बीन नदी पुल फिर अधर में लटका, पार्क नहीं बल्कि इस विभाग की है भूमि
यमकेश्वरः यमकेश्वरःक्षेत्र के डांडामण्डल को जोड़ने हेतु बीन नदी सेतु इस क्षेत्र का बहुत ही चर्चित मुद्दा है। हर बार चुनाव के समय यह मुद्दा और अधिक गरमा जाता है। वर्ष 2000 में उत्तराखण्ड राज्य बनने के बाद स्थानीय लोग इस सेतु की मॉग करते आ रहे हैं। वर्ष 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने थल नदी मेले में इस पुल के निर्माण की घोषणा की थी। तात्कालीन विधायक, और वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूरी ने भी इस सेतु के निर्माण के लिए अथक प्रयास किये, किंतु कभी बजट, कभी पार्क की भूमि स्थानान्तरण आदि की प्रक्रिया को बतलाकर सेतु निर्माण को लटकाया जाता रहा । अभी मिली जानकारी के अनुसार पुनः यह पुल अधर में लटक गया है।
उत्तराखण्ड शासन का पत्र जो कि लोक निर्माण विभाग उत्तराखण्ड को जारी किया गया है के अनुसार मा. मुख्यमंत्री की घोषणा संख्या 155/2018 के अन्तर्गत जनपद पौड़ी गढवाल के विधानसभा यमकेश्वर में चीला पशुलोक मोटर मार्ग पर गंगा भोगपुर के पास बीन नदी पर 150 मीटर स्पॉन डबल लेन आर सीसी सेतु का निर्माण कार्य के संबंध विभागीय समिति की बैठक का आयोजन दिनांक 18 दिसम्बर 2023 को की गयी। उक्त पत्र के अनुसार बैठक में विभागीय अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया कि जिस स्थल पर बीन नदी पर सेतु बनना है, वह स्थल उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम लि0 के स्वामित्व का है। अतः उक्त घोषणा को ऊर्जा विभाग को हस्तानान्तरित किये जाने का विवरण परक प्रस्ताव शासन को भेजा जाना है।
बता दें कि बरसात में उक्त सेतु के निर्माण नहीं होने से डांडामण्डल क्षेत्र एवं ताल घाटी पूरी तरह से सम्पर्क से कट जाता है, वहीं यह सावन के माह में नीलकंठ कांवड़ यात्रा का वैकल्पिक मार्ग है, किंतु सेतु निर्माण नहीं होने से स्थानीय जनता वर्षों से लामबंद है। गंगा भोगपुर के ग्रामीणों द्वारा पुल नहीं तो वोट नहीं का स्लोगन देते हुए लोकसभा चुनाव 2024 का पूर्ण बहिष्कार करने पर विचार किया जा रहा है।