यमकेश्वर

नीलकंठ मार्ग पर अतिक्रमण के तहत रेहड़ी फड हटाने पर कार्रवाई का विरोध, पहले रसूखदारों के हटायेंं अतिक्रमण

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यमकेश्वरः शुक्रवार को यमकेश्वर क्षेत्र में अतिक्रमण के नाम पर स्थानीय जन प्रतिनिधियों व नागरिकों ने दिउली में यमकेश्वर विधायक और सरकार का पुतला दहन किया। यमकेश्वर में अतिक्रमण के नाम पर स्थानीय नागरिकों को परेशान किये जाने का आरोप लगाते हुए स्थानीय जनप्रतिनिधि और नागरिक एकत्रित हुए और इसका विरोध करते हुए कहा कि पहले रसूखदारों का अतिक्रमण हटाया जाय। जिला पंचायत सदस्य क्रान्ति कपरूवाण ने कहा कि लक्ष्मणझूला नीलकंठ मार्ग पर स्थानीय ग्रामीण अपनी आजिविका के लिए सड़कों के किनारे फड़ के रूप में अस्थायी दुकानें लगाकर चाय नाश्ता तथा स्थानीय उत्पाद बेचते हैं, जिन्हें अतिक्रमण बताकर हटाने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसी मार्ग पर कई ऐसे होटल और पक्के निर्माण हैं जो सरकारी भूमि पर रसूखदारों ने किये हैं।


उन्होनें आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसे अवैध निर्माणों के खिलाफ कोई कार्रवाही नहीं की जा रही है। जबकि स्थानीय गरीब नागरिकों से उनका अधिकार छीनने का प्रयास किया जा रहा है। स्थानीय नागरिकों ने आरोप लगाया कि क्षेत्र में सड़कों की स्थिति दयनीय है। पुल न होने के कारण लोग जान जोखिम में डालकर उफनती नदियों को पार करने को मजबूर हैं। ऐसे में प्रशासन को सिर्फ गरीब ग्रामीणों का रोजी रोटी का जरिया अतिक्रमण नजर आ रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में सूचना यमकेश्वर क्षेत्र आपदा से प्रभावित है, मगर राहत और बचाव कार्यों के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है।
स्थानीय और प्रभावित नागरिकों का कहना है कि प्रशासन को यदि अतिक्रमण को हटाना है तो पहले सरकारी जमीन पर हुए पक्के अवैध निर्माण को चिन्हित करें। पुतला दहने करने वालों में नीरज पयाल, ग्राम प्रधान कोठार ग्राम प्रधान आमड़ी धनज्जंय कपरूवाण, क्षेत्र पंचायत सदस्य उपेन्द्र पयाल, सुमित पंवार, प्रीतम पयाल, अनिल नेगी, ध्यानपाल बिष्ट किशन सिंह बलबीर सिंह पयाल आदि उपस्थित थे।

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