यमकेश्वर में मूसलाधार बारिश ने मचाई तबाही,  ग्राम जोगियाना के रवाड़ा तोक में दबा रिसाॅर्ट 4-5 लोंगो की मलवे में दबने की आशंका 

यमकेश्वर में मूसलाधार बारिश ने मचाई तबाही,  ग्राम जोगियाना के रवाड़ा तोक में दबा रिसाॅर्ट 4-5 लोंगो की मलवे में दबने की आशंका 
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यमकेश्वर में कल दिन रात हुई मूसलाबारिश के कारण पूरा क्षेत्र प्रभावित है। स्थानीय नदियाॅ सभी उफान पर हैं, हर जगह भूस्खलन और भूंधसांव की खबरें आ रही हैं, कई मकानों की दीवारें गिर गयी हैं, मकानों और खेतों में दरारें आ गयी हैं। नदीयों के किनारे बने रिसाॅर्ट और योगा सेण्टर बहने की खबरें हैं।

 

वहीं बताया जा रहा है कि ग्राम जोगियाना गाँव के रवाड़ा तोके में एक रिर्साट मलबे में दब गया है जिसमें 4-5 लोंगो की दबे होने की आंशका जतायी जा रही है। साथ ही कुछ वाहन भी दबे होने की खबर हैं। पुलिस और एसडीआरएफ की टीम पहॅुच नहीं पाई है, सारे सड़क मार्ग पर मलवा आने के कारण आने जाने के सभी मार्ग अवरूद्ध हो गये हैं, जिन्हें खुलवाने में बड़ी समस्या आ रही है। डीएम पौड़ी की तरफ से जेसीबी भेज दी गयी है। एसएसपी श्वेता चैबे ने बताया कि  स्थानीय लोगों की मदद से जानकारी जुटायी जा रही है।

वहीं नीलकंठ काण्डी मोटर मार्ग जगह जगह भूस्खलन होने के कारण जगह जगह मार्ग अवरूद्ध है, वहीं बूूगा ग्राम सभा के वीरकाटल में भारी भूस्खलन होने के कारण अपना घर छोड़कर अन्यत्र स्थानों में चले गये हैं, क्षेत्र में विद्युत व्यवस्था बाधित होने के कारण सभी के फोन स्वीच ऑफ़  आ रहे हैं, जिस कारण पर्याप्त जानकारी नहीं मिल पा रही है। वहीं नौंगाॅव बुकण्डी मार्ग भी जगह जगह से अवरूद्ध हो गया है। बुकण्डी ग्राम सभा के सतरग तोक में मदन बड़थ्वाल के घरों की दीवारों में भी दरारें आने की सूचना प्राप्त हुई है।

तालघाटी में नदी उफान पर है, और बड़वाला तोक में बना योगा कैंम्प नदी में बहने एवं बड़ावाला में बसी बस्ती में पानी आने की सूचना है। वहीं कसाण में रूपेन्द्र सिंह के नये मकान टूट गया है, भूमियाकिसार में रविन्द्र कुकरेती के घर का आॅगन टूटने और रसोई घर के उजड़ने की खबर है। वहीं अन्य जगहों में सम्पर्क नहीं होन के कारण यथास्थिति का पता नहीं चल पा रहा है।

Mankhi Ki Kalam se

One thought on “यमकेश्वर में मूसलाधार बारिश ने मचाई तबाही,  ग्राम जोगियाना के रवाड़ा तोक में दबा रिसाॅर्ट 4-5 लोंगो की मलवे में दबने की आशंका 

  1. आपने कोटा मल्ला की खबर नही लगाई जी वहां भी जीवन जीने के लायक नही खेत टूटे घरों पे दर्रार आ गए मकान पूरी तरह रहने लायक नही रहे

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