार की तरह भगवान बदरी केदार के प्रसाद स्वरूप सहभोज का भी आयोजन किया गया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम संगम कला मंच के संयोजक हेमंत बुटोला व उनकी टीम द्वारा किया गया।


इस अवसर पर गढ़ नंदिनी के संपादक विश्वनाथ बेंजवाल, समिति के सदस्य रमाकांत बेंजवाल, शशि भूषण मेठानी, नवल खाली, ओमप्रकाश और कुलदीप, दिनेश सेमवाल, डा. ओमप्रकाश जमलोकी, समिति के पूर्व अध्यक्ष भगवती प्रसाद किमोठी, बच्चन सिंह रावत के साथ ही समिति के कई सदस्य मौजूद थे

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