आईएमए आर्मी कैडेट कॉलेज के दीक्षांत समारोह में 38 युवा ग्रेजुएट, बतौर लेफ्टिनेंट सेना में होंगे शामिल

आईएमए आर्मी कैडेट कॉलेज के दीक्षांत समारोह में 38 युवा ग्रेजुएट, बतौर लेफ्टिनेंट सेना में होंगे शामिल
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देहरादून। आईएमए की चैटवुड बिल्डिंग में आर्मी कैडेट कॉलेज का 121वां दीक्षांत समारोह आयोजित हुआ। इसमें 38 युवा कैडेट ग्रेजुएट होकर आईएमए की मुख्य धारा में शामिल हो गए। इनमें 12 कैडेट को विज्ञान और 26 को कला वर्ग की उपाधि दी गई। भावी अफसरों में अवार्ड पाने वालों में दो उत्तराखंड से हैं। शुक्रवार को कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल विजय कुमार मिश्रा ने कैडेट्स को जेएनयू की डिग्री प्रदान की। आईएमए में एक साल का प्रशिक्षण लेकर यह कैडेट बतौर लेफ्टिनेंट सेना में शामिल होंगे। कमांडेंट ने अफसर बनने की राह पर अग्रसर कैडेट्स को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं।

उन्होंने कहा कि चरित्र, आत्म-अनुशासन, साहस, प्रेरणा, सकारात्मक दृष्टिकोण और पेशेवर क्षमता से ही एक सफल लीडर की पहचान है। कहा कि उपाधि पाने वाले कैडेट्स की जिंदगी का यह अहम पड़ाव है। देश की आन, बान और शान बनाए रखने की जिम्मेदारी जल्द ही उनके हाथों पर होगी। उत्कृष्ट प्रदर्शन वाले कैडेट से उन्होंने कहा कि वे अपने प्रदर्शन में निरंतरता बनाए रखें। एसीसी कमांडेंट ब्रिगेडियर समीर करोल ने कैडेट्स को याद दिलाया कि एसीसी ने देश को बड़ी संख्या में ऐसे जांबाज अफसर दिए, जिन्होंने अपनी क्षमता के बूते कई वीरता पदक जीते। इनमें न केवल आईएमए का प्रतिष्ठित स्वार्ड ऑफ ऑनर है, बल्कि असाधारण साहस के लिए मिलने वाला परमवीर चक्र भी शामिल है। एसीसी के कई कैडेट सेना में उच्च पदों पर आसीन हुए।

इससे पहले एसीसी के प्रधानाचार्य डॉ. नवीन कुमार ने प्रगति रिपोर्ट पेश की। उन्होंने कहा कि एसीसी में पढ़ाई के साथ नई तकनीक का भी समावेश किया गया है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स साइंस पर भी फोकस किया जा रहा है।

Mankhi Ki Kalam se

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