यमकेश्वर बुकंडी निवासी 37 वर्षीय युवक ने इलाज के अभाव में आधे रास्ते पर तोड़ा दम, सड़क नहीं होने से समय पर नहीं पहुंचा पाए अस्पताल
यमकेश्वर : यमकेश्वर बुकंडी निवासी 37 वर्षीय युवक शांति प्रसाद गैरोला पुत्र घनश्याम की अचानक ज्यादा तबियत बिगड़ने के कारण उसे पैदल है चारपायी में गाँव के युवाओ और नेपाली मूल के मजदूरों द्वारा त्याड़ो तक पहुँचाया गया, वंहा से वाहन से अस्पताल ले जाने की व्यवस्था की गई किन्तु तब तक बहुत देर हों गई और आधे रास्ते दिउली से आगे जाते ही युवक ने वाहन ही दम तोड़ दिया। मिली जानकारी के अनुसार नौगांव बुकंडी मोटर मार्ग तिमली अकरा के पास चिपली पैरी के पास भू स्खलन होने के कारण बाधित हों गया है जिस कारण यातायात पूरी तरह से बंद हों गया और मरीज को समय पर अस्पताल नहीं पहुँचाया जा सका।
मृतक शांति प्रसाद गैरोला का भाई विनोद गैरोला ने बताया की भाई की तबियत खराब हों रखी थी, पेट में समस्या थी जिसका इलाज चल रहा था, दवाई लेकर घर आया हुआ था, दोबारा चेकअप करवाने जाना था किन्तु सड़क नहीं होने के कारण ले जा नहीं पाए। कौड़िया विंध्यवासिनी ताल मार्ग में नदी होने के कारण रास्ता बंद है और नौगाँव बुकंडी मार्ग बारिश के चलते भू स्खलन होने से तरह बाधित हों रखा है। उन्होंने बताया की कल सुबह पेट में अचानक तबियत ज्यादा बिगड़ने लगी तो स्थानीय निवासी सुनील बडोला और सूरज बड़थवाल और सड़क पर काम कर रहे नेपाली मूल के व्यक्तियों द्वारा उन्हें चारपाई पर लिटाकर पैदल.ही त्याड़ो तक लेकर आये, वंहा से आगे वाहन से ले जाने की व्यवस्था की गई, किन्तु तब तक काफी देर हों गई और आधे रास्ते पर दिउली से आगे गाड़ी में ही दम तोड़ दिया। उन्होने कहा की यदि सड़क खुली होती या विंध्यवासिनी ताल रोड़ का स्थायी समाधान होता तो आज हमें अपने भाई को नहीं खोना पड़ता।
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बताते चले की कुछ दिन पूर्व ही बुकंडी के बेलवाला निवासी दर्शनी देवी की तबियत भी ऐसे ही खराब हों गई थी जिन्हे कुर्सी में बिठाकर बहती नदी में जान जोखिम में डालकर गंगा भोगपुर पहुंचाया गया था। ताल घाटी में हर साल इस तरह की समस्या आती है। स्थानीय निवासियों के द्वारा विगत 20. सालो से ऑल. वेदर सड़क की माँग की जा रही है किन्तु सुनवाई नहीं हों रही है।