इजराइल व हमास में लंबी लड़ाई तय

इजराइल व हमास में लंबी लड़ाई तय
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श्रुति व्यास
इस बार हमास के तेवर बहुत तीखे हैं। वह दम लेने को तैयार नहीं है। पिछले हफ्ते इजराइल पर नृशंस हमले के बाद से ही हमास ने अपने अगले कदम की योजना बनानी शुरू कर दी थी। 10 अक्टूबर की दोपहर को उसने एश्क्लोंन के नागरिकों को चेतावनी दी कि वे पांच बजे तक अपने घर छोड़ दें। डेडलाइन के बाद हमास ने वहां और दक्षिणी इजराइल के ज्यादातर इलाकों पर एक बड़ा राकेट हमला किया। यह हमला करीब 10 मिनट तक चला। उसने यह धमकी भी दी है कि अगर गाजा के नागरिकों पर इजराइल के हमले जारी रहे तो वह बंधकों की हत्या करना शुरू कर देगा। जाहिर है कि हमास को लग रहा है कि परिस्थितयां उसके अनुकूल हैं।

इजरायली सुरक्षा बल (आईडीएफ) के अनुसार हमास द्वारा 7 और 8 अक्टूबर को इजराइल की ओर 3,200 से अधिक राकेट दागे गए। यह संख्या हमास के गाजा पट्टी पर नियंत्रण कायम होने से (सन् 2014 और 2021 को छोडक़र) किसी भी साल में दागे गए राकेटों की संख्या से ज्यादा हैं। सात अक्टूबर को हमले की शुरूआत में छोड़े गए राकेटों की संख्या सन् 2014 और 2021 के टकराव के शुरूआती दौर में छोड़े गए राकेटों की संख्या से कहीं अधिक थी।

जाहिर है यह आतंकवादी संगठन निश्चित ही अब पहले की तुलना में बेहतर हथियारों से लैस है। उसे ईरान का समर्थन हासिल है और वह निर्दयी और बेखौफ हो गया है। इजराइल के बारे में चर्चा करते हुए हमास के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘या तो हम धीमी मौत की तरफ बढ़ें या हम कब्जे को ख़त्म करने की कोशिश करते हुए मारे जाएं।” इजराइल की जवाबी कार्यवाही भी उतनी ही क्रूर है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने युद्ध की घोषणा कर दी है और आपरेशन ‘आयरन स्वार्ड’ प्रारंभ कर दिया है। इजरायली रक्षा मंत्री ने गाजा पर “पूरी तरह कब्जा करने” का आव्हान किया है। आईडीएफ ने गाज़ा पट्टी पर अभूतपूर्व हवाई हमले किए हैं और तीन लाख रिजर्व सुरक्षा बलों को ड्यूटी पर बुला लिया गया है।

हमास ने सन् 2007 में गाजा और वहां के निवासियों पर अपना असर बनाया था। उसके बाद से वह इजराइल से चार दफा लड़ाई लड़ चुका है। कई छोटी मुठभेड़ें भी हुईं हैं। इनके नतीजे में हजारों लोग, जिनमें से अधिकतर फिलिस्तीनी थे, अपनी जान गँवा चुके हैं। लेकिन सन् 2021 में दो हफ्ते तक चले युद्ध के बाद हमास का प्रयास रहा है कि टकराव न बढ़े और उसने अन्य फिलिस्तीनी उग्रपंथियां को इजराइल पर राकेट हमले बंद करने के लिए भी कहा। कई इजराइलियों का मानना था कि यह इस्लामिक संगठन एक और बार खून-खराबा करने, जिससे कुछ भी हासिल नहीं होगा, की बजाय युद्धविराम कायम रखना चाहता है ताकि गरीब एवं बहुत अधिक जनसंख्या घनत्व वाली इस पट्टी के पुनर्निर्माण पर ध्यान केन्द्रित किया जा सके।

दूसरी ओर इजराइल की सरकार को लग रहा था कि जब तक शांति कायम रहती है तब तक हजारों फिलिस्तीनी मजदूरों को इजराइल में काम करने की अनुमति देने से शांति बनाए रखना हमास के लिए और भी फायदेमंद बन जाएगा। ऐसी आशा थी कि हमास को लम्बी अवधि के युद्धविराम का हिस्सा बनाया जा सकेगा। लेकिन 7 अक्टूबर के बर्बर हमलों से यह भ्रम टूट गया। इजराइल की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के पूर्व मुखिया याकोव अमीदोर ने कहा कि ‘‘आतंकवादी संगठन हमेशा आतंकवादी संगठन ही बना रहता है।”

लेकिन इजराइल भी गाजा और उसके निवासियों को बेरहमी से कुचलता रहा है, विशेषकर सन् 2007 में गाजा पर हमास का कब्जा होने के बाद से। इजराइल और मिस्त्र दोनों ने इस इलाके की घेराबंदी कर रखी है जिससे व्यापार बाधित हुआ है, अर्थव्यवस्था तबाह हुई है और लोग एक इलाके में कैद रहने के लिए मजबूर हुए हैं।इसके अलावा बाहरी दुनिया से उनका संपर्क टूट गया है। अब्राहम समझौते, जिनके जरिए इजराइल और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) सहित कई अरब देशों के इजराइल से कूटनीतिक संबंध स्थापित हुए थे, से गाजा के लोगों की यह धारणा और गहरी हुई कि अकेले वे ही तकलीफ भुगतने को मजबूर हैं। हमले की घोषणा करते हुए हमास की सैन्य शाखा के कमांडर मोहमम्द डेफ ने विज्ञप्ति में कहा, ‘‘हमने इन हालातों को हमेशा के लिए ख़त्म करने का फैसला कर लिया है ताकि दुश्मन को यह एहसास हो सके कि अब वह अपनी करनी का खामियाजा भुगते बिना मौज की जिंदगी नहीं जी सकता।”

हमास की योजना इस इलाके का नक्शा बदल देने की है। उसका लक्ष्य है कि फिलिस्तीन का मसला मध्यपूर्व के राजनैतिक एजेंडे में दुबारा सबसे ऊपर आ जाए। हमास के एक अधिकारी ने अपने इरादे जाहिर करते हुए कहा ‘‘हम वेस्ट बैंक के कब्जे वाले इलाके में पेलिस्टीनियन नेशनल एथारिटी (पीए) के बीमार राष्ट्रपति महमूद अब्बास और उन्हें सहारा देने वाले इजराइल के खिलाफ बगावत के शोले भडक़ाना चाहते हैं।”

हमास को समर्थन मिल रहा है। उसने साफ़ शब्दों में वेस्ट बैंक में उग्रवादियों से हथियार उठाने का आव्हान किया है, ताकि वहां भी अफरातफरी के हालात बन जाएं। हमले के एक दिन बाद हिजबुल्लाह ने लेबनान और सीरिया दोनों से उत्तरी इजराइल पर मिसाइल हमले किए।

हमास के आतंकी अब इजराइल के जमीनी हमले का मुकाबला करने की तैयारी कर रहे हैं, जो जल्दी ही होता नजऱ आ रहा है। हमास के पास योजना भी है और वह उत्साह में हैं। इससे ऐसा लगता है कि यह युद्ध कई दिनों और हफ्तों तक जारी रहेगा।

Mankhi Ki Kalam se

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